कानपुर की रिमझिम इस्पात कंपनी पर आयकर विभाग द्वारा की जा रही छापेमारी 9वें दिन देर रात समाप्त हुई. इस कार्रवाई में कंपनी के पास से करीब 500 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति, 350 करोड़ रुपये के फर्जी कारोबार और 100 से अधिक मुखौटा कंपनियों का पता चला. इसके अलावा, बोगस पर्चे और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बड़ी संख्या में टीमों के हाथ लगे, जिन्हें जांच के लिए कब्जे में ले लिया गया है।
फर्जी कारोबार और टैक्स चोरी का पर्दाफाश
9 दिनों तक चली इस जांच में लगभग 350 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के पुख्ता सबूत सामने आए हैं. साथ ही 500 करोड़ रुपये के फर्जी कारोबार का भी भंडाफोड़ हुआ. रिमझिम इस्पात के एमडी योगेश अग्रवाल के तिलक नगर आवास, आजाद नगर कॉरपोरेट ऑफिस और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी के दौरान टीमों ने पौने पांच करोड़ रुपये नगद, सोने के बिस्कुट और करीब चार करोड़ रुपये की ज्वैलरी बरामद की.
टीम को आई परेशानियां
जांच के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने कई मुश्किलें खड़ी कीं. कई ठिकानों पर वाईफाई कनेक्शन काट दिया गया और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के पासवर्ड बताने से इनकार कर दिया गया. आयकर टीम ने इन डिवाइस को अपने कब्जे में ले लिया है, क्योंकि माना जा रहा है कि इनमें फर्जी कारोबार से जुड़े अहम सबूत छिपे हैं.
55 ठिकानों पर छापेमारी
आयकर विभाग ने कंपनी और उसके सहयोगियों के 55 ठिकानों पर छापेमारी की. सभी जगहों से हेराफेरी और फर्जी कारोबार के सबूत जुटाए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए कानपुर स्थित एक केंद्र पर रखा गया है।
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