Pahalgam Attack: हमले में शामिल आतंकियों पर कार्रवाई, एक का घर बम से उड़ाया, दूसरे के मकान पर चला बुलडोजर

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। एक आतंकी के...

Kanpur : पूरी शक्ति से आतंक के विषैले फनों को कुचला जाएगाः सीएम योगी

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पहलगाम में आतंकी घटना के बाद पीएम मोदी दौरा रद्द, कल नहीं आएंगे कानपुर…

विज्ञापन Kanpur News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कानपुर दौरा रद्द हो गया है. जम्मू और कश्मीर...

Kanpur : पहलगाम आतंकी हमले पर मॉर्निंग वाकर्स में भी आक्रोश- बोले भारत करेगा पलटवार।

आर के सफ्फर कानपुर : कम्पनी बाग सीएसए के मॉर्निंग वाकर्स ने पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताते हुए...

Kanpur : पहलगाम आतंकी हमले पर मॉर्निंग वाकर्स में भी आक्रोश-बोले भारत करेगा पलटवार

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Pahalgam Terrorist Attack : पहलगाम हमले में लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्‍या, कानपुर के युवक ने भी गंवाई जान।

Pahalgam Terrorist Attack Live Updates: पहलगाम आतंकी हमले में 27 से ज्‍यादा लोगों की मौत की खबर...

Pahalgam Attack: सेना की वर्दी पहनकर आए थे आतंकी… कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों को ऐसे बनाया निशाना

pahalgam terror attack जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी के पास आतंकियों ने घुड़सवारी कर रहे...

यूपीएससी नतीजों में यूपी का जलवा, शक्ति दूबे बनीं टॉपर

विज्ञापन नई दिल्ली। UPSC Toppers List: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने यूपीएससी सिविल सेवा अंतिम...

पत्रकारिता के क्षेत्र में गिरावट क्यों( पत्रकार बदनाम क्यों)-अभय त्रिपाठी

(पत्रकारो के लिए सकारात्मक दृष्टि से चिंतन मनन का विषय) बदलते समय और बदलती सोच के साथ पत्रकारिता...

कानपुर जर्नलिस्ट क्लब के महामंत्री अभय त्रिपाठी की कलम से : चौथा स्तंभ अर्थ..

अभय त्रिपाठी / मीडिया को अक्सर चौथा स्तंभ कहा जाता है , यह शब्द समाज, शासन और लोकतंत्र पर इसके...
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एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी. ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी. उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था.

डिब्बा अंग्रेजों से खचाखच भरा हुआ था. वे सभी उस भारतीय का मजाक उड़ाते जा रहे थे. कोई कह रहा था, देखो कौन नमूना ट्रेन में बैठ गया, तो कोई उनकी वेश-भूषा देखकर उन्हें गंवार कहकर हँस रहा था. कोई तो इतने गुस्से में था कि ट्रेन को कोसकर चिल्ला रहा था, एक भारतीय को ट्रेन मे चढ़ने क्यों दिया ? इसे डिब्बे से उतारो.

किँतु उस धोती-कुर्ता, काला कोट एवं सिर पर पगड़ी पहने शख्स पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा. वह शांत गम्भीर भाव लिये बैठा था, मानो किसी उधेड़-बुन मे लगा हो.

ट्रेन द्रुत गति से दौड़े जा रही थी औऱ अंग्रेजों का उस भारतीय का उपहास, अपमान भी उसी गति से जारी था. किन्तु यकायक वह शख्स सीट से उठा और जोर से चिल्लाया “ट्रेन रोको”. कोई कुछ समझ पाता उसके पूर्व ही उसने ट्रेन की जंजीर खींच दी. ट्रेन रुक गईं.

अब तो जैसे अंग्रेजों का गुस्सा फूट पड़ा. सभी उसको गालियां दे रहे थे. गंवार, जाहिल जितने भी शब्द शब्दकोश मे थे, बौछार कर रहे थे. किंतु वह शख्स गम्भीर मुद्रा में शांत खड़ा था. मानो उसपर किसी की बात का कोई असर न पड़ रहा हो. उसकी चुप्पी अंग्रेजों का गुस्सा और बढा रही थी.

ट्रेन का गार्ड दौड़ा-दौड़ा आया. कड़क आवाज में पूछा, “किसने ट्रेन रोकी”.
कोई अंग्रेज बोलता उसके पहले ही, वह शख्स बोल उठा:- “मैंने रोकी श्रीमान”.
पागल हो क्या ? पहली बार ट्रेन में बैठे हो ? तुम्हें पता है, अकारण ट्रेन रोकना अपराध हैं:- “गार्ड गुस्से में बोला”
हाँ श्रीमान ! ज्ञात है किंतु मैं ट्रेन न रोकता तो सैकड़ो लोगो की जान चली जाती.

उस शख्स की बात सुनकर सब जोर-जोर से हंसने लगे. किँतु उसने बिना विचलित हुये, पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा:- यहाँ से करीब एक फरलाँग की दूरी पर पटरी टूटी हुई हैं. आप चाहे तो चलकर देख सकते है.

गार्ड के साथ वह शख्स और कुछ अंग्रेज सवारी भी साथ चल दी. रास्ते भर भी अंग्रेज उस पर फब्तियां कसने मे कोई कोर-कसर नही रख रहे थे.
किँतु सबकी आँखें उस वक्त फ़टी की फटी रह गई जब वाक़ई , बताई गई दूरी के आस-पास पटरी टूटी हुई थी. नट-बोल्ट खुले हुए थे. अब गार्ड सहित वे सभी चेहरे जो उस भारतीय को गंवार, जाहिल, पागल कह रहे थे. वे उसकी और कौतूहलवश देखने लगे, मानो पूछ रहे हो आपको ये सब इतनी दूरी से कैसे पता चला ??..

गार्ड ने पूछा:- तुम्हें कैसे पता चला , पटरी टूटी हुई हैं ??.
उसने कहा:- श्रीमान लोग ट्रेन में अपने-अपने कार्यो मे व्यस्त थे. उस वक्त मेरा ध्यान ट्रेन की गति पर केंद्रित था. ट्रेन स्वाभाविक गति से चल रही थी। किन्तु अचानक पटरी की कम्पन से उसकी गति में परिवर्तन महसूस हुआ. ऐसा तब होता हैं, जब कुछ दूरी पर पटरी टूटी हुई हो. अतः मैंने बिना क्षण गंवाए, ट्रेन रोकने हेतु जंजीर खींच दी.

गार्ड औऱ वहाँ खड़े अंग्रेज दंग रह गये. गार्ड ने पूछा, इतना बारीक तकनीकी ज्ञान ! आप कोई साधारण व्यक्ति नही लगते. अपना परिचय दीजिये.

शख्स ने बड़ी शालीनता से जवाब दिया:- श्रीमान मैं भारतीय #इंजीनियर #मोक्षगुंडम_विश्वेश्वरैया…

जी हाँ ! वह असाधारण शख्स कोई और नही “डॉ विश्वेश्वरैया” थे.

✍ Er राकेश गुहा… (रिपोस्ट).


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