Kanpur News आजाद नगर निवासी सिक्योरिटी गार्ड मुन्नालाल शुक्ला की पत्नी सुनीता ने 17 दिसंबर 2022 को एक बेटी को जन्म दिया था। परिवार का आरोप है कि इस बच्ची को एक युवती ने रजिस्ट्री कार्यालय ले जाकर अंगूठा लगवा लिया। इस मामले में अब एक नया खुलासा हुआ है।
Abhay Tripathi Journalist:
उत्तर प्रदेश के कानपुर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक नवजात बच्ची की जमीन की तरह अंगूठा लगाकर रजिस्ट्री करा ली गई। बच्ची के मां बाप ने एक निसंतान औरत पर रजिस्ट्री का आरोप लगाया। जांच कर रही पुलिस को मिली एक ऑडियो से इस पूरे का एंगल बदल गया।
झांसा देकर नवजात बच्ची को गोद लेने के मामले में पुलिस की शुरुआती जांच में ही झोल नजर आ रहे हैं। अब तक हुई जांच के बाद यह सामने आया है कि बच्ची को उसके मां-बाप ने आरोपित पक्ष के हाथों पचास हजार रुपये में बेचा था। अब वह पचास हजार रुपये और मांग रहे थे।
पैसे देने से मना करने पर उन्होंने विवाद खड़ा कर दिया और जब पुलिस ने शिकायत के बाद जांच में मामला दर्ज करने से इनकार किया तो उन्होंने वाया अदालत मुकदमा दर्ज करा दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस को एक ऑडियो मिली है, जिसमें बच्ची का पिता आरोपित पक्ष से पचास हजार रुपये की मांग कर रहा है।
आजाद नगर निवासी सिक्योरिटी गार्ड मुन्नालाल शुक्ला की पत्नी सुनीता ने 17 दिसंबर 2022 को एक बेटी को जन्म दिया था। यह बेटी इनकी चौथी संतान है, जिसका नाम उन्होंने विजेता रखा है। सुनीता उजियारा निवासी कोटेदार राजेंद्र त्रिवेदी की दुकान से राशन लेने जाती थी। कोटा उनकी बेटी वर्षा चलाती है। वर्षा नि:संतान है।
क्या है मामला
आरोप है कि नवजात बच्ची का राशन कार्ड में नाम जुड़वाने के नाम पर वर्षा 30 जनवरी को उन्हें लेकर रजिस्ट्री कार्यालय गई और कुछ कागजों पर दस्तखत व अंगूठे के निशान लगवा लिए। सभी की फोटो खींची। 31 जनवरी बच्ची के रेटिना की फोटो बनवाने का बहाना कर वह बच्ची को ले गई। जब वर्षा नहीं लौटी तो वह उनके घर गए, जहां वर्षा ने उसने 20 हजार रुपये देकर बच्ची को बेचने की पेशकश की। नवाबगंज पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी तो पिछले दिनों अदालत के आदेश पर वर्षा, उसके पति मनीष, पिता राजेन्द्र, अम्बुज मिश्रा, अनुराग शुक्ला के खिलाफ थाना नवाबगंज में मुकदमा दर्ज हो गया।
पहले भी पुलिस के सामने आया था ये मामला
इस प्रकरण में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी नवाबगंज प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि पहले भी यह मामला सामने आया था, जिसमें उप निबंधक प्रथम कार्यालय में गोद लेने की प्रक्रिया पूरी होने की बात सामने आई थी। इसलिए पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है। अब मुकदमा दर्ज होने के बाद रजिस्ट्री कार्यालय से पूरे दस्तावेज, गोद लेने की प्रक्रिया, संबंधित मामले में गोद लेने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का ब्यौरा मांगा गया है।
ऑडियो सामने आने से बदला केस का एंगल
इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस को एक आडियो मिली है, जोकि बच्ची के अभिभावक व आरोपित पक्ष के बीच है। इसमें बच्ची के अभिभावक मान रहे हैं कि उन्हें पचास हजार रुपये मिल चुके हैं, लेकिन अब उन्हें और पचास हजार रुपये की जरूरत है। जांच में यह भी सामने आया है कि बच्ची को पहले एक निषाद को 20 हजार रुपये में बेचा जा रहा था। इस तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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