कानपुर का नारायण सिंह भदौरिया फिर से चर्चा में है। इस बार बाबूपुरवा की एक मकान को फ़र्जी कागजों की दम पर खरीद फरोख्त और कब्जा करने के आरोपों को लेकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है नारायण भदौरिया खादी-खाकी, अपराधी और वकीलों का सिंडिकेट बनाकर विवादित जमीनों से करोड़ों की संपत्ति कमा चुका है। नारायण के खिलाफ पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर थाना बाबूपुरवा में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज बनाना और धमकी जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
पनकी के साइट नम्बर 2 इलाके में रहने वाले राजेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया की उनका एक मकान नं0-130/307 (2) अजीतगंज बाबूपुरवा में है ये मकान उनके दादा ने 41 वर्ष पहले वसीयत किया था। मकान को राकेश अवस्थी ने चर्चित भूमाफिया नारायन सिंह भदौरिया के साथ साठगाँठ करके रजिस्ट्री कर दिया जिसके बाद से नारायण भदौरिया गैंग के मो चांद खां उर्फ चांद पिस्टल, मनोज अवस्थी, विद्यानन्द पाण्डेय उर्फ नन्दू पाण्डेय और अजमत उल्ला पठान व छोटू शमशाद अली, सरताज अली तथा प्रशांत सिंह समेत आधा दर्जन दबंगो ने उनका जीना दूभर कर दिया जिसके बाद उन्होंने पुलिस कमिश्नर के यहाँ गुहार लगायी।
पहली बार नारायण भाजपा तब सुर्खियों में आया था। जब उसने भाजपा का जिला मंत्री रहते हुए हिस्ट्रीशीटर को पुलिस हिरासत से छुड़वा लिया था। उसकी कॉल डिटेल में भाजपा के कई बड़े नेताओं का टच मिला था, लेकिन पुलिस ने किसी का नाम नहीं खोला था। अभी कुछ दिनों पहले ही वो फिर सुर्खियों में था और मामला था जाजमऊ की शालीमार टेनरी कब्जे को लेकर मारपीट और बवाल हुआ था। पुलिस की जांच में सामने आया था कि एक पक्ष से नारायण भदौरिया अपने गुंडों को लेकर टेनरी पर कब्जा कराने पहुंचा था। नारायण का वीडियो वायरल होने के बाद जाजमऊ पुलिस ने नारायण का नाम एफआईआर में खोलने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
संघ और भाजपा के नेताओं के टच में नारायण
जाजमऊ मामले में पुलिस ने नारायण की कॉल डिटेल जांची थी जिसमें शास्त्रीनगर में रहने वाले भाजपा व संघ के दिग्गज नेता की कॉल डिटेल मिली है। एक नए चुने हुए एमएलसी भी नारायण के सीधे संपर्क में है। पूर्व जेल मंत्री, संघ के कई बड़े पदाधिकारियों के नारायण के टच में हैं। कुछ पुलिस वालों के नाम भी सामने आए थे।
साथ ही हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह, हत्या में सजायाफ्ता मुजरिम राज बल्लभ पांडेय, बर्रा विश्व बैंक का धीरू शर्मा, अपराधी रॉकी यादव, हत्या में जेल जा चुके छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष आशीष साहू समेत अन्य अपराधी नारायण के गिरोह से जुड़े हैं। कचहरी में नॉन प्रैक्टिशनर वकीलों का भी नारायण के पास एक बड़ा सिंडिकेट है। जो शहर में सिर्फ जमीनों पर कब्जे और विवादित जमीनों की खरीद-फरोख्त करते हैं। इन सबके साथ मिलकर नारायण ने बड़ा सिंडिकेट बना रखा है।
भाजपा का जिला मंत्री रहते हुए हिस्ट्रीशीटर को पुलिस से छुड़वा लिया था
किदवई नगर में रहने वाला नारायण सिंह भदौरिया भले ही दूध का कारोबारी है। लेकिन उसका रसूख किसी माफिया से कम नहीं है। हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के बाद एक्सपोज हुआ था। भाजपा का जिला मंत्री था। पार्टी ने उसको निष्कासित किया था। उस वक्त उसके खिलाफ नौबस्ता में एफआईआर दर्ज की गई थी। नारायण के खिलाफ 2006 में किदवई नगर में मारपीट, 2012 में बाबूपुरवा में मारपीट के साथ ही अन्य थानों में कई मुकदमें दर्ज हैं।
शहर के सभी दिग्गज नेताओं से जुड़ रहे नारायण के तार
नारायण भदौरिया का सिंडिकेट इतना तगड़ा है कि कानपुर शहर के एक-दो नहीं सभी दिग्गज नेताओं के साथ उसके तार जुड़ रहे हैं। पुलिस ने उसकी फेसबुक प्रोफाइल चेक की तो भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक् से लेकर पूर्व जेल मन्त्री, किदवई नगर विधायक, कानपुर दक्षिण की जिलाध्यक्ष, नव निर्वाचित एमएलसी और कई विधायक व भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ उसकी सैकड़ों तस्वीरें सामने आई हैं।
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