17 साल बाद मालेगांव ब्लास्ट केस में आया फैसला, साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी बरी

एनआईए कोर्ट का बड़ा फैसला, सबूतों के अभाव में क्लीन चिट Malegaon Blast Verdict. 2008 के बहुचर्चित...

हमीरपुर के पूर्व सांसद अशोक चंदेल के बेटे अजयराज का निधन।

कानपुर। पूर्व सांसद अशोक सिंह चंदेल के बड़े पुत्र अजयराज सिंह चंदेल की लखनऊ में बीमारी के चलते मौत...

UPtvLIVE : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2026 की तैयारी शुरू, ‘न्यू आउटरीच प्लान’ से निवेशकों को आकर्षित करेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2026 में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए नए निवेश प्रस्तावों को...

पीएम के कार्यक्रम की सभी तैयारियां समय से पूर्ण करें: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया प्रधानमंत्री के प्रस्तावित जनसभा स्थल का निरीक्षण कार्यक्रम...

यूपी की प्रमुख खबरें Uptvlive पर।

➡लखनऊ- यूपी में बाघों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि, 2018 में 173 से बढ़कर 2022 में बाघों की...

UP में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: 23 IAS अधिकारियों का तबादला, जानें किस जिले को मिला नया DM!

UP सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए 23 IAS अधिकारियों का तबादला किया है। जानिए लखनऊ,...

लखनऊ : म्यांमार, लाओस व कंबोडिया से आती हैं ठगों की सर्वाधिक कॉल- DGP राजीव कृष्ण

लखनऊ : डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस इन मामलों की छानबीन में तेजी लाने के साथ...

यूपी की प्रमुख खबरें सिर्फ Uptvlive पर….

➡बांग्लादेश एयरफोर्स का एयरक्राफ्ट क्रैश, स्कूल के ऊपर गिरा एयरक्राफ्ट, हादसे में कई लोगों की मौत...

Mumbai Train Blasts : 12 आरोपियों को बरी करते हुए HC ने की अहम टिप्पणी…इसलिए सजा रद्द की जाती है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 11 जुलाई 2006 को हुए मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में 12 आरोपियों को बरी कर दिया....

KANPUR NEWS : आउटर रिंग रोड के किनारे बसेगा “Greater Kanpur” भेजा 5000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव…

कानपुर : उत्तर प्रदेश में नोएडा की तरह एक और हाईटेक शहर बसने जा रहा है. इसका विकास ग्रेटर नोएडा की...
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-जेएनएनयूआरएम योजना में घटिया पाइप डालने की शिकायत

जल निगम के परियोजना प्रबंधक ने थाना फजलगंज में कराया मुकदमा

-पी०एस०सी०के स्थान पर जी०आर०पी० पाइप का प्रयोग किया गया

-डाले गये जी०आर०पी० पाइप गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं थे


-कानपुर पुनर्गठन पेयजल योजना फेस-1 परियोजना का मामला

कानपुर: जल निगम के सक्षम अधिकारियों द्वारा जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम के अंतर्गत कानपुर पुनर्गठन पेयजल योजना फेस-1 (इनर ओल्ड एरिया) परियोजना में मानक के अनुरुप निर्धारित की गई पी०एस०सी० पाइप के स्थान पर जी०आर०पी० पाइप का प्रयोग किया गया। जांच में मामला पकड़े जाने के बाद जल निगम के परियोजना प्रबंधक ने थाना फजलगंज में दो दर्जन अधिकारियों पर मुकदमा कराया है।
परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई उत्तर प्रदेश जल निगम के परियोजना प्रबंधक बैराज इकाई शमीम अख्तर द्वारा दी गई तहरीर में बताया गया कि उक्त पाइप गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं थी। उपरोक्त संबंध में टी०ए०सी० जांच दल की जांच आख्या के आधार पर जल निगम के संबंधित अधिकारियों द्वारा सरकारी धन का गबन एवं वित्तीय/तकनीकी अनियमितता स्पष्ट रूप से दिखती है। इस प्रकरण के संबंध में जलनिगम के दो दर्जन अधिकारियों पर मुकदमा 409/420/120B ipc के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके अवस्थी, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रामसेवक शुक्ला, तत्कालीन मुख्य अभियंता सूरज लाल, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता वाई के जैन, तत्कालीन मुख्य अभियंता सैयद रहमतुल्लाह, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक एसके गुप्ता, कार्यवाहक अधीक्षण अभियंता राकेश चौधरी, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक पीसी शुक्ला, तत्कालीन परियोजना अभियंता निर्माण दीपक कुमार, तत्कालीन परियोजना अभियंता डीएन नौटियाल, तत्कालीन परियोजना अभियंता एस एस तिवारी, तत्कालीन परियोजना अभियंता लक्ष्मण प्रसाद, विकास गुप्ता, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता एम एस खान, अमीरुल हसन, पीके शर्मा, मयंक मिश्रा, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता दिनेश चंद्र शर्मा, तत्कालीन परियोजना अभियंता बैराज लालजीत, तत्कालीन सहायक परियोजना अभियंता आरके वर्मा, सतवंत सिंह, विपुल आमरे, सुरेंद्र कुमार को मुकदमे में नामजद किया गया है।

जे.एन.एन.यू.आर.एम योजना के तहत कानपुर शहर के इनर ओल्ड एरिया में पेयजल व्यवस्था दुरूस्त करने की गरज से तत्कालीन मायावती सरकार के कार्यकाल में 340 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गयी थी। इसे सम्बन्धित अधिकारियों की लापरवाही कहें अथवा रिश्वतखोरी के लिए उपयुक्त ठेकेदार का चयन, काम देर से शुरू होने के कारण इस योजना की धनराशि भी बढ़कर 363 करोड़ हो गयी थी। मानक के विपरीत पाइप लाइन डालने के कारण पानी का प्रवाह शुरू होने से पहले ही जगह-जगह पाइप लाइने क्षत-विक्षत नजर आ रही हैं। पेयजल योजना के कार्य को आनन-फानन में पूरा करने के कारण कानपुर शहर की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि पेयजल की बात तो दूर राह पर चलना दुश्वार हो गया है। मुख्य मार्गों पर खुदे गड्ढे आए-दिन दुर्घटनाओं का सबब बन रहे हैं।

शहरवासियों के लिए सफेद हाथी बना पेयजल योजना

देश के प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री ने कानपुर जनपद में जो विकास का सपना संजो रखा है उसे कुछ तथाकथित भ्रष्ट नौकरशाहों, बिगडै़ल अधिकारी और बेलगाम ठेकेदारों के काकस की वजह से थम सा गया है। विगत कई वर्षों से अपने बेहतरी के सपनों के बीच नारकीय जीवन भोगने को मजबूर शहरवासियों को अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी एक बानगी कानपुर नगर का जल-निगम विभाग है, जिसके नकारा अधिकारियों ने कानपुर के नागरिकों के सामान्य जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है। कानपुर के ‘इनर ओल्ड एरिया’ में जे.एन.एन.यू.आर.एम. के अन्तर्गत शुद्ध पेयजल पहुंचाने का जिम्मा नगर विकास मंत्रालय के अधीन जल-निगम को दिया गया था। इसी योजना को अमली जामा पहनाने के लिए जल-निगम द्वारा पिछले कई वर्षों में जगह-जगह पाइप लाइन डालने का काम विभिन्न अंतरालों में कराया गया लेकिन पूरी योजना भृष्टाचार की भेंट चढ़ गई जिसका नतीजा ये हुआ कि शहर में जगह-जगह भ्रस्टाचार का फौव्वारा फूटते हुए देखा जा सकता है।


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