कानपुर-विदेशी सोना तस्करी मामले में प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्नेहा ने इत्र कारोबारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी । इस मामले में बीते सप्ताह सुनवाई पूरी हो चुकी थी। गौरतलब हो कि जिला जज के न्यायालय में रुपये बरामदगी मामले में पीयूष की एक और जमानत पर सुनवाई चल रही है। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर स्थित आनंदपुरी और कन्नौज स्थित घर व फर्म पर महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) की टीम ने 22 दिसंबर 2021 को छापा मारा था । करीब पांच दिन चले अभियान में इत्र कारोबारी के घर से डीजीजीआइ टीम को 196 करोड़ रुपये और 23 किग्रा विदेशी मुहर लगा सोना बरामद हुआ था । विदेशी मुहर होने के चलते जांच एजेंसी ने इसे तस्करी का सोना बताते हुए पीयूष पर मुकदमा शुरू किया है । इसी मामले में इत्र कारोबारी की ओर से विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की गई थी । बचाव पक्ष के अधिवक्ता चिन्मय पाठक की दलील थी कि जांच एजेंसी साबित नहीं कर सकी है कि यह तस्करी का सोना है । इस मामले में उनका मुवक्किल वैसे ही लंबे समय से जेल में है।
इत्र कारोबारी के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत की मांग की । अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अंबरीश टंडन ने विरोध करते हुए कहा कि आरोपित ने विदेशी सोना बिना किसी वैध दस्तावेज के अपने पास रखा । टैक्स अदा नहीं किया जिससे भारी राजस्व को क्षति हुई । जमानत दी गई तो साक्ष्यों से छेड़छाड़ की संभावना है। आरोपित ने वित्तीय अपराध किया है जिससे देश की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ा है । इस आधार पर उन्होंने जमानत न दिए जाने की अपील की । दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने पर्याप्त आधार न पाते हुए जमानत अर्जी निरस्त कर दी।
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