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कानपुर,उत्तर प्रदेश सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान 31 साल पुराने अवैध असलहा मामले में शनिवार को दोषी करार दिए गए थे। सजा के बिंदु पर भी सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) तृतीय की कोर्ट सजा सुनाती उससे पहले ही वह अपने वकीलों की मदद से सजा का आदेश लेकर फरार हो गए। दिन भर के मंथन के बाद देर शाम न्यायालय के आदेश पर कोर्ट रीडर कामिनी ने मंत्री के खिलाफ कोतवाली थाने में तहरीर दी है।

एमएसएमई मंत्री राकेश सचान शनिवार की सुबह 11:35 बजे वकीलों और सुरक्षा कर्मियों के साथ दीवानी न्यायालय परिसर के द्वितीय तल स्थित एसीएमएम तृतीय कोर्ट पहुंचे, जहां 31 साल पहले नौबस्ता थाने में दर्ज हुए अवैध असलहा मामले में निर्णय आना था। कोर्ट ने सबसे पहले दोनों पक्षों की जिरह सुनी और एमएसएमई मंत्री को दोषी करार दे दिया। अब सजा के बिंदु पर सुनवाई होनी थी। अभियोजन अधिकारी रिचा गुप्ता ने अपनी बात कहते हुए अधिक से अधिक दंड देने की गुजारिश कोर्ट से की जबकि एमएसएमई मंत्री के अधिवक्ताओं ने सजा के बिंदु पर बहस से बचते हुए समय दिए जाने की मांग की। अदालत ने समय देने से इन्कार किया तो अधिवक्ताओं ने दबाव बनाने का प्रयास भी किया लेकिन वह भी सफल नहीं हुआ। इसी बीच न्यायिक अधिकारी चैंबर में गए जिसका फायदा उठाते हुए अधिवक्ताओं ने एमएसएमई मंत्री की फाइल से आदेश की मूल प्रति पढ़ने के लिए निकाल ली और मंत्री को लेकर निकल गए।

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यह था मामला : नौबस्ता एसओ ब्रजमोहन उदेनिया ने 13 अगस्त, 1991 को राकेश सचान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। राकेश सचान के पास से उनके रिश्तेदार की राइफल मिली थी। मौके पर राकेश लाइसेंस नहीं दिखा सके और न ही उनके रिश्तेदार ही मौजूद थे। इस मामले में पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। गौरतलब हो कि उसी दिन नौबस्ता में छात्र नेता नृपेंद्र सचान की हत्या हुई थी। पुलिस को शक था कि राकेश इसी मामले में अवैध असलहा लेकर निकले हैं हालांकि उनके खिलाफ असलहा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

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विधानसभा की सदस्यता भी जाएगी

एमएसएमई मंत्री राकेश सचान पर असलहा अधिनियम की धारा 20, 25 और 30 के तहत मुकदमा दर्ज है, जिसमें अवैध तरीके से बिना लाइसेंस दूसरे का शस्त्र रखने और उसे लेकर घूमने और प्रदर्शन करने का आरोप है। इस आरोप में अधिकतम तीन साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। गौरतलब हो कि न्यायालय इस मामले में दो वर्ष की सजा भी सुनाता है तो राकेश सचान की विधानसभा की सदस्यता रद्द हो जाएगी।

मंत्री पर तीन और मुकदमे हैं लंबित
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान पर असलहा अधिनियम के अलावा तीन और मुकदमे भी न्यायालय में विचाराधीन हैं। तीनों मुकदमे भी 1990-91 के आसपास के हैं। पहला मुकदमा आइपीसी की धारा 323, 353 और 506 से जुड़ा है जिसमें राकेश सचान ने बिजली विभाग के अभियंता से विवाद किया था और सरकारी काम में बाधा डाली थी। दूसरा मुकदमा परमट के हिंदी भवन में छात्र नेता रहते हुए विवाद से जुड़ा है। तीसरा मुकदमा कोतवाली से जुड़ा है। वर्ष 1992 में नामांकन के दौरान राकेश सचान के पास असलहा मिला था जिसकी अनुमति चुनाव आयोग से नहीं ली गई थी। उक्त तीनों मुकदमे एसीएमएम तृतीय कोर्ट में ही लंबित हैं। बता दें कि सात साल से कम सजा वाले जनप्रतिनिधियों से जुड़े मामलों को सुनने का क्षेत्राधिकार एसीएमएम तृतीय के पास है ऐसे में एमपीएमएलए से जुड़े विवाद यहां सुने जा रहे हैं।

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मंत्री ने जनता दरबार में कार्यकर्ताओं की दी सफाई।

कानपुर देहात : मुकदमे का फैसला जानने के बाद सजा का आदेश लेकर जाने को लेकर एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने पुखरायां कस्बा स्थित कार्यालय में लगाए जनता दरबार में सफाई दी और अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि छात्र राजनीति के दौर में कई मुकदमे लंबित हैं, जिसमें किसी मामले की जिरह होनी थी। मामले में न्यायालय से तारीख मिली, लेकिन नियत तिथि की जानकारी नहीं है। इंटरनेट मीडिया पर जो खबरें चल रही हैं, वह भ्रामक हैं।

दी गयी तहरीर

सेवा में

थानाध्यक्ष महोदय

कोतवाली कानपुर नगर

महोदय

निवेदन है कि आज दिनांक 06-8-22 को न्यायालय अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कक्षा संख्या तीन में मुकदमा संख्या 729/1991 अंतर्गत धारा 20/25/30 थाना नौबस्ता कानपुर नगर आदेश हेतु नियत थी। जिसमें पीठासीन अधिकारी द्वारा अभियुक्त राकेश सचान को दोषी सिद्ध करार दिया गया। सजा के बिंदु पर सुना गया। उसके बाद पीठासीन अधिकारी आदेश लिखने हेतु चेंबर में चले गए। तब लगभग 11:30 या 12:00 था। न्यायालय में और भी वादकारी एवं अन्य व्यक्ति थे। दोष सिद्ध करने के बाद अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा निर्णय देखने हेतु पत्रावली ली गई। इसी बीच अभियुक्त राकेश सचान द्वारा निर्णय पत्रावली लेकर फरार हो गया। अभियुक्त के साथ सुरक्षाकर्मी अन्य समर्थक व 40-50 लोग मौजूद थे। न्यायालय कक्ष में अत्यंत भीड़ होने के कारण किसी भी कर्मचारी द्वारा कुछ नहीं किया जा सका और अभियुक्त फरार हो गया। अतः महोदय से निवेदन है कि उचित धाराओं में एफआइआर दर्ज कर उचित कार्रवाई करने की कृपा करें।

प्रार्थी

कामिनी

रीडर एसीएमएम थर्ड

06-8-22

कन्नी काटते रहे पुलिस अधिकारी 

बहरहाल, यह मामला अदालत से आदेश की फाइल लेकर भागने के आरोप से जुड़ा था और  कैबिनेट मंत्री पर आरोप था. लिहाजा, बीती रात ग्यारह बजे तक शहर के पुलिस के अधिकारी कुछ भी बताने से कन्नी काटते रहे।

फिर जांच कराने की कही बात 

आखिर साढ़े ग्यारह बजे जॉइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने कोतवाली में आकर  बताया कि कोर्ट की रीडर कामिनी की तरफ से शिकायती आवेदन मिला है. इस मामले में जांच के बाद हम कार्यवाही करेंगे. इसकी जांच कोतवाली एसीपी को सौपी गई है. राकेश सचान पर एफआईआर कब दर्ज होगी? इसका पुलिस अधिकारी कोई उचित जवाब नहीं दे सके.  


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