लाखों श्रमिकों का पेट भरने वाली शहर की औद्योगिक इकाइयां जल्द अपने उत्पादों को बुलंदियों तक पहुंचाएंगी।
कानपुर :- महानगर में प्रमुख उद्यमियों के साथ बैठक के दौरान राज्यपाल आनन्दी पटेल ने उनसे समाजहित में आगे आने को कहा। राज्यपाल ने उद्यमियों से आंगनबाड़ी केंद्रों को बेहतर बनाने एवं अन्य समाजहित के कार्यो में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा की सबकुछ बेहतर बनाने के लिए सरकार के साथ समाज को भी आगे आना होगा, लाखों श्रमिकों का पेट भरने वाली शहर की औद्योगिक इकाइयां जल्द अपने उत्पादों से उन बुलंदियों तक पहुंचेंगी, जिसके प्रयास लंबे समय से हो रहे हैं। चर्म, होजरी, प्लास्टिक, पैकेजिग, रबर व इंजीनियरिग समेत अन्य उद्योगों की जरूरत के अनुसार मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। प्लान तैयार करने में उद्यमियों की भी सहभागिता रहेगी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उद्यमियों के साथ हुई बैठक में ये बात कही। विस्तार से चर्चा करने को उन्होंने उद्यमियों को राजभवन बुलाया है। वहां बैठक करके उद्योगों को गति देने को योजनाएं बनाई जाएंगी।
यह पहली बार था, जब राज्यपाल शहर के उद्यमियों की जरूरतों को जानने के लिए उनसे रूबरू हुई। सीएसजेएमयू सभागार में हुए संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने न सिर्फ उद्यमियों की समस्याएं सुनीं, बल्कि उनके निस्तारण के लिए अफसरों को निर्देश भी दिए। कहा कि उद्योगों की बेहतरी के लिए जरूरत पड़ने पर वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात करेंगी। मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने उन्हें बताया कि 1803 में शहर का औद्योगिकीकरण प्रारंभ हो गया था। एल्गिन मिल, कानपुर वुलेन मिल, काटन मिल, जेके काटन जैसे उद्योगों के बीच यह शहर मैनचेस्टर आफ ईस्ट के नाम से जाना गया। शहर का चर्म उद्योग देश में 20 फीसद योगदान करता है, जबकि सैडलरी व हारनेस का निर्यात 90 फीसद का है। इस मौके पर डीएम आलोक तिवारी, जेके ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट संजय दुबे, चर्म निर्यात परिषद के रीजनल चेयरमैन जावेद इकबाल, अशरफ रिजवान, अनवारुल हक, गुलशन कुमार धूपर, अरुण कुमार गुप्ता, अविनाश राय, यादवेंद्र सचान, अविरल जैन, नवीन खन्ना, राजेश शुक्ला, लक्ष्मणदास रूपानी, कमल कटारिया, विजय पंडित, मुरारीलाल अग्रवाल समेत अन्य उद्यमी मौजूद रहे वही राज्यपाल से चर्चा करने के बाद उद्यमी काफी उत्साहित दिखे…
जेके ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट संजय दुबे ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी राज्यपाल ने उद्यमियों के साथ उद्योगों को लेकर चर्चा की है। कई प्रदेशों की कायापलट हो गई है, वहां पर उद्योग तेजी से दौड़ रहे हैं पर कभी एशिया का मैनचेस्टर कहलाने वाला कानपुर का परिदृश्य नहीं बदल पा रहा है। ऐसे मास्टर प्लान बनाने की जरूरत है, जिन्हें निर्धारित समयावधि में लागू किया जा सके। स्टार्टअप को लेकर सतही हकीकत के लिए मूल्यांकन करें, जिससे सच्चाई पता चल सके।
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