● चार दिन से लापता है दीनदयालपुरम की युवती, तलाश में फेल रही पुलिस
• नौबस्ता के जिस अस्पताल में करती काम वहां का मिला सीसीटीवी फुटेज
कानपुर : चार दिन से लापता तौधकपुर के दीनदयालपुरम की कामिनी की तलाश करने के बजाय नौबस्ता पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और पीड़ित पिता खुद सुराग ढूंढ लाया। पुलिस को वीडियो साक्ष्य सौंपा जिसमें कामिनी अस्पताल के बाहर रोती नजर आ रही है और साथ काम करने वाला कर्मचारी उसे खींच रहा है। साथ में दो अन्य भी नजर आ रहे हैं। इससे कामिनी के साथ अनहोनी की आशंका बढ़ गई है। वहीं, वीडियो सामने आने के बाद पीड़ित पिता बृजलाल ने रविवार को नौबस्ता थाने में बेटी के अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।
पिता बृजलाल ने बताया कि उनकी 19 वर्षीय बेटी कामिनी नौबस्ता के एक अस्पताल में काम करती है। दो फरवरी की रात नौ बजे उसका फोन आया और उसे वहां से ले जाने को कहा। 15 मिनट बाद वह वहां पहुंचे तो बेटी अस्पताल में नहीं थी। अस्पताल प्रबंधन व कर्मचारियों रात 8 बजे उंसके चले जाने की जानकारी दी। इस पर उन्होंने अस्पताल प्रबंधन व कर्मचारियों पर शक जताते हुए शिकायत की, लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच ठप कर दी। पिता के अनुसार, पुलिस ने कुछ नहीं किया लेकिन उन्होंने किसी तरह से अस्पताल में लगे सीसी कैमरे की फुटेज हासिल कर ली। इसमें बेटी रोती नजर आ रही है और अस्पताल कर्मचारी और उसके दोस्त उसे खींच रहे हैं। हालांकि, आगे का वीडियो न होने से कहानी स्पष्ट नहीं हो पा रही।
पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल
मामले में पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। स्वजन की ओर से शिकायत मिलने के बाद भी पुलिस ने अस्पताल के कर्मचारियों या प्रबंधन से पूछताछ की जरूरत नहीं समझी। बड़ी बात तो यह है कि वीडियो फुटेज सामने आने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
अस्पताल से मिला टूटा मोबाइल
परिवार वालों को कामिनी का टूटा मोबाइल भी अस्पताल से मिल गया है। जो प्रबंधन पहले किसी भी जानकारी से इन्कार कर रहा है, अब नए तथ्यों के सामने आने के बाद बहाना बनाया जा रहा है कि मोबाइल टूटने से कामिनी रो रही थी, जबकि पहले यह तथ्य बताया तक नहीं।
यानी देर रात तक अस्पताल में थी कामिनी
जो वीडियो सामने आया है, उसमें कामिनी रात 8:34 बजे अस्पताल के बाहर दिखाई दे रही है। जबकि रात नौ बजे उसे लेने आए पिता को अस्पताल के कर्मचारियों और प्रबंधन ने बताया कि कामिनी आठ बजे ही अस्पताल से जा चुकी थी। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन के इस झूठ से नए सवाल उठ खड़े हुए हैं।
★मामले की जांच गंभीरता से
कराई जाएगी। जो भी दोषी
मिलेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी★
प्रमोद कुमार सिंह, डीसीपी दक्षिण
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