Kanpur : कुख्यात हिस्ट्रीशीटर राजबाबू सोनकर द्वारा अपनी पत्नी की ह्त्या के मामले में पुलिस ने आज तक नहीं लिया रिमांड, गुर्गे दे रहे धमकी।

कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र का ड्रग माफिया एवं कुख्यात हिस्ट्रीशीटर राजा बाबू सोनकर की नवविवाहिता...

करौली सरकार उर्फ संतोष सिंह भदौरिया की लंबी-चौड़ी है क्रिमिनलहिस्ट्री 1994 में हुई थी NSA की कार्यवाही।

कानपुर :-बिधनू स्थित लवकुश आश्रम के करौली सरकार बाबा उर्फ डॉ. संतोष सिंह भदौरिया के खिलाफ नोएडा के...

Kanpur : करौली बाबा और उनके समर्थकों पर FIR, नोयडा के डॉ ने लगाए गंभीर आरोप।

कानपुर :- किसान नेता से बाबा बने संतोष सिंह भदौरिया जो कि अब करौली बाबा के नाम से जाने जाते है...

उद्यमियों के होली मिलन समारोह में दिखे उत्साह और उमंग के रंग।

कानपुर :- कोऑपरेटिव इस्टेट, दादा नगर के प्रशासनिक भवन में शनिवार को उद्यमियों का ‘होली मिलन...

UP: पूर्व राज्यमंत्री विक्की छाबड़ा और उनकी पत्नी ने की सुसाइड की कोशिश, सामने आई ये वजह

कानपुर : उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के मेंबर गुरविंदर सिंह छाबड़ा विक्की और उनकी पत्नी ने नींद की...

गंगा मेला- जर्नलिस्ट क्लब के कैम्प में दिखा संस्कृति, संस्कार और सौहार्द का सैलाब।

कानपुर-ऐतिहासिक गंगा मेला में बुधवार को सरसैया घाट में लगे कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के कैम्प में...

Kanpur News: इरफान सोलंकी के खास वसीम राइडर की अवैध संपत्तियों की कुंडली मिली, जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई

Irfan Solanki News: समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki) इन दिनों महाराजगंज जेल...

उमेश पाल हत्याकांड: अतीक अहमद की पत्नी ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी, कैबिनेट मंत्री पर लगाया आरोप।

उमेश पाल हत्याकांड के संबंध में अतीक अहमद की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक लेटर लिखा...

उमेश पाल मर्डर: मुस्लिम हॉस्टल के कमरे में बनी खूनी प्लानिंग! हाई कोर्ट का वकील निकला मास्टरमाइंड

प्रयागराज में चंद दिन पहले ही हुए उमेश पाल खूनी हत्याकांड की प्लानिंग इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक...

कानपुर में कथित भाजपा नेताओं की दबंगई, महिला को मकान न छोड़ने पर जिन्दा जलाने की दे रहे धमकी।

Kanpur News : उत्तर प्रदेश में एक ओर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार लगातार भू-माफियाओं के...
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उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ आर्म्स एक्ट के एक मामले में एसीएमएम तृतीय कोर्ट में फैसला आना है। कोर्ट में फाइनल बहस के दौरान पेशी पर पहुंचे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें वहां से ले जाया गया। हालांकि बचाव पक्ष की ओर से गवाह पेश करने का प्रार्थना पत्र दिया गया है।

अवैध असलहा मामले में सुनवाई के दौरान शनिवार को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय की कोर्ट में पेशी पर पहुंचे यूपी सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की अचानक तबीयत बिगड़ गयी। नौबस्ता थाने में 1991 में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट सुनवाई थी और फैसला सुनाया जाना था।

https://youtu.be/6ucpeGxyIc4
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नौबस्ता थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष ब्रजमोहन उदेनिया ने 13 अगस्त 1991 को आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें मंत्री राकेश सचान को आरोपित किया था। राकेश सचान के पास से पुलिस को एक राइफल पर मिली थी। पुलिस के मुताबिक मौके पर राकेश सचान को लाइसेंस नही दिखा पाए थे, बल्कि वो राईफल का उनके बाबा के नाम लाइसेंस था।

अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव की कोर्ट में आर्म्स एक्ट का मामला विचाराधीन था और शनिवार को फैसला आना था। अभियोजन अधिकारी ने बहस पूरी की तो बचाव पक्ष की ओर से गवाह पेश करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। अभियोजन अधिकारी रिचा गुप्ता ने बताया कि मामला निर्णय पर है और अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। बचाव पक्ष की तरफ से कोई प्रार्थना पत्र उन्हें रिसीव नहीं कराया गया है।

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प्रार्थना पत्र स्वीकार हुआ तो फिर होगी बहस : एमएसएमई मंत्री राकेश सचान Rakesh Sachan के वकील की ओर से दिया गया प्रार्थना पत्र कोर्ट ने यदि स्वीकार कर लिया तो एक बार फिर से बहस शुरू हो सकती है।

सुबह से रही हलचल : कोर्ट में मंत्री राकेश सचान के मामले को लेकर सुबह से हलचल बनी रही। उनके कोर्ट परिसर में दाखिल होने के बाद चर्चाएं तेज हो गई। उनके खिलाफ गिट्टी चोरी के मामले में दोषी करार देने की अफवाह फैल गई तो सजा को लेकर भी चर्चाएं होने लगीं।

किस मामले पर रही अफवाह : मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आइपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी।

सपा से की थी राजनीति की शुरुआत : कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान Rakesh Sachan ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे और 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को करीब एक लाख वोटों से हराया था। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

चुनाव से पहले ज्वाइन की थी भाजपा : वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद राकेश सचान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने राकेश सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। प्रदेश सरकार में उन्हें एमएसएमई मंत्री बनाया था।

सपा छोड़कर कांग्रेस में हुए थे शामिल : लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा छोड़कर राकेश सचान Rakesh Sachan कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसमे फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई थी, जिस कारण वह नाराज थे।

उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव Akhilesh Yadav से बात की थी लेकिन कोई ठोस अश्वासन नहीं मिला था। इसकी वजह से सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राकेश सचान की पहचान कुर्मी नेता के तौर पर है। भाजपा ने राकेश सचान को कुर्मी बहुल इलाके भोगनीपुर से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत भी हासिल की थी।


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