कानपुर के नए स्वरूप की ओर पहला कदम: “ Kanpur SUPER 100 ने कानपुर वॉक” का कियाभव्य आयोजन।

कानपुर को एक नए स्वरूप में स्थापित करने और “बेहतर कानपुर” के विज़न को साकार करने हेतु कानपुर सुपर...

Kanpur : 24 घंटे में रिश्ते का अंत ! बुलेट की डिमांड पर दुल्हन को निकाला घर से…

कानपुर: 90 के दशक की मशहूर फिल्म मेहंदी का वह दृश्य शायद ही कोई भूला हो, जिसमें नई नवेली दुल्हन के...

यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना पहुंचे जाना गांव, केसी लाल के रसोई में बनाई चाय वीडियो वायरल

कानपुर। यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना मंगलवार को महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के जाना गांव...

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➡लखनऊ- आज उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक , सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, 20...

गैंगस्टर की कार्रवाई में पुलिस कमिश्नर को मजिस्ट्रेट की शक्ति देने को चुनौती।

प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के मेट्रो सिटी में पुलिस कमिश्नरेट स्थापित होने के बाद...

कानपुर के कांग्रेस से तीन बार सांसद रहे पूर्व कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का निधन।

कानपुर के सांसद रहे श्री प्रकाश जायसवाल का निधन हो गया है. उन्होंने 81 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस...

कानपुर : अमित शाह ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव आर.के. सफ्फर को भेजा धन्यवाद पत्र।

कानपुर : भारत के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपने जन्मदिन पर भेजी गई शुभकामनाओं के लिए...

कानपुर : हिंदी प्रचारिणी समिति के साहित्यकार सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे बिहार गवर्नर आरिफ़ मोहम्मद।

कानपुर। हिन्दी प्राचारीणी समिति, कानपुर उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सर्वभाषा साहित्यकार...

कानपुर : साइबर ठगों ने 3 डॉक्टरों को शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर बनाया ठगी का शिकार, 5.7 करोड़ की रकम उड़ाई-साइबर थाने में 3 FIR दर्ज

कानपुर : शहर के तिलक नगर निवासी डॉ. राजीव रंजन एक संगठित साइबर फ्रॉड गैंग का शिकार हो गए। पीड़ित...

Dharmendra Death: दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र का 89 साल की उम्र में निधन, लंबे समय से बीमार थे ही-मैन

Dharmendra Death: दिग्गज एक्टर धर्मेंद्र का निधन हो गया है. उनके निधन की खबर से पूरी इंडस्ट्री में...
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कानपुर। पिछले दिनों एक केंद्रीय मंत्री की ओर से क्षत्रियों पर टिप्पणी करने का मामला कानपुर में भले ही तूल न पकड़ा हो, लेकिन किंग मेकर की भूमिका में रहने वाली ठाकुर बिरादरी का रुख लोकसभा प्रत्याशी भांपने में जुट गए हैं। प्रत्याशियों से लेकर पार्टियां तक यह समझने में जुटी हैं कि ठाकुरों का ठौर कहां होगा, मतलब इनका झुकाव किस ओर होगा।

रविवार को गाजियाबाद में एक जनसभा में बसपा प्रमुख मायावती ने क्षत्रिय समाज की दुखती रग पर हाथ रखते हुए उनके हर कदम पर साथ रहने की बात कही है। मायावती के बयान से एक बार फिर से क्षत्रियों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। कानपुर की महानगर लोकसभा और अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा ठाकुर मतदाता हैं। इसमें सबसे ज्यादा आबादी अकबरपुर क्षेत्र में बसी है।

राजनीतिक दलों की ओर से इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए अलग-अलग योजना भी बनाई जा रही है। कानपुर की दोनों लोकसभा क्षेत्रों से इस बिरादरी से भाजपा और बसपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। बिरादरी के रूप में क्षत्रियों की बात की जाए तो देश भर में करीब 156 जातियों में क्षत्रिय बिरादरी बंटी हुई है जिसमें अकेले 20 से 25 जातियां कानपुर में रहती हैं।

महानगर में आज तक नहीं हुआ कोई क्षत्रिय सांसदः महानगर में 1952 से लेकर अभी तक किसी भी क्षत्रिय प्रत्याशी को यहां के मतदाताओं ने संसद तक नहीं पहुंचाया है। फिलहाल इसकी उम्मीद आगे भी कम ही नजर आ रही है। जबकि अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में दो बार देवेंद्र सिंह भोले के रूप में क्षत्रिय बिरादरी से सांसद चुना जा चुका है। इसे ही देखते हुए भाजपा ने फिर से क्षत्रिय पर ही दांव लगाया है। हालांकि इस बार परिणाम क्या होगा, अभी कहा नहीं जा सकता है।

ठाकुरों का 84 गांवः सिकंदरा से लेकर जालौन के बीच 84 गांवों में ठाकुरों की बड़ी संख्या रहती रही है। जिसे दादी ठाकुर बुलाया जाता है। इनकी अपनी अलग संस्कृति और सामाजिक सरोकार बताए जाते हैं।

कानपुर नगर व अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में रहने वाली क्षत्रिय बिरादरी

कछुवाह, राजावत, (दोनों जयपुर के राजा जय सिंह से ताल्लुकात रखते हैं, कानपुर देहात से लेकर शहर तक रहते हैं), चंदेल (कानपुर से लेकर बुंदेलखंड तक चंदेलों का शासन रहा है), चौहान (पृथ्वीराज चौहान से ताल्लुक रखते हैं) गौर, भदौरिया, तोमर, सेंगर, सिकरवार, हाड़ा (रावतपुर के आसपास रहते हैं, जो राजस्थान से आए), परमार (कानपुर के साथ कन्नौज में बड़ी संख्या में हैं), जादौन, गौतम (यह लोग ज्यादातर महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के महौली, सरसौल के आसपास रहते हैं), वैश्य ठाकुर (यह डौंडिया खेड़ा के आसपास अधिक संख्या में रहते हैं), श्रीनेत (यह लोग जम्मू कश्मीर से होते हुए गोरखपुर और कानपुर तक फैल गए), बघेल (महानगर में क्षत्रियों की यह बिरादरी भी अच्छी संख्या में रहती है), नेगी, बिष्ट, रावत (इन सभी को ताल्लुक उत्तराखंड से है और यहां पर जाजमऊ और शहर के दूसरे हिस्सों में रहते हैं।

क्षत्रिय बिरादरी से हुए कुछ जनप्रतिनिधि

लाल सिंह तोमर एमएलसी, देवेंद्र सिंह भोले सांसद, मानवेंद्र सिंह चौहान एमएलसी, अभिजीत सिंह सांगा विधायक, अविनाश सिंह चौहान एमएलसी, सरला सिंह मेयर, रघुनंदन सिंह भदौरिया पूर्व विधायक, अरुणा सिंह तोमर पूर्व विधायक।

वीर अभिमन्यु क्षत्रिय महासभा के पूर्व कोषाध्यक्ष संजीव चौहान ने बताया कि कानपुर से बुंदेलखंड तक ठाकुर बिरादरी से जुड़े लोगों की अच्छी तादात है। भोगनीपुर क्षेत्र में चौहानों के 36 गांव हैं। इसी तरह कानपुर में चंदेल ठाकुरों के 80 गांव हैं। गुजरात, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश के अलावा पूर्वाचल से भी बड़ी संख्या में ठाकुर बिरादरी के लोग यहां रहते हैं।


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