कानपुर : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की ओद्योगिक राजधानी कानपुर (Kanpur) में शनिवार को दिन दहाड़े दो साल के बच्चे का अपहरण (Kidnapping) कर फरार हो गए और कमिश्नरेट की हाईटेक पुलिस वारदात को 24 घँटे बीतने के बावजूद मासूम बच्चे का सुराग नही लगा सकी,पुलिस सीसीटीवी के जरिये बदमाशों को तलाशने में लगी है वही बच्चे के माँ-बाप का रो रोकर बुरा हाल है। दिन दहाड़े अपहरण जैसी वारदात से कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है और शहर में दहशत का माहौल है।
एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह ने बताया कि फूलबाग से दो साल के बच्चे का अपहरण करने के मामले में बाइक सवारों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की गई है। बच्चे की तलाश में फीलखाना थाने की पुलिस के साथ ही क्राइमब्रांच को भी लगाया गया है। माल रोड से लेकर घंटाघर और अन्य सभी रास्तों पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, लेकिन बाइक सवारों के हेलमेट व मास्क लगाने के साथ ही तेज रफ्तार में होने के चलते अपहर्ताओं की शिनाख्त नहीं हो पा रही है। फिर भी लगातार पुलिस की टीमें बच्चे की तलाश में जांच-पड़ताल कर रही हैं।
बाइक सवार बदमाशों द्वारा शनिवार शाम अपने बड़े भाई व बहन के साथ खेल रहे दो वर्षीय मासूम का माल रोड से अपहरण कर फ़रार हो गए थे।
मूलरूप से उन्नाव के सफीपुर निवासी छोटू राजपूत पिछले करीब 20 साल से फूलबाग फलमंडी के पास रहते हैं। परिवार में पत्नी गुड्डा, 12 वर्षीय बेटी वैष्णवी, आठ वर्षीय बेटी पल्लवी, छह वर्षीय बेटा शिब्बू और दो साल का बेटा कार्तिक है।छोटू सहालगों में वेटर का काम करने के साथ ही सब्जी का ठेला भी लगाते हैं। शनिवार शाम कार्तिक बड़ी बहन वैष्णवी और भाई शिब्बू के साथ फुटपाथ पर खेल रहा था। शाम करीब 4:40 बजे बाइक सवार दो बदमाश आए, पीछे बैठे बदमाश ने मास्क लगा रखा था। उसने कार्तिक को पुचकारकर अपने पास बुलाया। बच्चे के पास आते ही उसे उठाकर बाइक पर बैठा लिया और उल्टी दिशा में एलआइसी बिल्डिंग की ओर लेकर भाग खड़े हुए। यह देखकर वैष्णवी और शिब्बू शोर मचाते हुए बदमाशों के पीछे भागे, लेकिन कुछ ही देर में बदमाश आंखों से ओझल हो गए। बच्चों ने घर पहुंचकर स्वजन को घटना की जानकारी दी तो वह रोते बिलखते हुए फूलबाग चौकी पहुंचे। दिनदहाड़े मासूम के अपहरण की खबर से सनसनी फैल गई।
जानकारी मिलते ही डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह, एडीसीपी पूर्वी लखन यादव और एसीपी कोतवाली अर्चना सिंह मौके पर पहुंची। उन्होंने बच्चों से पूछताछ करने के साथ ही एलआइसी तिराहे पर स्थित बैंक आफ इंडिया के फुटेज देखें। सीसी कैमरे में बदमाश बच्चे को ले जाते कैद हुए हैं। फुटेज देखने से पता चला है कि अपहर्ता काले रंग की पैशन प्रो से आए थे। इसके अलावा बाइक की नंबर टूटी हुई थी।
भीख मंगवाने वाले या मानव अंग तस्कर का हाथ
छोटू राजपूत की आर्थिक ऐसी नहीं है, जिससे यह माना जाए कि बच्चे का अपहरण फिरौती के लिए किया गया हो। पुलिस अधिकारियों को शक है कि बच्चे के अपहरण के पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला, बच्चे का अपहरण भीख मंगवाने गिरोह ने किया हो। तमाम ऐसी महिला भिखारी होती हैं जो बच्चों को गोद में लेकर बेचारगी प्रदर्शित करते हुए भीख मांगती हैं। बच्चे के बड़े होने पर उससे भी भीख मंगवाई जाती है। दूसरा शक मानव अंग तस्करी करने वाले गिरोह पर भी है।
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