जब सेना से चुराई LMG खरीदना चाहता था मुख्तार… हिल गई थी मुलायम सरकार

मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज...

Mukhtar Ansari Death LIVE: मुख्तार अंसारी को आज किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक, 9 बजे होगा पोस्टमार्टम।

सिगबतुल्ला अंसारी ने भाई मुख्तार अंसारी की मौत पर कहा है कि साजिश हुई है. पोस्टमार्टम अबतक नहीं...

Mukhtar Ansari : मुख्तार के साथ आतंक के ‘अध्याय’ का भी अंत, माफिया के साथ ही दफन हो गए कई राज भी

Mukhtar Ansari Death मुख्तार दो बार निर्दलीय उम्मीदवार रहकर भी विधानसभा चुनाव जीता। सपा-बसपा से...

मुख्‍तार की हार्ट अटैक से मौत, UP में 5 साल में विकास दूबे से मुन्‍ना बजरंगी तक… इन बड़े गैंगस्‍टरों का हुआ सफाया।

Mukhtar Ansari Death: माफिया डॉन मुख्‍तार अंसारी की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई. यूपी पुलिस...

एक था मुख्तार: दादा स्वतंत्रता सेनानी, चाचा रहे उपराष्ट्रपति… माफिया मुख्तार अंसारी के परिवार की पूरी हिस्ट्री

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी का कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. जेल में तबीयत बिगड़ने के बाद...

UPtvLIVE : मुख्तार अंसारी की मौत के बाद यूपी में हाई अलर्ट, कई जिलों में पुलिस का फ्लैग मार्च..

यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. बांदा जेल में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई...

Mukhtar Ansari Profile: जानें कब और कहां से शुरू हुआ था मुख्तार अंसारी का सियासी सफर, पढ़ें पूरी कहानी

Mukhtar Ansari Political Profile: मुख्तार अंसारी का इतिहास हर चुनाव में अलग-अलग राजनीतिक दलों या...

Mukhtar Ansari Death: माफिया मुख्तार अंसारी की इलाज के दौरान मौत, तबीयत खराब होने पर जेल से लाया गया था मेडिकल कॉलेज

उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई। जेल की बैरक...

लोकसभा चुनाव : जानिए कौन है रमेश अवस्थी बीजेपी ने क्यों बनाया कानपुर से उम्मीदवार।

  अभय त्रिपाठी / कानपुर : छोटे से गाँव के किसान परिवार में जन्मे, संघ की पृष्ठ भूमि से आने वाले...

#Kanpur : सांसद सत्यदेव पचौरी लोकसभा टिकट की दावेदारी छोड़ी, राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर किया इंकार।

UP Lok Sabha Election 2024: बीजेपी (BJP) के एक और सांसद ने चुनाव लड़ने के इनकार कर दिया है. कानपुर...
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कानपुर, सेना में कार्यरत कुटिया रामपुर निवासी विजय नारायण सिंह का एकलौता पुत्र प्रियांशु सिंह उम्र (16) और उनका साला सुजीत सिंह(20) मुक्ता देवी के दर्शन करने गए थे और वही यमुना नदी में स्नान करते वक्त दोनों डूब कर मर गए। विजय नारायण सिंह का आरोप है की कानपुर देहात स्थित पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों ने उनसे इस बात की घूस मांगी कि वह पैसा मिलने पर पोस्टमार्टम नहीं करेंगे और दोनों की लाशें परिजनों को सुपुर्द कर देंगे। पैसा ना देने पर पोस्टमार्टम हाउस के डॉक्टरों ने और कर्मचारियों ने मिलकर दोनों शवों को सड़ा दिया और परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने जब दोनों के शव देखने की बात की तो पोस्टमार्टम हाउस के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने शवों को खोलने से मना कर दिया। परिजन जब लाश को दफनाने जा रहे थे तो विजय नारायण सिंह ने अपने पुत्र को दफनाने से पहले सब लोगों के मना करने के बावजूद सील बंद शवों को जब खोला तो उनके ऊपर गाज गिर पड़ी क्योंकि दोनों शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुके थे। विजय नारायण सिंह का आरोप है कि शवों को डीप फ्रीजर में ना रखे जाने के कारण दोनों शव खराब हो गए। पोस्टमार्टम हाउस कर्मचारियों की लापरवाही की इंतहा यह थी कि उन्होंने दोनों शवों का पोस्टमार्टम करने के बाद दोनों के शरीरों को सिला तक नहीं था जिसके कारण दोनों के शरीर के आंतरिक अंग लीवर किडनी आदि दिखाई पड़ रहे थे। विजय नारायण सिंह के भाई ने बताया की इस मामले में पुलिस की भी लापरवाही हर कदम पर देखने को मिली है। थाना प्रभारी मूसानगर और उप जिलाधिकारी कानपुर देहात से एनडीआरएफ उपलब्ध कराने का बार बार निवेदन किया गया लेकिन एनडीआरएफ टीम उपलब्ध नहीं हो पाई जबकि परिजन एनडीआरफ टीम का खर्चा भी बर्दाश्त करने को तैयार थे। इस घटना का सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि पुलिस और पोस्टमार्टम कर्मचारियों की लापरवाही के कारण एक दुखी बाप को अंतिम समय में अपने बेटे को गले लगाने तक का मौका नहीं मिला क्योंकि पुत्र का शव पूरी तरह क्षत-विक्षत हो चुका था। यह घटना स्पष्ट करती है की योगी सरकार भले ही भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की बात करें लेकिन उत्तर प्रदेश के पुलिस निरंकुश है और उसके कार्य प्रणाली में कोई परिवर्तन नहीं आ रहा है।


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