ढाका : शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर दुनिया चिंतित है। भले ही मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार दावा कर रही है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर उनकी सरकार कदम उठा रही है, लेकिन पड़ोसी मुल्क से जो खबरें सामने आ रही है वो कुछ और कहानी बयां कर रही है। जानकारी के मुताबिक, अंतरिम सरकार की तरफ से अब एक तुगलकी फरमान जारी किया गया है।
बांग्लादेश में अजान के समय में हिंदू अब पूजा-पाठ नहीं कर सकेंगे। अजान और नमाज के समय हिंदू समुदाय के लोगों पर भजन सुनने और लाउडस्पीकर बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने फरमान सुनाया है।
समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है कि यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो पुलिस उसे बगैर किसी वारंट के गिरफ्तार कर लेगी।
अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय से दुर्गा पूजा से संबंधित गतिविधियों, विशेषकर अजान और नमाज के दौरान संगीत बजाने पर रोक लगाने का आग्रह किया है। गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा कि पूजा समितियों को संगीत वाद्ययंत्र और ध्वनि प्रणाली बंद रखने को कहा गया है और उन्होंने इस पर सहमति भी जता दी है।
मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने यह भी बताया कि इस साल देशभर में कुल 32,666 पूजा मंडप बनाए जाएंगे। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 157 मंडप ढाका साउथ सिटी में और 88 नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन में होंगे। बता दें कि शेख हसीना सरकार के पतन होने के बाद बांग्लादेश में सैकड़ों हिंदुओं पर आक्रमण हो चुका है।
कुछ दिनों पहले बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू मंदिरों में मदरसा छात्रों की तैनाती का आदेश भी दिया है। बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के सलाहकार डॉ. एएफएम खालिद हुसैन ने राजशाही जिले के गोदागरी में स्थित प्रेमतली गौरांग बारी काली मंदिर का दौरा किया। पांच अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद और देश छोड़ने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा का दौर जारी है।
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