Kanpur : बहन फाउंडेशन के कार्यालय का कल जयाप्रदा करेंगी शुभारंभ…

कानपुर। बहनों के सामाजिक और आर्थिक विकास के उद्देश्य को लेकर वर्ष 2019 में बहन फाउण्डेशन की नींव...

कानपुर में बढ़े ज़मीनों के सर्किल रेट के पुनः मूल्यांकन के लिए विधायक अमिताभ बाजपेई ने लगाई आपत्तियां।

कानपुर में जमीनों के सर्किल रेट 9 साल बाद फिर बढ़ाए जा रहे हैं। तीन तहसीलों के शहरी क्षेत्रों के...

मंत्री से मिलकर सांसद रमेश अवस्थी ने कानपुर के लिए मांगी नौ शहरों से विमान सेवा।

विज्ञापन कानपुर : सांसद रमेश अवस्थी ने गुरुवार को नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री राममोहन नायडू से...

बलिया : ट्रकों से अवैध वसूली मामले में CM का एक्शन, SP और ASP बलिया का तबादला, CO, SHO, दारोगा सहित पूरी चौकी सस्पेंड, दो पुलिसकर्मी और 16 दलाल गिरफ्तार।

बलिया में वसूली कांड पर सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए कप्तान से लेकर सिपाही तक को सस्पेंड कर...

Rohingya in UP : रोहिंग्या के छिपने का ठिकाना बना कानपुर शहर, बीजेपी विधायक ने जतायी चिंता।

Rohingya in UP कानपुर शहर रोहिंग्या के छिपने का ठिकाना बन गया है। पिछले साल एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड...

बेनामी संपत्ति निषेध कानून में संशोधन का प्रस्ताव पास।

Uptvlive News : आम बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेनामी परिसंपत्ति निषेध कानून...

Business News : निवेश पर नहीं लगाया जाना चाहिए था एंजल टैक्स, अब स्टार्टअप मजबूत होंगे

डीपीआइआइटी सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा-सरकार के फैसले से नवाचार को बढ़ावा देने में मिलेगी मददकहा...

Uptvlive Business News : अनुपालन को आसानी के लिए कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव…

विभिन्न परिसंपत्ति निवेश की अवधि को तर्कसंगत बनाया गया सभी सूचीबद्ध परिसंपत्तियों की होल्डिंग अवधि...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण।

🛑वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि ‘सरकार एक करोड़ युवाओं को अगले...

दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया आम बजट 2024-25

➡भारत में महंगाई दर करीब 4 फीसदी ➡भारतीय अर्थव्यवस्था चमक रही है ➡ग्लोबल इकॉनमी मुश्किल दौर में है...
Information is Life


किसी सदस्य के गुम होने का दर्द सभी को जीवन भर सालता है. अगर वो लौट आए तो उससे बड़ी खुशी भी कोई नहीं होती. एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो देश में हर साल गुम होने वालों का आंकड़ा काफी बड़ा है.

कानपुर : किसी सदस्य के गुम होने का दर्द सभी को जीवन भर सालता है। अगर वो लौट आए तो उससे बड़ी खुशी भी कोई नहीं होती। एनसीआरबी के आंकड़ों को देखें तो देश में हर साल गुम होने वालों का आंकड़ा काफी बड़ा है। कानपुर के आंकड़ों पर गौर करें 2020 से लेकर 2023 तक कुल 1257 लोग लापता हो गए। इनमें बड़ी संख्या यूथ की है। चौंकाने वाली बात ये है कि शहर की हाईटेक पुलिस इनमें 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है। वो कहां है, किस हाल में, उनके साथ क्या हुआ? कुछ नहीं पता। इनके परिजन आज भी इनके लौटने की राह ताक रहे हैं।

