कानपुर। पुलिस कमिश्नरेट कानपुर में रिक्त चल रहे अपर पुलिस आयुक्त के पद पर बुधवार को आनंद प्रकाश तिवारी ने चार्ज संभाल लिया। उन्होंने ने कहा कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। इसके साथ ही उन पर पैनी नजर होगी, जो गिरोह बनाकर योजना के साथ अपराध करते हैं।
2004 बैच के हैं आईपीएस अधिकारी
डीआईजी आनंद प्रकाश तिवारी 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह असम में राज्य परिवहन निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात थे। हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से उन्हे प्रतिनियुक्ति पर यूपी भेजा गया है। यूपी आते ही उन्हें पुलिस कमिश्नरेट भेजा गया है। तिवारी को साहस व पराक्रम के लिए साल 2008 और 2012 में राष्ट्रपति का वीरता पुरस्कार दिया गया था। साल 2020 में मुख्यमंत्री असम द्वारा उत्कृष्ट सेवा पदक, 2019 में असम के मुख्यसचिव द्वारा प्रशंसा पत्र दिया गया। इसके अलावा उन्हें कई और पदक व सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।
यहां रह चुके हैं तैनात
पूर्व में वह परीवीक्षाधीन सहायक पुलिस अधीक्षक तिनसुकिया, उप विभागीय पुलिस अधिकारी रंगिया, कामरूप ग्रामीण जनपद में साल 2006-07, अपर पुलिस अधीक्षक जनपद नलबाड़ी, पुलिस अधीक्षक जनपद उदालगड़ी, पुलिस अधीक्षक जनपद तेजपुर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुवाहाटी, पुलिस अधीक्षक तिनसुकिया व जनपद शिवसागर में तैनात रह चुके हैं।
बताते चलें कि आनंद प्रकाश तिवारी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के निवासी हैं। उन्हें यहां क्राइम एंड हेड क्वार्टर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीआईजी डाॅ. मनोज कुमार के स्थानांतरण के बाद से यह पद रिक्त चल रहा था।
चार्ज लेते ही फर्जी जमानतगीर गिरोह का किया खुलासा
डीआईजी आनंद प्रकाश तिवारी कानपुर में अपर पुलिस आयुक्त का चार्ज संभालते ही फर्जी जमानतगीर गिरोह का खुलासा कर दिया। इस गिरोह में एक अधिवक्ता, दो मुंशी व दो अन्य हैं। उन्होंने बताया कि गिरोह के सदस्यों से पूछताछ के बाद यह पता लगाया जाएगा कि अब तक कितने अपराधियों को इन लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये जमानत करवाई है।
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