उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष पर लखनऊ में तैनात वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तखारुद्दीन (IAS Mohammad Iftikharuddin) का वीडियो वायरल हो रहा है इसमें वो धर्मांतरण को लेकर बातचीत करते नज़र आ रहे हैं. ये वीडियो जब इफ्तिखारुद्दीन कानपुर में तैनात थे उस समय का बताया जा रहा है. इस मामले ने प्रदेश में राजनीतिक तूफान ला दिया है. अब राज्य सरकार ने जांच कराने की बात कही है. कानून मंत्री बृजेश पाठक ने मामले पर चिंता व्यक्त करते हुए जांच की बात कही है.
उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा जिस तरह से वीडियो सामने आया है उसकी जांच की जा रही है. ये गंभीर मुद्दा है. धर्मांतरण को लेकर हमारी सरकार ने कानून बनाया हुआ है जो भी ये करता पाया जाएगा उसको छोड़ा नहीं जाएगा चाहे वो कोई भी हो. इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है हर वीडियो सही पाया जाएगा तो कार्यवाही की जाएगी.
जांच के बाद होगी कड़ी कार्रवाई
बृजेश पाठक ने बताया कि इस तरह के मामले में 2 तरह के प्रावधान बनते हैं. पहला तो उन्होंने सर्विस कोड का उल्लंघन किया है तो उन पर उसके तहत कार्यवाही की जाएगी. दूसरा उन पर धर्मांतरण को लेकर भी कार्यवाही की जाएगी जिसमें 10 साल तक कि सजा और जुर्माने का प्रावधान है. अगर वीडियो सत्य पाया जाता है तो उन पर इन दोनों मामलों के तहत कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह आईएएस अधिकारी धर्मांतरण के मामले में संलिप्त पाए जाते हैं तो ये चिंता का विषय है.
आईएएस अधिकारी के पिछले रिकॉर्ड की भी होगी जांच
इसके अलावा राज्य सरकार ने भी इस मामले में एक टीम बनाकर मामले की जांच कराने की बात कही है. वीडियो की सत्यता के साथ साथ धर्मांतरण को लेकर भी जांच की जाएगी. इसके अलावा आईएएस अधिकारी के पिछले रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी कि वो किन किन मामलों में संलिप्त रहे हैं. यूपी सरकार ने सभी जिलाधिकारी और पॉलिसी अधिकारियों को भी इस तरह के मामलों को लेकर सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं.
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