GANGA RIVER FRONT : कानपुर में बनेगा गंगा रिवर फ्रंट पहले चरण में 9 Km लंबा होगा, पटना मरीन ड्राइव की तर्ज पर मिलेगी सुविधाएं..

कानपुर : शहर में गंगा बैराज से लेकर शुक्लागंज तक गंगा रिवर फ्रंट बनाने की योजना है. पटना में गंगा...

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कानपुर : अवमानना की अर्जी पर CJM कोर्ट ने DGP,पुलिस आयुक्त,DCP साउथ,SHO सेन पश्चिम पारा से मांगा जवाब..

कानपुरः नौबस्ता के पुरानी बस्ती निवासी 78 वर्षीय सीताराम वर्मा ने क्षेत्र के सुनील दिवाकर और...

साल्वर बैठाने के आरोपी परीक्षार्थी को नहीं मिली बेल, अर्जी खारिज।

कानपुर /प्रयागराज : शिक्षक पात्रता परीक्षा में अपने स्थान’पर साल्वर बैठाने के आरोपित...

CMO हरिदत्त नेमी को चार्ज लेने से रोकने वाले अफसरों पर हाईकोर्ट सख्त।

लखनऊ इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कानपुर के सीएमओ डा. हरिदत्त नेमी के निलंबन आदेश पर स्टे...

कानपुर : जिसे CM ने दिया चेक, उसके ऋण में ही Bank ने किया खेल, ODOP लिखकर दिया था चेक, लोन CGTMSI योजना में कर दिया..

कानपुर: कोपरगंज रेडीमेड गारमेंट बाजार में हुए अग्निकांड में अपना सबकुछ गंवाने वाले जिस कारोबारी को...

कानपुर : केयर टेकर ने लाखो के गहने और कैश पर किया हाथ साफ, Fir दर्ज केयर टेकर गिरफ्तार।

कानपुर : कोहना थाना क्षेत्र में एक केयरटेकर ने कारोबारी के घर से 3 लाख रुपये नकद और सोने के गहने...

कानपुर : ISS पर भारत का परचम लहरा आज धरती पर लौट रहे शुभांशु के लिए वकीलों ने हनुमानगढ़ी मंदिर में प्रार्थना।

कानपुर : आइएसएस पर पहली बार भारत का परचम लहराकर 140 करोड़ से अधिक भारतीयों का स्वाभिमान सातवें...

यूपी में काल बनकर टूटी योगी की पुलिस, 8 साल में 239 अपराधियों को मिट्टी में मिला दिया।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले आठ वर्षों में...

UP NEWS : पान मसाला इकाइयों की सख्त निगरानी से नए मार्केट वार की शुरुआत, ट्रांसपोर्टर ही बन गए हैं मुखबिर…

लखनऊ- यूपी में पान मसाला इकाइयों पर सख्त निगरानी ने नए मार्केट वार को जन्म दे दिया है। यूपी की...
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-जेएनएनयूआरएम योजना में घटिया पाइप डालने की शिकायत

जल निगम के परियोजना प्रबंधक ने थाना फजलगंज में कराया मुकदमा

-पी०एस०सी०के स्थान पर जी०आर०पी० पाइप का प्रयोग किया गया

-डाले गये जी०आर०पी० पाइप गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं थे


