- अपर जिला जज कोर्ट ने 2022 में सुनाई थी छह को उम्र कैद की सजा..
- उच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत तो सर्वोच्च न्यायालय में लगाई थी याचिका..
कानपुरः ज्योति हत्याकांड में उम्र कैद की सजा पाए पति को सर्वोच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। दोषी पति के अधिवक्ता के याचिका वापस लेने की बात पर सर्वोच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी।
मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली ज्योति की शादी शहर के एक व्यवसायी ओमप्रकाश श्यामदासानी के बेटे पीयूष से वर्ष 2012 में हुई थी। लगभग डेढ़ साल बाद ही 27 जुलाई 2014 को उसकी हत्या कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ज्योति के शरीर पर चाकू के 17 घाव मिले थे। अपर जिला जज एक की कोर्ट ने 21 अक्टूबर 2022 को पति पीयूष श्यामदासानी, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा, अवधेश कश्यप, आशीष, सोनू और रेनू को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
इसके बाद उच्च न्यायालय में अपील की गई, जिसमें मनीषा मखीजा, अवधेश कश्यप और आशीष को जमानत मिल गई थी। बाकी अभियुक्त जेल में हैं। पीयूष को उच्च न्यायालय से राहत न मिलने पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। मार्च माह में उच्च न्यायालय में सुनवाई की तारीख लगने पर पीयूष के अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में जाकर याचिका वापस लेने की बात कही। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय राहत न देते हुए इस याचिका को खारिज कर दिया।
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