कानपुर कमिश्नरेट पुलिस अब लॉ एंड ऑर्डर बनाये रखने के साथ जीवन भी बचाएगी, फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में हो रही ट्रेनिंग

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‘कानपुर प्रीमियर लीग’ (KPL) का मसकॉट “कपिका” मचाएगा धूम।

कानपुर प्रीमियर लीग का मसकॉट ‘कपिका’ के पोस्टर ने मचाई धूम, सबको खूब भाया...

SNK पान मसाला समेत चार जगहों पर IT रेड: कानपुर में 4 महीने बाद फिर छापेमारी, कारोबार से जुड़े व्यापारियों पर भी एक्शन

कानपुर में आयकर विभाग और DGGI की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। कानपुर में एसएनके पान मसाला और उससे...

कानपुर : KPL का आक्शन आज, 200 खिलाड़ियों की किस्मत का होगा फैसला।

कानपुर : कानपुर प्रीमियर लीग (केपीएल) का आक्शन नौ फरवरी को आइपीएल की तर्ज पर आर्यनगर स्थित गैंजेज...

मिल्कीपुर विधानसभा : संघ, संगठन और योगी बने जीत की गारंटी।

मिल्कीपुर की जीत ने एक बार फिर साबित किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगर ठान लेते हैं तो पूरा...

Delhi Election भगवा सुनामी में बिखर गया झाड़ू, बंपर बहुमत से BJP सरकार, केजरीवाल समेत बड़े-बड़ों की हार…

दिल्‍ली के सियासी दंगल में भाजपा ने आम आदमी पार्टी को पछाड़ दिया है. केजरीवाल, सिसोदिया सहित कई...

कानपुर : 9 फरवरी को KPL की नीलामी को संचालित करेगी अभिनेत्री ऋषि रोड़े 2 मार्च को होगा लीग का आगाज..

कानपुर : आईपीएल की तर्ज पर शहर में पहली बार होने वाली कानपुर प्रीमियर लीग (KPL) के लिए 9 फरवरी को...

उत्तर प्रदेश में रोजगार के खुलेंगे द्वार, योगी देंगे तोहफा, 8 लाख करोड़ से अधिक का बजट लाने की तैयारी

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कानपुर : ट्रांसगंगा सिटी पुल निर्माण की फिर जगी आस..

विज्ञापन कानपुर : ट्रांसगंगा सिटी के पुल निर्माण की एक बार फिर आस जगी है। सेतु निगम के संशोधित बजट...
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शहरी क्षेत्र में उत्तराधिकारी के नाम पर संपत्तियों का नामांतरण कराने के लिए किसी व्यक्ति से फीस के नाम पर घालमेल नहीं हो सकेगा। इसके लिए सरकार ने नामांतरण शुल्क मात्र 5000 रुपया निर्धारित कर दिया है। इसी प्रकार लीज होल्ड वाली संपत्तियों का नामांतरण कराने पर संपत्ति की कुल कीमत का एक फीसदी रकम शुल्क के रूप में देना होगा, जबकि अन्य श्रेणी की संपत्तियों के लिए भी सरकार ने पांच श्रेणियां तय कर दी हैं। इससे संबंधित ‘उत्तर प्रदेश नगर नियोजन और विकास (नामांतरण प्रभार का निर्धारण, उदग्रहण और संग्रहण) नियमावली.2022’ को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी गई है।

बता दें कि प्रदेश में अब तक विकास प्राधिकरण के सीमा क्षेत्र में स्थित शहरी संपत्तियों के नामांतरण के लिए कोई नियामवली नहीं थी। इसलिए प्राधिकरणों में मनामाने तरीके से नामांतरण शुल्क लेने का खेल चल रहा था। ऐसा ही एक मामला मुरादाबाद विकास प्राधिकरण से संबंधित था। जिसपर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बाद से ही नामांतरण के लिए नियमावली बनाने को लेकर विचार-विमर्श हो रहा था। इसी कड़ी में आवास विभाग ने नई नियमावली तैयार की है। इसमें विकास प्राधिकरण की लीज होल्ड और फ्री होल्ड वाली संपत्तियों के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं।

https://youtu.be/6ucpeGxyIc4

नियमावली के मुताबिक लीज होल्ड संपत्ति पर नामांतरण शुल्क उस समय संपत्ति के मूल्य का 1.0 प्रतिशत लिया जाएगा। हालांकि कानूनी उत्तराधिकारी के नाम पर नामांतरण या पंजीकृत बिल के मामले में मात्र 5000 रुपये ही शुल्क लिया जाएगा। इसके अलावा अन्य सभी संपत्तियों जैसे फ्री होल्ड, डीड ऑफ  गिफ्ट आदि के संबंध में डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति के मूल्य के आधार पर पांच श्रेणियां निर्धारित की गई हैं। नामांतरण के लिए ऑनलाइन शुल्क 100 रुपये रखा गया है। नई व्यवस्था अधिसूचना जारी होने की तिथि से प्रभावी होगी। यह नियमावली सभी विकास प्राधिकरणों में लागू होगी। संपत्ति एक से अधिक लोगों को बेची जाने पर 25 फीसदी की दर से अतिरिक्त नामांतरण शुल्क लिया जाएगा। नामांतरण शुल्क 10 दिन के अंदर जमा करना होगा।

नई नियमावली में अब संबंधित व्यक्ति को संपत्ति का नामांतरण करने से पहले अखबार में नामांतरण के लिए विज्ञापन निकालने का विकल्प चुनने का भी अधिकार दिया गया है। इससे पहले आवेदक को यह अधिकार नहीं था।

ये है पांच श्रेणियां
डीएम सर्किल रेट के अनुसार        नामांतरण शुल्क

. पांच लाख तक                    1000
. 5 से 10 लाख तक                2000
. 10 से 15 लाख तक              3000
. 15 से 50 लाख तक              5000
. 50 लाख से अधिक              10,000   


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