7800 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के मामले के जल्द निस्तारण के लिए सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस की ओर से दी गई अर्जी पर कंपनी मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश प्रमोद कुमार ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। वहीं सीज खातों को रिलीज कराने की आरएफएल कंपनी की निदेशक साधना कोठारी की अर्जी पर बैंकों से 24 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।
विभिन्न बैंकों से धोखाधड़ी के मामले में एसएफआईओ ने 29 व्यक्तियों और 40 कंपनियों समेत कुल 69 आरोपियों के खिलाफ 15 मई 2020 को मुकदमा दर्ज कराया था। इनमें से कई विदेशी कंपनियां हैं और कुछ लोग विदेश में ही रह रहे हैं। सम्मन तामीली में ज्यादा समय लगने के कारण अदालत की कार्रवाई लंबित हो रही है।
इसी आधार पर एसएफआईओ के स्थायी अधिवक्ता कौशल किशोर शर्मा की ओर से कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में कहा गया कि मुकदमे में जो आरोपी अदालत में हाजिर हो चुके हैं उनकी फाइल अलग करके मुकदमे की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाए ताकि जल्द मुकदमे का निस्तारण हो सके। हाईकोर्ट ने भी मुकदमे को जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं गैर हाजिर चल रहे तीन आरोपियों के खिलाफ कुर्की आदेश जारी करने की अर्जी भी दी गई। इस पर बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं ने विरोध दर्ज कराया। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने प्रार्थना पत्रों पर आदेश सुरक्षित कर लिया है।
वहीं आरएफएल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. की निदेशक विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी की ओर से बैंक ऑफ इंडिया व एचडीएफसी बैंक में सीज किए गए खातों को रिलीज करने के लिए प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया था। मामले में बैंकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। अदालत में दिए गए प्रार्थना पत्रों पर अलग-अलग पक्षों ने बहस की।
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