बात 2004 की है. वर्तमान में गूगल कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई उस समय अमेरिका में करियर बनाने की जद्दोजहद में थे . एक बार उनके एक जानने वाले ने उन्हें अपने घर डिनर पर बुलाया. सुंदर को चूंकि अपनी पत्नी के साथ जाना था तो उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक प्लान बनाया. सुंदर ने कहा कि उन्हें सुबह ऑफिस जाना है तो ऑफिस के बाद वह सीधा डिनर के लिए जानकार के घर पहुंच जाएंगे. उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि वह घर से सीधे वहां पहुंच जाए. मतलब कि पत्नी को सीधे घर से डिनर के लिए जाना था और सुंदर पिचई को ऑफिस से सीधे डिनर के लिए पहुंचना था.
डिनर प्रोग्राम रात को 8 बजे का था. सुंदर पिचई की पत्नी अंजलि अपनी कार से रात को ठीक आठ बजे डिनर के लिए मेजबान के घर पहुंच गई. सुंदर पिचई भी ऑफिस से निकल पड़े, लेकिन वे रास्ता भटक गए. वहां पहुंचते-पहुंचते उन्हें लगभग 10 बज गए. पिचई जब वहां पहुंते तो उनकी पत्नी वहां से डिनर करके निकल चुकी थी. अब पिचई साहब की हालत खराब हो गयी . अमेरिकी चूंकि समय के पाबंद होते हैं अतः मेजबान ने भी पिचई के आगमन पर रुखा स्वागत किया
सुंदर पिचई वहां से बिना कुछ खाये अपने घर चले गए. घर पहुंचते ही उनकी पत्नी अंजलि ने उनके साथ झगड़ा शुरू कर दिया, क्योंकि वह समय पर नहीं पहुंचे थे और इससे उनकी पत्नी की बेइज्जती हो गई. अंजलि का मूड खराब देखकर सुंदर पिचई ने फिर से (उसी समय रात को) ऑफिस लौट जाना ही उचित समझा. कुछ लोग कहते हैं कि पत्नी ने गुस्से में उन्हें घर मे ही घुसने नहीं दिया था .
खैर जो भी हो , अब सुंदर वापस ऑफिस पहुंच गए और वह पूरी रात वहीं बिताई. वे पूरी रात एक ही बात सोचते रहे- मैं रास्ता भटक गया तो न जाने कितने ही लोग रोजाना ऐसे ही रास्ता भटक जाते होंगे. कुछ ऐसा होता कि कोई रास्ता न भटके को कितना अच्छा होता. पूरी रात सोचते-सोचते उन्होंने सोचा कि यदि मैप यानी नक्शा उनकी जेब में होता और डायरेक्शन सही मिल जाती तो रास्ता नहीं भटकते.
अगली सुबह सुंदर पिचई ने अपनी पूरी टीम को बुला लिया और मैप बनाने का आइडिया सबके सामने रखा. टीम ने ये आइडिया सुनते ही हाथ खड़े कर दिए. टीम को उनके आइडिया में भरोसा नहीं था, लेकिन लगभग दो दिन लगातार टीम के साथ मीटिंग की और उन्हें एक ऐसा प्रॉडक्ट डिजाइन करने के लिए मना लिया, जो लोगों को राह दिखाए.
सुंदर पिचई और उनकी टीम ने कड़ी मेहनत करके 2005 में गूगल मैप बनाकर अमेरिका में लॉन्च कर दिया. अगले ही साल 2006 में इंग्लैंड और 2008 में भारत में लॉन्च कर दिया. और अब तो आप जानते ही हैं कि पूरी दुनिया को सही रास्ता दिखाने का काम उनके बनाए Maps ही कर रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, पूरी दुनिया में हर सातवां इंसान गूगल मैप्स का इस्तेमाल करता है.
है ना जोरदार बात ! तो साहब कभी पत्नी गुस्सा हो जाए । आपसे नाराज हो जाए । तो चिंता ना करो । क्या पता उस नाराजगी में , उस गुस्से में भविष्य का कोई ऐतिहासिक अविष्कार छुपा हो !!
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