Pahalgam Attack: हमले में शामिल आतंकियों पर कार्रवाई, एक का घर बम से उड़ाया, दूसरे के मकान पर चला बुलडोजर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। एक आतंकी के...

Kanpur : पूरी शक्ति से आतंक के विषैले फनों को कुचला जाएगाः सीएम योगी

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पहलगाम में आतंकी घटना के बाद पीएम मोदी दौरा रद्द, कल नहीं आएंगे कानपुर…

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Kanpur : पहलगाम आतंकी हमले पर मॉर्निंग वाकर्स में भी आक्रोश- बोले भारत करेगा पलटवार।

आर के सफ्फर कानपुर : कम्पनी बाग सीएसए के मॉर्निंग वाकर्स ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताते हुए...

Kanpur : पहलगाम आतंकी हमले पर मॉर्निंग वाकर्स में भी आक्रोश-बोले भारत करेगा पलटवार

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Pahalgam Terrorist Attack : पहलगाम हमले में लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्‍या, कानपुर के युवक ने भी गंवाई जान।

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Pahalgam Attack: सेना की वर्दी पहनकर आए थे आतंकी… कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों को ऐसे बनाया निशाना

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यूपीएससी नतीजों में यूपी का जलवा, शक्ति दूबे बनीं टॉपर

विज्ञापन नई दिल्ली। UPSC Toppers List: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने यूपीएससी सिविल सेवा अंतिम...

पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट क्यों( पत्रकार बदनाम क्यों)-अभय त्रिपाठी

(पत्रकारो के लिए सकारात्मक दृष्टि से चिंतन मनन का विषय) बदलते समय और बदलती सोच के साथ पत्रकारिता...

कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी की कलम से : चौथा स्तंभ अर्थ..

अभय त्रिपाठी / मीडिया को अक्सर चौथा स्तंभ कहा जाता है , यह शब्द समाज, शासन और लोकतंत्र पर इसके...
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कानपुर। पिछले दिनों एक केंद्रीय मंत्री की ओर से क्षत्रियों पर टिप्पणी करने का मामला कानपुर में भले ही तूल न पकड़ा हो, लेकिन किंग मेकर की भूमिका में रहने वाली ठाकुर बिरादरी का रुख लोकसभा प्रत्याशी भांपने में जुट गए हैं। प्रत्याशियों से लेकर पार्टियां तक यह समझने में जुटी हैं कि ठाकुरों का ठौर कहां होगा, मतलब इनका झुकाव किस ओर होगा।

रविवार को गाजियाबाद में एक जनसभा में बसपा प्रमुख मायावती ने क्षत्रिय समाज की दुखती रग पर हाथ रखते हुए उनके हर कदम पर साथ रहने की बात कही है। मायावती के बयान से एक बार फिर से क्षत्रियों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। कानपुर की महानगर लोकसभा और अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा ठाकुर मतदाता हैं। इसमें सबसे ज्यादा आबादी अकबरपुर क्षेत्र में बसी है।

राजनीतिक दलों की ओर से इस वोट बैंक को अपनी ओर खींचने के लिए अलग-अलग योजना भी बनाई जा रही है। कानपुर की दोनों लोकसभा क्षेत्रों से इस बिरादरी से भाजपा और बसपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। बिरादरी के रूप में क्षत्रियों की बात की जाए तो देश भर में करीब 156 जातियों में क्षत्रिय बिरादरी बंटी हुई है जिसमें अकेले 20 से 25 जातियां कानपुर में रहती हैं।

महानगर में आज तक नहीं हुआ कोई क्षत्रिय सांसदः महानगर में 1952 से लेकर अभी तक किसी भी क्षत्रिय प्रत्याशी को यहां के मतदाताओं ने संसद तक नहीं पहुंचाया है। फिलहाल इसकी उम्मीद आगे भी कम ही नजर आ रही है। जबकि अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में दो बार देवेंद्र सिंह भोले के रूप में क्षत्रिय बिरादरी से सांसद चुना जा चुका है। इसे ही देखते हुए भाजपा ने फिर से क्षत्रिय पर ही दांव लगाया है। हालांकि इस बार परिणाम क्या होगा, अभी कहा नहीं जा सकता है।

ठाकुरों का 84 गांवः सिकंदरा से लेकर जालौन के बीच 84 गांवों में ठाकुरों की बड़ी संख्या रहती रही है। जिसे दादी ठाकुर बुलाया जाता है। इनकी अपनी अलग संस्कृति और सामाजिक सरोकार बताए जाते हैं।

कानपुर नगर व अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र में रहने वाली क्षत्रिय बिरादरी

कछुवाह, राजावत, (दोनों जयपुर के राजा जय सिंह से ताल्लुकात रखते हैं, कानपुर देहात से लेकर शहर तक रहते हैं), चंदेल (कानपुर से लेकर बुंदेलखंड तक चंदेलों का शासन रहा है), चौहान (पृथ्वीराज चौहान से ताल्लुक रखते हैं) गौर, भदौरिया, तोमर, सेंगर, सिकरवार, हाड़ा (रावतपुर के आसपास रहते हैं, जो राजस्थान से आए), परमार (कानपुर के साथ कन्नौज में बड़ी संख्या में हैं), जादौन, गौतम (यह लोग ज्यादातर महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र के महौली, सरसौल के आसपास रहते हैं), वैश्य ठाकुर (यह डौंडिया खेड़ा के आसपास अधिक संख्या में रहते हैं), श्रीनेत (यह लोग जम्मू कश्मीर से होते हुए गोरखपुर और कानपुर तक फैल गए), बघेल (महानगर में क्षत्रियों की यह बिरादरी भी अच्छी संख्या में रहती है), नेगी, बिष्ट, रावत (इन सभी को ताल्लुक उत्तराखंड से है और यहां पर जाजमऊ और शहर के दूसरे हिस्सों में रहते हैं।

क्षत्रिय बिरादरी से हुए कुछ जनप्रतिनिधि

लाल सिंह तोमर एमएलसी, देवेंद्र सिंह भोले सांसद, मानवेंद्र सिंह चौहान एमएलसी, अभिजीत सिंह सांगा विधायक, अविनाश सिंह चौहान एमएलसी, सरला सिंह मेयर, रघुनंदन सिंह भदौरिया पूर्व विधायक, अरुणा सिंह तोमर पूर्व विधायक।

वीर अभिमन्यु क्षत्रिय महासभा के पूर्व कोषाध्यक्ष संजीव चौहान ने बताया कि कानपुर से बुंदेलखंड तक ठाकुर बिरादरी से जुड़े लोगों की अच्छी तादात है। भोगनीपुर क्षेत्र में चौहानों के 36 गांव हैं। इसी तरह कानपुर में चंदेल ठाकुरों के 80 गांव हैं। गुजरात, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश के अलावा पूर्वाचल से भी बड़ी संख्या में ठाकुर बिरादरी के लोग यहां रहते हैं।


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