कानपुरः यूपी के कानपुर में करौली सरकार बाबा (Karauli Sarkar) उर्फ सतोष सिंह भदौरिया पर कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की जमकर कृपा बरस रही है पहले नोयडा के डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी को बन्धक बनाकर पिटाई कराने के मामले में बिधनू पुलिस ने ज़मानती धाराएं लगाकर बाबा की मुश्किलें आसान कर दी है। जबकि इस तरह के मामलों में मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर हत्या के प्रयास जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होना चाहिए वही करौली आश्रम में डॉ पिटाई काण्ड के बाद बाबा के एक से एक कारनामे सामने आ रहे है। अब ताजा मामला बीजेपी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सयोंजक का है जिन्होंने करौली बाबा उर्फ सतोष सिंह भदौरिया और उनके साथियों पर जुलाई 2022 में स्वरूप नगर थाने में उनके नादरी कार्नर स्थित फ्लैट में जबरन ताला तोड़कर कब्जा करना और धोखाधड़ी जैसे गम्भीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करवाया था भाजपा नेता का आरोप है पुलिस बाबा के रसूख के चलते मुकदमा में कार्यवाही न करके एफ/आर लगा देती है शुक्रवार को फिर भाजपा नेता ने पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड से गुहार लगाई है जिसपर पुलिस कमिश्नर द्वारा क्राइम ब्रांच को मामले की जाँच सौपी गयी है।
बीजेपी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश संयोजक रवि सतीजा का आरोप है कि वर्ष 2009 में बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा अशोक नगर से नीलामी में एक प्लैट स्वरूप नगर स्थित नादरी कार्नर में 6.27 लाख का खरीदा था। जिसका कब्जा मिलने के बाद उसको किराये पर उठा दिया था। दो माह बाद संतोष भदौरियां उर्फ ने अपने साथियों के साथ ताला तोड़कर कब्जा कर लिया था। उस समय वह प्रचारक के रूप में उत्तराखंड में थे, जहां से फोन कर पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने मौके पर जब पहुँची तो संतोष भदौरिया और उनके साथी मिले,जिन्होंने दावा किया कि फ्लैट उनका है बल्कि मौके पर उस नम्बर का कोई फ्लेट मौजूद ही नही था फ्लैट एक था लेकिन उसे दो दिखाकर बैंक से भी जालसाजी करके लोन लैकर हड़प लिया गया था। बाद में भाजपा नेता के कागजात सही होने के कारण फ्लैट में उन्हें कब्जा मिल गया था। जिसके बाद संतोष भदौरिया ने अपने करीबी तत्कालीन डीजीपी की मदद से बैंक के अधिकारियों और भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा लिखा दिया था। लेकिन जांच में भाजपा नेता को क्लीन चिट मिल गयी और पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि सतोष सिंह भदौरिया और उनके साथियों द्वारा फ्लैट के ताला तोड़े गये और कब्जा का प्रयास किया गया। इसके बाद 2022 में बैंक की ओर से बाबा को 30 लाख का रिकवरी नोटिस दिया गया तो बाबा ने फिर एक एक कोर्ट केस भाजपा नेता और बैंक अधिकारियों के खिलाफ कर दिया जिसके बाद भाजपा नेता द्वारा 25 जुलाई 2022 में स्वरूप नगर थाने में सतोष सिंह भदौरिया समेत छह के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया। इसकी जांच में बार-बार पुलिस द्वारा फाइनल रिपोर्ट लगायी जा रही है रवि सतीजा ने बताया कि इस मामले को पुलिस आयुक्त बी. पी. जोगदंड से शिकायत की है, जिसके बाद पूरे प्रकरण की क्राइम ब्रांच से जांच कराई जायेगी जिससे न्यायपूर्ण कारवाई हो सके। अगर फाइनल रिपोर्ट लग भी गई है तो जांच में साफ हो जायेगा।
बाबा का आपराधिक इतिहास
फजलगंज थाना क्षेत्र स्थित शास्त्रीनगर में 4 अगस्त 1994 को अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजकुमार ने संतोष भदौरिया समेत अन्य आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। उस दौरान संतोष भदौरिया का नाम सामने आया था। बाद में संतोष भदौरिया को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके बाद 7 अगस्त 1994 को तत्कालीन कोतवाली प्रभारी वेदपाल सिंह ने संतोष भदौरिया और उसके साथियों पर मारपीट, गाली गलौच और क्रिमिनल एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। 12 अगस्त 1994 को महाराजपुर थाने में तैनात तत्कालीन सिपाही सत्यनारायण और संतोष कुमार सिंह ने सरकारी कार्य में बाधा डालने और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बर्रा थाने में भी उनके खिलाफ केस दर्ज हैं। इसके साथ ही बाबा पर एनएसए की की भी कार्रवाई हो चुकी है।
Recent Comments