UP Police DGP Prashant Kumar: यूपी पुलिस के नए डीजी के नाम की घोषणा कर दी गई है. प्रशांत कुमार यूपी के नए डीजीपी बनाए गए हैं. जो 1 जनवरी 2024 से पदभार संभालेंगे. यूपी के एसडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के प्रमोशन का आदेश जारी हो गया है. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनके नाम के लिए सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी है. प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था. आईपीएस में शामिल होने से पहले प्रशांत कुमार ने एमबीए, एमएससी और एमफिल की डिग्री पूरी की थी. आईपीएस के लिए चुने जाने के बाद प्रशांत कुमार को तमिलनाडु कैडर मिला, लेकिन 1994 में वह यूपी कैडर में चले गए थे. आईपीएस प्रशांत कुमार लोगों के बीच ‘सिंघम’ के नाम से भी मशहूर हैं. प्रशांत कुमार वर्तमान में यूपी पुलिस के एसडीजी कानून एवं व्यवस्था के पद पर कार्यरत हैं.
कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार?
उनकी बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें तीन बार पुलिस मेडल मिल चुका है. 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार दिया गया था. प्रशांत कुमार को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) अंतरराज्यीय गैंगस्टर शिव शक्ति नायडू के एनकाउंटर के लिए प्रदान किया गया था. जिसने 2015 में दिल्ली में अदालत परिसर में पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस उपलब्धि के लिए उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बधाई दी थी.
अपराधियों पर नकेल कसने के लिए मशहूर
यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए प्रशांत कुमार को एडीजी पद पर चुना था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वे अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं. प्रशांत कुमार को सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक माना जाता है।
वीरता की कहानी इतनी ही नहीं!
उनकी बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें तीन बार पुलिस मेडल मिल चुका है. 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार दिया गया था. प्रशांत कुमार को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) अंतरराज्यीय गैंगस्टर शिव शक्ति नायडू के एनकाउंटर के लिए प्रदान किया गया था. जिसने 2015 में दिल्ली में अदालत परिसर में पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस उपलब्धि के लिए उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बधाई दी थी. उन्हें अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यूपी में एडीजी पद पर चुना गया था
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