-कानपुर पुनर्गठन पेयजल योजना फेस-1 परियोजना का मामला

कानपुर: जल निगम के सक्षम अधिकारियों द्वारा जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम के अंतर्गत कानपुर पुनर्गठन पेयजल योजना फेस-1 (इनर ओल्ड एरिया) परियोजना में मानक के अनुरुप निर्धारित की गई पी०एस०सी० पाइप के स्थान पर जी०आर०पी० पाइप का प्रयोग किया गया। जांच में मामला पकड़े जाने के बाद जल निगम के परियोजना प्रबंधक ने थाना फजलगंज में दो दर्जन अधिकारियों पर मुकदमा कराया है।
परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई उत्तर प्रदेश जल निगम के परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई शमीम अख्तर द्वारा दी गई तहरीर में बताया गया कि उक्त पाइप गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं थी। उपरोक्त संबंध में टी०ए०सी० जांच दल की जांच आख्या के आधार पर जल निगम के संबंधित अधिकारियों द्वारा सरकारी धन का गबन एवं वित्तीय/तकनीकी अनियमितता स्पष्ट रूप से दिखती है। इस प्रकरण के संबंध में जलनिगम के दो दर्जन अधिकारियों पर मुकदमा 409/420/120B ipc के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके अवस्थी, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रामसेवक शुक्ला, तत्कालीन मुख्य अभियंता सूरज लाल, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता वाई के जैन, तत्कालीन मुख्य अभियंता सैयद रहमतुल्लाह, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता, कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता राकेश चौधरी, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक पीसी शुक्ला, तत्कालीन परियोजना अभियंता निर्माण दीपक कुमार, तत्कालीन परियोजना अभियंता डीएन नौटियाल, तत्कालीन परियोजना अभियंता एस एस तिवारी, तत्कालीन परियोजना अभियंता लक्ष्मण प्रसाद, विकास गुप्ता, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता एम एस खान, अमीरुल हसन, पीके शर्मा, मयंक मिश्रा, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता दिनेश चंद्र शर्मा, तत्कालीन परियोजना अभियंता बैराज लालजीत, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता आरके वर्मा, सतवंत सिंह, विपुल आमरे, सुरेंद्र कुमार को मुकदमे में नामजद किया गया है।

जे.एन.एन.यू.आर.एम योजना के तहत कानपुर शहर के इनर ओल्ड एरिया में पेयजल व्यवस्था दुरूस्त करने की गरज से तत्कालीन मायावती सरकार के कार्यकाल में 340 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गयी थी। इसे सम्बन्धित अधिकारियों की लापरवाही कहें अथवा रिश्वतखोरी के लिए उपयुक्त ठेकेदार का चयन, काम देर से शुरू होने के कारण इस योजना की धनराशि भी बढ़कर 363 करोड़ हो गयी थी। मानक के विपरीत पाइप लाइन डालने के कारण पानी का प्रवाह शुरू होने से पहले ही जगह-जगह पाइप लाइने क्षत-विक्षत नजर आ रही हैं। पेयजल योजना के कार्य को आनन-फानन में पूरा करने के कारण कानपुर शहर की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि पेयजल की बात तो दूर राह पर चलना दुश्वार हो गया है। मुख्य मार्गों पर खुदे गड्ढे आए-दिन दुर्घटनाओं का सबब बन रहे हैं।

शहरवासियों के लिए सफेद हाथी बना पेयजल योजना

देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री ने कानपुर जनपद में जो विकास का सपना संजो रखा है उसे कुछ तथाकथित भ्रष्ट नौकरशाहों, बिगडै़ल अधिकारी और बेलगाम ठेकेदारों के काकस की वजह से थम सा गया है। विगत कई वर्षों से अपने बेहतरी के सपनों के बीच नारकीय जीवन भोगने को मजबूर शहरवासियों को अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी एक बानगी कानपुर नगर का जल-निगम विभाग है, जिसके नकारा अधिकारियों ने कानपुर के नागरिकों के सामान्य जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है। कानपुर के ‘इनर ओल्ड एरिया’ में जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत शुद्ध पेयजल पहुंचाने का जिम्मा नगर विकास मंत्रालय के अधीन जल-निगम को दिया गया था। इसी योजना को अमली जामा पहनाने के लिए जल-निगम द्वारा पिछले कई वर्षों में जगह-जगह पाइप लाइन डालने का काम विभिन्न अंतरालों में कराया गया लेकिन पूरी योजना भृष्टाचार की भेंट चढ़ गई जिसका नतीजा ये हुआ कि शहर में जगह-जगह भ्रस्टाचार का फौव्वारा फूटते हुए देखा जा सकता है।


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