कानपुर शहर में आतंक का पर्याय बना शाहिद पिच्चा आखिरकार पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार हो ही गया। मुठभेड़ के दौरान पुलिस को शाहिद के पास से एक देशी तमंचा और जिंदा कारतूस मिले है। शाहिद के ऊपर कानपुर के विभिन्न थानों में आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर समेत 43 मुकदमे दर्ज है। शाहिद बीएनएस में नामजद वांछित और 25 हजार का इनामिया हिस्ट्रीशीटर अपराधी है।

डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह के मुताबिक सर्विलांस व मुखबिर की सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने चमनगंज थाना क्षेत्र के सईदाबाद स्थित उसके घर पर देर रात दबिश दी थी। पुलिस के आने की खबर पाकर शाहिद घर के पीछे के रास्ते से भाग निकला था। पुलिस ने पैदल और गाड़ियों से उसका पीछा किया। डिप्टी पड़ाव के पास पुलिस ने शाहिद को घेर लिया और रुकने की चेतावनी दी। पुलिस से घिरा पाकर शाहिद ने देशी तमंचे से पुलिस टीम पर फायर कर दिया। आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी कार्यवाही करते हुए गोली चलाई, जिससे शाहिद के दाहिने पैर में गोली लगी और वो घायल होकर गिर पड़ा। पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसको गिरफ्तार कर लिया और घायल अवस्था में इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार ने बताया कि यह शातिर अपराधी है, इस पर लूट और मर्डर जैसे मुकदमे दर्ज है, जिसमें यह फरार चल रहा था। उन्होंने बताया कि पहले यह मुंबई में छुपा हुआ था। पुलिस टीम एक महीने से इसकी तलाश कर रही थी। जब यह मुंबई से लौटा तब से अपने घर में ही रह रहा था। पुलिस को लगातार इसकी सूचना मिल रही थी। रात करीब तीन बजे पुलिस ने दबिश दी जिसके बाद यह पुलिस पर फायर करते हुए भागने लगा था। जिसके बाद मुठभेड़ के दौरान इसको गिरफ्तार किया गया है।
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