नई दिल्ली/ कानपुर : बिहार के फुलवारीशरीफ से जुड़े गजवा ए हिंद मामले में एनआइए ने पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) के 20 स्थानों पर छापे मारे। ये ठिकाने उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में स्थित हैं।
एनआइए ने छापे के दौरान 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद होने का दावा किया है। एनआइए ने जुलाई 2022 में इस मामले की जांच शुरू की थी और अभी तक 13 आरोपियों के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
इन जगहों पर मारे गए छापे
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीएफआइ के देश विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ जारी जांच के सिलसिले में इससे जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर छापा मारा गया है। ये छापे दिल्ली के फजलपुर, शाहीन बाग, ओखला व चांदनी चौक, मध्यप्रदेश के भोपाल, महाराष्ट्र के मुंबई व थाने, राजस्थान के टोंक व गंगानगर, उत्तरप्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, संत रविदास नगर और कानपुर के साथ ही तमिलनाडु के मदुरई में मारे गए।
उनके अनुसार छापे के दौरान बड़ी संख्या में लैपटॉप, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव और हार्ड डिस्क के साथ ही अन्य दस्तावेज बरामद किये गए हैं। ये दस्तावेज पीएफआइ के गजवा ए हिंद और 2047 तक इस्लामिक शासन स्थापित करने से जुड़े हैं।
छापे में बरामद किए गए 8.5 लाख रुपए
इसके अलावा छापे में 8.5 लाख रुपए नकद भी बरामद किये गए। एनआइए के अधिकारी के अनुसार पहली बार 11 जुलाई 2022 को फुलवारी शरीफ में मारे गए छापे में पीएफआइ के भारत में 2047 तक इस्लामिक शासन स्थापित करने से मंसूबे से जुड़े दस्तावेज मिले थे। इसे मामले में अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन खान, नूरुद्दीन झांगी उर्फ एडवोकेट नूरुद्दीन और अरमान मलिक उर्फ इमतियाज अनवर को गिरफ्तार किया गया था।
सिर्फ फुलवारीशरीफ तक सीमित नहीं पीएफआई की साजिश
जांच के दौरान साफ हुआ कि पीएफआइ का गजवा ए हिद की साजिश सिर्फ फुलवारीशरीफ तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका पूरे देश में फैला हुआ है। इस मामले में एनआइए पहले भी बिहार, यूपी, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में छापा मार चुकी है।
एनआइए के अधिकारी ने कहा कि गजवा ए हिंद मामले में प्रतिबंधित संगठन सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मुवमेंट आफ इंडिया) से जुड़े रहे अनवर राशिद को भी हिरासत में लिया गया है। अनवर राशिद ने ही फुलवारीशरीफ में बरामद गजवा ए हिंद दस्तावेज को तैयार करने और इसे पीएफआइ का एजेंडा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
सिमी पर प्रतिबंध के बाद अनवर राशिद वहादत ए इस्लामी नामक संगठन से जुड़ गया था और भारत में इस्मालिक शासन स्थापित करने एजेंडे को फैलाने की कोशिश कर रहा था। जांच में अनवर राशिद से जुड़े एक पब्लिक शग हाऊस की भूमिका भी सामने आ रही है।
कानपुर में डॉ अबरार के घर NIA ने छापा मारा, कई घंटे तक चली पूछताछ, दर्जनों पासपोर्ट और इस्लामिक लिट्रेचर बरामद
कानपुर में लखनऊ से आई नेशनल इनवेस्टीगेशन (एनआईए) की टीम ने पाॅपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कनेक्शन के शक में बुधवार को मूलगंज थाना क्षेत्र के हीरामन का पुरवा में डॉक्टर के क्लीनिक व घर पर छापा मारा। टीम ने डॉक्टर के घर से दर्जनों पासपोर्ट और इस्लामिक लिट्रेचर बरामद किया। डॉक्टर समेत 6 लोगों को मूलगंज थाने में लाकर घंटों पूछताछ चली।
इसके बाद पासपोर्ट उन्हें सौंप दिए, लेकिन इस्लामिक लिट्रेचर को जांच के लिए साथ ले गए। टीम ने जांच चलने तक सभी को शहर में ही रहने की हिदायत दी है। एनआईए की चार सदस्यीय टीम ने सुबह मूलगंज में हीरामन का पुरवा में रहने वाले डॉ. अबरार के क्लीनिक और यहीं पर स्थित उनके घर पर छापा मारा। टीम को डॉ. अबरार के क्लीनक पर लगे बोर्ड में उनके नाम के नीचे बीयूएमएमएस (एलआई) लिखा मिला।
गाइडेंस पब्लिकेशन के डॉ. ख्वाजा के बारे में पूछताछ
इसी बोर्ड पर इस्लामिक बुक स्टाल भी लिखा मिला, तो टीम ने घर के अंदर चेक किया, जहां बड़ी संख्या में इस्लामिक किताबें रखी मिलीं। अधिकारियों ने डॉ. अबरार से गाइडेंस पब्लिकेशन के डॉ. ख्वाजा के बारे में पूछताछ की। डॉक्टर ने बताया कि डॉ. ख्वाजा से अक्सर मदरसों के सम्मेलन में उनकी मुलाकात होती थी। फोन पर भी बातचीत की बात बताई। टीम ने सभी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर हाजिर होने की हिदायत देकर छोड़ दिया है।
Recent Comments