Opposition MPs Suspended: निलंबित सभी सांसद विपक्षी दलों से हैं. ऐसे में इस कार्रवाई को लेकर उनमें खासी नाराजगी देखने को मिल रही हैं. जबकि कई दलों ने अब भी चुप्पी साधी हुई है.
Opposition MPs Suspended: शीतकालीन सत्र के दौरान देश की संसद से 143 सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जिसे देश की सियासत गरमाई हुई है. तमाम विपक्षी दल सरकार के इस रवैये पर सवाल उठा रहे हैं. सबसे बड़ी बात ये हैं कि संसद के इतिहास में ये पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ इतने सांसदों को निलंबित किया गया हो. बावजूद इसके कई विपक्षी दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसे में उनकी खामोशी भी कई सवाल पैदा करती है.
निलंबित सभी सांसद विपक्षी दलों से हैं. ऐसे में इस कार्रवाई को लेकर उनमें खासी नाराजगी देखने को मिल रही हैं. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी समेत तमाम बड़े दलों के नेताओं ने इसपर सवाल भी उठाए और तीखी प्रतिक्रिया दी है, वहीं दूसरी तरह बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अब तक खामोश हैं. उन्होंने न तो इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और न हीं उनकी तरफ से सोशल मीडिया या फिर प्रेस के जरिए कोई बयान सामने आया है.
बसपा सुप्रीमो की खामोशी पर सवाल
मायावती का ये रुख ऐसे में और हैरान करने वाला है जबकि निलंबित होने वाले सांसदों में बसपा सांसद दानिश अली का भी नाम शामिल है. बावजूद इसके बसपा सुप्रीम मायावती और न ही उनके भतीजे आकाश आनंद ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी हैं. बसपा सुप्रीमो इस मुद्दे पर अपने सांसद के साथ भी खड़ी नहीं दिखाई दे रही है. हालांकि दानिश अली ने खुद के निलंबन को लेकर जरूर सरकार पर निशाना साधा है.
दानिश अली ने खुद के निलंबन को लेकर कहा, “यह अजीब है कि अध्यक्ष कहते हैं कि हमें निलंबित किया जा रहा है क्योंकि हमने संसदीय मर्यादा का उल्लंघन किया है. सरकार से सवाल पूछना कैसे संसदीय मर्यादा उल्लंघन की श्रेणी में आता है? जब सदन में गालियां दी गईं तो इसका उल्लंघन नहीं हुआ, उस सांसद को न तो निलंबित किया गया और न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई.”
दरअसल विपक्षी दल संसद में घुसे दो हमलावरों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह से जवाब मांग रहे हैं, जिसे लेकर उन्होंने हंगामा किया जिसके बाद विपक्ष के 143 सांसदों को निलंबित कर दिया गया हैं।
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