संसद में महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद उत्तर प्रदेश में महिलाओं को इसका बड़ा लाभ मिलेगा. बिल पास होने पर प्रदेश में लोकसभा की 26 सीटें और विधानसभा में 132 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी.
Women Reservation Bill: संसद में महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद उत्तर प्रदेश में महिलाओं को इसका बड़ा लाभ मिलेगा. बिल पास होने पर प्रदेश में लोकसभा की 26 सीटें और विधानसभा में 132 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी. बता दें कि बीते दिन संसद के विशेष सत्र के बीच कैबिनेट की अहम बैठक हुई. इस बैठक में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है. अब महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश किया जाएगा.
यूपी में क्या होगा असर?
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में 403 सदस्य हैं जिनमें से अभी महज केवल 48 महिलाएं हैं. माना जा रहा प्रदेश में केवल 12 फीसदी ही उनकी भागीदारी है. वहीं, विधान परिषद में उनकी भागीदारी मात्र 6 फीसदी है. इसके साथ-साथ ही लोकसभा सीटों की बात करें तो उत्तर प्रदेश में कुल 80 सीटें हैं, जिसमें 11 सांसद ही महिलाएं हैं. यानी, उत्तर प्रदेश में केवल 14% महिला प्रतिनिधित्व हैं.
ऐसे में अगर संसद में महिला आरक्षण विधेयक पास हुआ तो निश्चित रूप से महिलाओं की भागीदारी में इजाफा में होगा. फिर चाहे वो विधानसभा हो या लोकसभा या फिर विधान परिषद ही.
महिला आरक्षण बिल में क्या है?
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी (एक तिहाई सीटें) आरक्षित करने का प्रस्ताव है. विधेयक में 33 फीसदी कोटा के भीतर SC, ST और एंग्लो-इंडियन के लिए उप-आरक्षण का भी प्रस्ताव है. विधेयक में प्रस्तावित है कि प्रत्येक आम चुनाव के बाद आरक्षित सीटों को रोटेट किया जाना चाहिए. आरक्षित सीटें राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में रोटेशन द्वारा आवंटित की जा सकती हैं.
इस संशोधन अधिनियम के लागू होने के 15 साल बाद महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण समाप्त हो जाएगा. आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है।
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