डॉलर सूचकांक 10 महीने के उच्चतम स्तर पर।

डॉलर सूचकांक 10 महीने के उच्चतम स्तर पर: अमेरिकी डॉलर सूचकांक ने अपनी बढ़त बढ़ा दी है और अब 107 से...

शांति के मसीहा की जयंती पर आधा दर्जन की निर्मम हत्या, दबंगों ने मासूम बच्चों को भी नही बक्शा, खूँखार से तरीके किया क़त्लेआम।

जनपद देवरिया की दुर्भाग्यपूर्ण घटना अत्यंत दुःखद एवं निंदनीय है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों...

ग़ाज़ियाबाद में पुलिस की एक शर्मनाक चेहरा आया सामने, युवती के साथ छेड़खानी कर उससे अवैध संबंध बनाने की……

एक और पुलिस महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए मिशन शक्ति और पिंक चौकिया स्थापित कर रही है।...

Kanpur: जाणता राजा महानाट्य का मंचन आज से, शहर के 250 व मुंबई-पुणे से आए 150 कलाकार करेंगे अभिनय।

Kanpur News: वर्ष 2018 के बाद दूसरी बार कानपुर में जाणता राजा का मंचन होगा। सबसे महंगा टिकट पांच...

UP: खुशखबरी! यूपी पुलिस में 60 हजार पदों पर होगी भर्ती, चयन प्रक्रिया में क्या होंगे बदलाव, किन-किन जिलों में होगा फिजिकल, जानें डिटेल्स

➡️सब इंस्पेक्टर, कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे पद के लिए ऑनलाइन परीक्षा पर विचार। ➡️सिपाही और जेल वार्डर के...

अतीक और अशरफ अहमद हत्या मामला: यूपी सरकार ने SC में दखिल किया स्टेटस रिपोर्ट का हलफनामा

जस्टिस चौहान कमीशन को बिकरू कांड और उसके बाद विकास दुबे और उसके कुछ सहयोगियों की मौत की जांच की...

यूपी में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: 32 आईएएस अफसर हुए इधर से उधर, सुल्तानपुर सहित बदल दिए गए छह डीएम

ऐसा माना जा रहा है कि सुल्तानपुर में चिकित्सक हत्याकांड के बाद जिले के जिलाधिकारी का तबादला कर...

Kanpur : ब्लैक स्कार्पियो, आंखो पर चश्मा, सीधा जॉइंट सीपी के ऑफिस में सरेंडर हुआ भाजपा नेता, जानिए मामला।

दवा कारोबारी की आंख फोड़ने वाले भाजपा पार्षद के पति ने साथियों के साथ किया सरेंडररविवार को पुलिस...

लोकसभा चुनाव में अगर लागू हुआ MP वाला फॉर्मूला, कट जाएंगे टिकट, UP में BJP सांसदों की बढ़ी धड़कन।

लोकसभा चुनाव की तैयारियों को पूरा कराया जा रहा है। तमाम राजनीतिक दल अपनी रणनीति को धार देने में...

कानपुर : छोटे भाई को गोली मारकर हत्या करने वाले कलयुगी भाई को पुलिस ने 12 घंटे में दबोचा।

डीसीपी साउथ का बयान कानपुर में एक बड़े भाई ने छोटे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों छत पर...
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उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ आर्म्स एक्ट के एक मामले में एसीएमएम तृतीय कोर्ट में फैसला आना है। कोर्ट में फाइनल बहस के दौरान पेशी पर पहुंचे उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें वहां से ले जाया गया। हालांकि बचाव पक्ष की ओर से गवाह पेश करने का प्रार्थना पत्र दिया गया है।

अवैध असलहा मामले में सुनवाई के दौरान शनिवार को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय की कोर्ट में पेशी पर पहुंचे यूपी सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान की अचानक तबीयत बिगड़ गयी। नौबस्ता थाने में 1991 में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट सुनवाई थी और फैसला सुनाया जाना था।

https://youtu.be/6ucpeGxyIc4
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नौबस्ता थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष ब्रजमोहन उदेनिया ने 13 अगस्त 1991 को आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें मंत्री राकेश सचान को आरोपित किया था। राकेश सचान के पास से पुलिस को एक राइफल पर मिली थी। पुलिस के मुताबिक मौके पर राकेश सचान को लाइसेंस नही दिखा पाए थे, बल्कि वो राईफल का उनके बाबा के नाम लाइसेंस था।

अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव की कोर्ट में आर्म्स एक्ट का मामला विचाराधीन था और शनिवार को फैसला आना था। अभियोजन अधिकारी ने बहस पूरी की तो बचाव पक्ष की ओर से गवाह पेश करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। अभियोजन अधिकारी रिचा गुप्ता ने बताया कि मामला निर्णय पर है और अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। बचाव पक्ष की तरफ से कोई प्रार्थना पत्र उन्हें रिसीव नहीं कराया गया है।

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प्रार्थना पत्र स्वीकार हुआ तो फिर होगी बहस : एमएसएमई मंत्री राकेश सचान Rakesh Sachan के वकील की ओर से दिया गया प्रार्थना पत्र कोर्ट ने यदि स्वीकार कर लिया तो एक बार फिर से बहस शुरू हो सकती है।

सुबह से रही हलचल : कोर्ट में मंत्री राकेश सचान के मामले को लेकर सुबह से हलचल बनी रही। उनके कोर्ट परिसर में दाखिल होने के बाद चर्चाएं तेज हो गई। उनके खिलाफ गिट्टी चोरी के मामले में दोषी करार देने की अफवाह फैल गई तो सजा को लेकर भी चर्चाएं होने लगीं।

किस मामले पर रही अफवाह : मंत्री राकेश सचान के खिलाफ रेलवे की ठेकेदारी के दौरान गिट्टी चोरी होने पर आइपीसी की धारा 389 और 411 में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी गई गिट्टी की बरामदगी भी हो गई थी।

सपा से की थी राजनीति की शुरुआत : कानपुर के किदवई नगर के रहने वाले राकेश सचान Rakesh Sachan ने अपनी राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 1993 और 2002 में वह घाटमपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे और 2009 में उन्होंने फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। उन्होंने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को करीब एक लाख वोटों से हराया था। राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

चुनाव से पहले ज्वाइन की थी भाजपा : वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व सांसद राकेश सचान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने राकेश सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को हराकर जीत हासिल की थी। प्रदेश सरकार में उन्हें एमएसएमई मंत्री बनाया था।

सपा छोड़कर कांग्रेस में हुए थे शामिल : लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा छोड़कर राकेश सचान Rakesh Sachan कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सपा-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसमे फतेहपुर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई थी, जिस कारण वह नाराज थे।

उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव Akhilesh Yadav से बात की थी लेकिन कोई ठोस अश्वासन नहीं मिला था। इसकी वजह से सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राकेश सचान की पहचान कुर्मी नेता के तौर पर है। भाजपा ने राकेश सचान को कुर्मी बहुल इलाके भोगनीपुर से प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत भी हासिल की थी।


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