केस डायरी व पुलिस रिपोर्ट के लिए कोर्ट ने 24 अगस्त की तारीख नियत कर दी है। तब तक गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने अंतरिम जमानत की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
कानपुर-कंपनी के नाम पर बैंक से ऋण लेकर निजी हित में इस्तेमाल करने के आरोपी मोहनी चाय के निदेशक रमेश चंद्र अग्रवाल की पत्नी व बहू को विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट दयाराम ने अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई 24 अगस्त को होगी।
ये पैसों ने रिश्तों को कहां पहुंचा दिया है ,, महज कुछ रुपयों के लालच में अपने उस छोटे भाई के फर्जी दस्तखत बना कर कूटरचित कागज तैयार कर लिए , जिसे कभी गोद में खिलाया होगा ,,, या उस भाई ने सदैव सम्मान किया होगा ,,, मेरी जानकारी के अनुसार ऐसा नहीं है कि उस भाई ने मामले को ऐसे मुकदमे की हद तक न जाने देने के लिए प्रयास नही किया होगा ,, लेकिन 5 गांव और सुई की नोक की कहानियां आज भी प्रासंगिक हैं ,, बहुत मजबूरी में अर्जुन को कृष्ण के उपदेश मानने पड़े होंगे ,,, क्योंकि बात अब न्याय पर आ चुकी होगी। पनकी स्थित मोहनी टी लीव्स प्रा.लि. के निदेशक दिनेश चंद्र अग्रवाल ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि दिनेश व उनके भाइयों की एक कंपनी सिलीगुड़ी में एमटीएल इंडस्ट्रीज प्रा.लि. है। इसमें दिनेश व सुरेश के अलावा भाई रमेश चंद्र अग्रवाल, उनकी पत्नी अमिता अग्रवाल, उनके बेटे हर्षित अग्रवाल व बहू पूजा अग्रवाल भी निदेशक हैं।
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में स्वीकृति लिए बिना ही हर्षित ने कंपनी के खाते में 2.40 करोड़ का ऋण यस बैंक से ले लिया और बैंक अधिकारियों से सांठगांठ कर इस ऋण खाते से 70 लाख रुपये हर्षित व रमेश चंद्र ने निजी काम के लिए निकाल लिए।
इसके अलावा अमिता ने 2.10 लाख व पूजा ने 9.50 लाख रुपये निकाल लिए। दिनेश के अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने बताया कि अमिता व पूजा ने अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी। केस डायरी व पुलिस रिपोर्ट के लिए कोर्ट ने 24 अगस्त की तारीख नियत कर दी है। तब तक गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने अंतरिम जमानत की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। मामले में रमेश, हर्षित, पूजा, अमिता के अलावा प्रिया वर्मा व जावेद खान भी आरोपी हैं।
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