डेटा बताता है कि बीते चार सालों में 308 पुरुष गुम हुए हैैं, जिनमें 188 की जानकारी परिवार वालों या पुलिस को हो गई है जबकि 120 का पता आज तक नहीं लग पाया है। महिलाओं की बात की जाए तो इन चार सालों में 549 महिलाएं गुम हुईं जिनमें 290 महिलाओं की तलाश कर ली गई और 259 अभी तक लापता हैैं। वहीं किशोरों का आंकड़ा देखकर पैरों तले जमीन खिसक जाती है। इन चार सालों में कानपुर से 320 यूथ गुम हुए जिनमें केवल 94 की तलाश हो पाई है। 226 यूथ की जानकारी नहीं हो सकी है। अगर बच्चों का आंकड़ा देखा जाए तो 90 बच्चे गुम हुए और 60 की तलाश कर ली गई।

सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर बल
देश उसके बाद प्रदेश और जिले से लगातार यूथ गुम हो रहे हैैं। इनके गुम होने के बाद समय पूरा होने पर इनकी तलाश भी बंद कर दी गई। फाइल बंद होने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैैं। 2017 में यानी छह साल पहले देश की सर्वोच्च एजेंसी ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें कहा गया था कि देश के युवा बड़ी संख्या में गुम हो रहे हैैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये सीमा पार जाकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैैं। कुल मिलाकर लगातार युवाओं के गुम होने की संख्या का बढऩा चिंता की बात तो है ही।

महिलाओं के गुम होने की ये वजह

जो आंकड़ा एनसीआरबी ने सामने किया है। उसके मुताबिक ज्यादातर महिलाएं इलिसिट रिलेशन यानी अवैध संबंधो की वजह से घर छोडक़र जा रही हैैं। उसके बाद प्रेम संबंधों की वजह से जा रही हैैं। इसके बाद मानसिक विकृति की वजह से घर छोड़ रही हैैं और अंत में परिवार वालों से परेशान होकर घर छोडऩे की बात कही गई है। इस विषय में जब पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो जानकारी हुई कि ज्यादातर महिलाओं का पता चल जाता है। परिवार वाले कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते हैैं, पुलिस की मजबूरी रहती है कि महिला के बालिग होने की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हो पाती, इसी वजह से आंकड़ा बढ़ता जाता है। वहीं मानव तस्करी का गैैंग भी कानपुर में एक्टिव था, इस गैैंग को नेस्तनाबूद करके ओमान से महिलाओं को लाया गया था।

राह भटकने की बात आई सामने
कानपुर की घनी आबादी वाले इलाकों में पहले भी बहला फुसला कर आतंक के रास्ते पर लाने की बात सामने आ चुकी है। आईएस का एक हैैंडलर सैफुल्लाह कानपुर में आतंक के लिए जमीन तैयार कर रहा था। उसकी चार्जशीट में एटीएस ने साफ लिखा है कि कानपुर के साथ हमीरपुर, फतेहपुर और आस पास के जिलों में सैफुल्लाह आतंक की पौध लगा रहा था। इसलिए इससे इंकार नहीं कर सकते कि कानपुर से बड़ी संख्या में गुम हुए युवा दूसरे देश के लिए काम करने में जुटे हैैं।

बच्चों को ले जा रहा बेगर गैैंग

कानपुर में बेगर गैैंग की उपस्थिति भी दर्ज हो चुकी है। कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैैं। जिनमें कानपुर से ले जाकर लोगों को दिल्ली में भीख मंगवाई जाती थी। इस पूरे गैैंग का खुलासा किया गया था। इसके अलावा पुलिस अधिकारियों की माने तो साल में एक दो बार नवजात बच्चों के गुम होने की जानकारी मिलती रहती है।

ये होती है तलाश की प्रक्रिया
किसी व्यक्ति के गुम होने के बाद थाने में 24 घंटे बाद उसकी गुमशुदगी दर्ज की जाती है। इसके बाद पुलिस तलाश शुरू करती है। पहले इलाके में पोस्टर लगाकर तलाश की जाती है। उसके बाद डीसीआरबी और एनसीआरबी में फोटो भेजी जाती है। जिले के सभी थानों और आस पास के जिलों में फोटो और जानकारी भेजी जाती है। 40 दिन तक पुलिस काम करने के बाद इसे अनहोनी मान लेती है।


Information is Life