Pahalgam Attack: हमले में शामिल आतंकियों पर कार्रवाई, एक का घर बम से उड़ाया, दूसरे के मकान पर चला बुलडोजर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। एक आतंकी के...

Kanpur : पूरी शक्ति से आतंक के विषैले फनों को कुचला जाएगाः सीएम योगी

विज्ञापन कानपुर : पहलगाम आतंकी हमले का शिकार बने कानपुर के शुभम द्विवेदी के अंतिम दर्शन करने...

पहलगाम में आतंकी घटना के बाद पीएम मोदी दौरा रद्द, कल नहीं आएंगे कानपुर…

विज्ञापन Kanpur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कानपुर दौरा रद्द हो गया है. जम्मू और कश्मीर...

Kanpur : पहलगाम आतंकी हमले पर मॉर्निंग वाकर्स में भी आक्रोश- बोले भारत करेगा पलटवार।

आर के सफ्फर कानपुर : कम्पनी बाग सीएसए के मॉर्निंग वाकर्स ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताते हुए...

Kanpur : पहलगाम आतंकी हमले पर मॉर्निंग वाकर्स में भी आक्रोश-बोले भारत करेगा पलटवार

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Pahalgam Terrorist Attack : पहलगाम हमले में लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्‍या, कानपुर के युवक ने भी गंवाई जान।

Pahalgam Terrorist Attack Live Updates: पहलगाम आतंकी हमले में 27 से ज्‍यादा लोगों की मौत की खबर...

Pahalgam Attack: सेना की वर्दी पहनकर आए थे आतंकी… कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों को ऐसे बनाया निशाना

pahalgam terror attack जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी के पास आतंकियों ने घुड़सवारी कर रहे...

यूपीएससी नतीजों में यूपी का जलवा, शक्ति दूबे बनीं टॉपर

विज्ञापन नई दिल्ली। UPSC Toppers List: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने यूपीएससी सिविल सेवा अंतिम...

पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट क्यों( पत्रकार बदनाम क्यों)-अभय त्रिपाठी

(पत्रकारो के लिए सकारात्मक दृष्टि से चिंतन मनन का विषय) बदलते समय और बदलती सोच के साथ पत्रकारिता...

कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी की कलम से : चौथा स्तंभ अर्थ..

अभय त्रिपाठी / मीडिया को अक्सर चौथा स्तंभ कहा जाता है , यह शब्द समाज, शासन और लोकतंत्र पर इसके...
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मुख्तार बाबा उर्फ बाबा बिरयानी

कानपुर :-नई सड़क पर हुए उपद्रव के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी से कस्टडी रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में मुख्तार बाबा से कनेक्शन सामने आया है। जब पुलिस ने उसकी कुंडली खंगाली तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए पुख्ता जानकारी के बाद एसआईटी द्वारा मुख्तार बाबा को अरेस्ट कर लिया है। तीन जून को जुमा की नमाज के बाद दुकानें बंद कराने को लेकर विवाद के बाद पथराव, बमबाजी हुई थी। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर भी ईंट-पत्थर चलाए थे। पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज करने के साथ 57 लोगों की गिरफ्तारी की है। पुलिस ने उपद्रव के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के साथ जावेद मोहम्मद खान, मोहम्मद राहिल, मोहम्मद सूफियान को 52 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की, जिसमें हयात के संबंध मुख्तार बाबा से होने की जानकारी मिली थी जिसकी बिरयानी की दुकान है, लेकिन जांच में सामने आया है कि वह विवादित और शत्रु संपत्तियां खरीदता था। उन्हें खाली कराने में वह डी-टू गिरोह के गुर्गों की मदद लेता था।


पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि कानपुर के बेकनगंज में जो जगह सरकारी रिकॉर्ड में राम-जानकी मंदिर के तौर पर दर्ज है, वहाँ आज बाबा बिरयानी नाम से रेस्टोरेंट की चल रहा है उंसके बाद शहर में 3 जून 2022 को जुमे की नमाज के बाद जो हिंसा भड़की थी, उस दिन पत्थरबाजों को बिरयानी खिलाई गई थी। सूत्रों के अनुसार इसकी सप्लाई बाबा बिरयानी ने ही की थी। दरअसल 3 जून को हुई हिंसा में कम उम्र के बच्चों द्वारा पथराव के CCTV फुटेज सामने आए थे। ताजा खुलासे के मुताबिक आरोपितों को न सिर्फ कुछ बिल्डरों द्वारा फंडिंग की गई बल्कि शहर की चर्चित और विवादित बाबा बिरयानी की भी हिंसा में संलिप्तता थी। आरोप है कि बाबा बिरयानी ने न सिर्फ हिंसा के लिए फंड जुटाए, बल्कि पथराव से पहले हमलावरों को बिरयानी भी खिलाई थी। बाबा बिरयानी के मालिक का नाम मुख्तार अहमद बाबा है। उस पर मंदिर की जमीन को कब्ज़ा कर वहाँ बिरयानी की दुकान खोल लेने के आरोप पहले से हैं। मुख़्तार कभी राम-जानकी मंदिर के एक हिस्से में साइकिल रिपेयरिंग का काम करता था।

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डी-टू गैंग का खजांची है मुख्तार बाबा।

डी-टू गैंग के आतंकी कनेक्शन की जांच कर रही पुलिस के सामने एक नया राज उजागर हुआ पुलिस को 17 साल पुराना एक ऐसा दस्तावेज मिला जिसमें कहा गया है कि बाबा बिरयानी का मालिक मुख्तार बाबा डी-टू गैंग का खजांची है। रिपोर्ट में चौकाने वाला तथ्य यह भी है कि माफिया सरगना अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी को गिरोह का राजनैतिक आका बताया गया है। डी-टू गैंग के भाइयों में सबसे खतरनाक रफीक को 29 मार्च 2005 को एसटीएफ व कानपुर पुलिस ने कोलकाता के इंटौली थानाक्षेत्र से गिरफ्तार किया था। उसके कब्जे से .38 बोर की रिवाल्वर बरामद हुई थी। उस वक्त पुलिस ने रफीक से जो पूछताछ की है, उसका पूरा डोजियर डी-टू गैंग की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के हाथ लगा है। पूछताछ में खुद रफीक ने स्वीकार किया है कि बाबा मुख्तार उसके गिरोह का सदस्य है। उसका काम गिरोह की आर्थिक जरूरतों को पूरा करना है। रफीक ने बाबा मुख्तार को प्रापर्टी डीलर बताया है।

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हालांकि, तब तक बाबा मुख्तार बाबा बिरयानी की वजह से शहर में मशहूर हो चुका था। रफीक ने मुख्तार को खजांची के साथ ही गिरोह का आश्रयदाता भी बताया है, जोकि पुलिस का दबाव पड़ने पर अपने घर गिरोह के सदस्यों को पनाह देता है। गिरफ्तारी के कुछ समय बाद गोविंदनगर क्षेत्र में पुलिस अभिरक्षा में रफीक की डी-39 परवेज गैंग द्वारा दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।

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दहशत का माहौल बना खाली करा ली हिंदुओं की बस्ती

17 साल पुरानी रिपोर्ट के साथ ही एक और वर्ष 2010 की रिपोर्ट पुलिस के हाथ लगी है। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, डी-2 गैंग का पंजीकरण वर्ष 1988 में हुआ। 19 जनवरी 2010 को गिरोह को आइएस-273 (इंटर स्टेट यानी अंतरराज्यीय) नाम दिया गया। इस रिपोर्ट में जिक्र है कि डी-टू गैंग के राजनैतिक आका प्रयागराज का माफिया सरगना अतीक अहमद और मऊ का मुख्तार अंसारी है। दोनों ही इस गैंग को मदद करते रहे हैं।

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खास बात यह है कि एक रिपोर्ट, जिसमें गिरोह की आर्थिक हैसियत का जिक्र है, उसमें कहा गया है कि डी-टू गैंग ने अपनी दहशत के बल पर कानपुर में उन बस्तियों से हिंदुओं का पलायन कराया, जहां कभी मिश्रित आबादी रहती थी। कादरी बिल्डिंग उनमें से ही एक बताई जा रही है। डी-टू के दहशर्तगर्दों की जिसने बात नहीं मानी, उन्हें मार डाला गया और जो भागे, उसमें से किसी की जमीन पर जबरन कब्जे करके संपत्ति संबंधी फर्जी कागजात तैयार करवा लिए तो किसी को औने-पौने दाम देकर भगा दिया गया। जमीनों की इस खरीद-फरोख्त से डी-टू गैंग ने तब के समय में करोड़ों के वारे न्यारे किए।


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