तमाम चुनौतियों से जूझते कानपुर शहर के कारोबारियों की बजट से बहुत अपेक्षाएं हैं। शहर एक तरफ MSME सेक्टर बैंकों के बढ़ते ब्याज पर अंकुश की उम्मीद लगाए बैठा है तो दूसरी तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी टेक्नोलॉजी को अपनाने वाला युवा उद्यमी जीएसटी कम होने की आस लगाए हैं। बजट में शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली अनवरगंज-मंधना रेललाइन की समस्या से निजात मिल सकती है।
दोनों सांसद कर चुके हैं पैरोकारी
बजट में शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली अनवरगंज-मंधना रेललाइन की समस्या से निजात मिल सकती है। दोनों स्टेशनों के बीच 18 रेलवे क्रॉसिंगों पर लगने वाले भीषण जाम से निजात दिलाने के लिए एलिवेटेड ट्रैक के लिए बजट का ऐलान हो सकता है। सांसद देवेंद्र सिंह भोले और सत्यदेव पचौरी पैरोकारी करने में सक्रिय है। इसकी सर्वे रिपोर्ट और डीपीआर मंत्रालय को भेजी जा चुकी है। इस पर 1218 करोड़ रुपये की लागत भी प्रस्तावित कर दी गई है और इस काम में तीन साल लगेंगे।
पनकी व गोविंदपुरी का कायाकल्प
फर्रुखाबाद रूट पर रोजाना औसतन 54-56 ट्रेनों की वजह से जाम लगता है। सर्वे में जरीब चौकी क्रॉसिंग से नानकारी क्रासिंग के पार तक एलिवेटेड ट्रैक प्रस्तावित है। मार्च में इस कार्य के शिलान्यास की वजह से बजट में प्रावधान की पूरी उम्मीद है। इसके अलावा ओवरलोड सेंट्रल स्टेशन का लोड कम करने को पनकी व गोविंदपुरी स्टेशनों का कायाकल्प हो सकता है।
4 वंदे भारत सेंट्रल को मिल सकती हैं
729 करोड़ की लागत से सेंट्रल स्टेशन के साथ तहसील स्टेशनों का रीडेवलपमेंट प्रस्तावित है। इसका भी बजट में प्रावधान करके धनराशि जारी हो सकती है क्योंकि मूलभूत ढांचा मजबूत करने पर रेल मंत्रालय पहले से ही सक्रिय है। वहीं वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों की मिलेगी सौगात इस बार सेंट्रल के खाते में कई और वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों का तोहफा मिल सकता है। माना जा रहा है कि चार वंदेभारत एक्सप्रेस कानपुर होकर गुजरेंगी।
ट्रामा सेंटर के लिए बजट की आस
शहर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर के लिए आस जग गई है। मेडिकल कॉलेज ने 382 करोड़ के प्रोजेक्ट को बनाकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को बीते साल ही भेज दिया है। अब इस बजट में उसके लिए मंजूरी मिलने की उम्मीद है। शहर के लिए ट्रामा सेंटर को जरूरी बताकर राज्य सरकार के साथ चिकित्सा शिक्षा ने संशोधित प्रोजेक्ट बीते साल ही भेजा था, जिस पर केन्द्र की निगरानी कमेटी ने संस्तुति दे दी है। मेडिकल कॉलेज ने पीजीआई से लगी 10 हजार वर्गमीटर जगह भी चिह्नित कर उसे खाली कर दिया है।
आम लोगों और व्यापारियों की प्रमुख आस
धारा 80 सी के तहत निवेश सीमा डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख की जाए
आम नागरिक पर टैक्स का बोझ कम करने को पांच लाख तक की आय पर छूट हो
एमएसएमई सेक्टर के लिए जीएसटी दरों को कम किए जाने की बात भी आई
50 से कम कर्मचारियों वाली छोटी इकाइयों को पीएफ व ईएसआई से मुक्त रखा जाए
होम लोन के ब्याज की छूट का दायरा बढ़ाया जाए
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