कानपुर- अक्सर विवादों में रहने वाला दबंग नारायण सिंह भदौरिया भाजपा का पूर्व नेता है। पिछले साल मनोज सिंह नाम के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस अभिरक्षा से फरार कराने में नारायण का नाम प्रकाश में आया था, जिसके बाद उसे न केवल गिरफ्तार किया गया, बल्कि भाजपा ने पार्टी से बाहर कर दिया था।
डेढ़ दो महीने पहले जाजमऊ टेनरी विवाद में नाम आने के बाद नारायण के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खुलने और गैंगस्टर लगाने का दावा पुलिस अधिकारियों ने किया था, लेकिन पार्टी से बाहर होने के बावजूद अब भी उसे बड़े नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। यही वजह है कि उसके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई से पुलिस पीछे हट रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार टेनरी हिंसा के बाद नारायण भदौरिया के खिलाफ गुण्डा एक्ट लगाने की तैयारी की गई लेकिन बाद में कार्यवाही शिथिल पड़ गयी और वो प्रक्रिया अभी तक लम्बित है बल्कि कमिश्नरेट कानपुर नगर द्वारा हाल ही में कई लोगो पर गुंडा एक्ट और जिला बदर की कार्यवाही की गई है उनमें से कई छुटभैये है और किसान भी है जिसकी जमीन में कब्जा करने के लिए माफिया ने पुलिस से मिलीभगत करके ताबड़तोड़ रंगदारी के मुकदमे दर्ज करवा दिए थे। खैर अब देखना ये है नई एफआईआर के बाद पुलिस सक्रिय होती है या फिर सत्ता की धमक के आगे चुप्पी साधे रहती है।
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