पिता और पुत्री के अद्भुत प्रेम के उदगारों का वर्णन।
कानपुर की प्रतिष्ठित शिक्षाविद् एवं समाज सेविका डॉ परमजीत कौर छाबरा की नई पुस्तक का “याद बहुत आते हो तुम” का विमोचन प्रसिद्ध कवयित्री और साहित्यकार डॉ कमल मुसद्दी के द्वारा गुरुवार को कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में किया गया। विमोचन कार्यक्रम का संचालन रंजना यादव द्वारा किया गया।
पुस्तक डॉ परमजीत कौर छाबरा ने अपने पिता सरदार जोगिन्दर सिंह की स्मृति में लिखी है पुस्तक में पिता और पुत्री के अद्भुत प्रेम के उदगारों का गजब का वर्णन है। अक्सर कहा जाता है कि आपका बेटा तभी तक आपका बेटा होता है जब तक इसका विवाह नहीं हो जाता। फिर वह किसी का दामाद बन जाता है, पति बन जाता है, जीजा बन जाता है, पिता बन जाता है लेकिन पुत्र कम ही रह पाता है। परंतु कुदरत की अनोखी सुंदरता है बेटी हमेशा बेटी ही रहती है उसके अंदर अपने माता-पिता के प्रेम में कभी भी कैसी भी कमी नहीं आती ॥
डॉक्टर परमजीत कौर ने मौजूदा समय मे सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल प्रतापगढ़ की प्रिंसिपल हैं। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी है। उनकी अधिकांश पुस्तकों में मानवीय मूल्य भावनात्मकता एवं मार्मिकता का मूलाधार होता है। उनके द्वारा लिखी गई आखिरी पुस्तक पुस्तक वर्चुअल से वास्तव तक भी यही दर्शाती है कि किस प्रकार मोबाइल ने एक कृतिम दुनिया सृजित करके संबंधों मानवीय मनोभावों और आपसी विश्वास को खंडित कर के रख दिया है। पुस्तक अगस्त माह से पाठकों के लिए विभिन्न वेबसाइट एवं क्रय केंद्रों पर उपलब्ध है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कानपुर बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री अनूप कुमार द्विवेदी, ब्रजभूषण सिंह, भगवन्त अनमोल, डॉ राकेश शुक्ला, मृदुल कपिल मौजूद रहे।
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