कानपुर : शहर के तिलक नगर निवासी डॉ. राजीव रंजन एक संगठित साइबर फ्रॉड गैंग का शिकार हो गए। पीड़ित ने दीपावली के आसपास एक अनजान वाट्सएप नंबर से आए संदेश पर भरोसा किया, जिसमें खुद को SEBI रजिस्टर्ड शेयर मार्केट एडवाइजर बताया गया था। ठगों ने दावा किया कि उनकी कंपनी 10–15% कम रेट पर शेयर और आईपीओ उपलब्ध कराती है तथा निवेश पर भारी मुनाफा दिलाती है।
इसके बाद डॉ. रंजन को WhatsApp Group – “LAUNCH CLUB H49” में जोड़ा गया, जिसमें पहले से कई सदस्य मौजूद थे। ग्रुप में लगातार ट्रेडिंग टिप्स और एनालिसिस डालकर निवेश का दबाव बनाया जाता था। भरोसा पैदा करने के लिए ग्रुप में नकली मुनाफे के स्क्रीनशॉट भी साझा किए जा रहे थे।
ठगों ने झांसा देकर 24 अक्टूबर 2025 को डॉ. रंजन ने एक लिंक डाउनलोड करवाया, जिसमें उनके नाम पर Ventura Globle नाम से एक नकली ट्रेडिंग अकाउंट दिखाया गया। शुरू-शुरू में प्लेटफॉर्म पर मुनाफा दिखाकर पीड़ित को और अधिक निवेश के लिए प्रेरित किया गया।
ग्रुप में मौजूद वैदेही देशमुख, शार्विका बेनेटी और आर. अमरनाथ नामक व्यक्तियों ने खुद को SEBI से प्रमाणित बताया और समय-समय पर फर्जी दस्तावेज भेजकर निवेश बढ़ाने का दबाव बनाया। धीरे-धीरे पीड़ित ने उन पर विश्वास कर कुल ₹1,03,81,349/- का निवेश कर दिया।
11 नवंबर 2025 को ठगों ने नयी कहानी गढ़ी—बताया कि “आर. अमरनाथ को इनसाइडर ट्रेडिंग में गिरफ्तार किया गया है व उन पर ₹100 करोड़ का जुर्माना लगा है, जिस कारण Ventura Globle के सभी अकाउंट 20% पेनल्टी लगने तक ‘फ्रीज’ किए गए हैं।” अकाउंट खोलने के लिए पीड़ित से 20% अतिरिक्त भुगतान मांगा गया।
यहीं पर डॉ. रंजन को संदेह हुआ। उन्होंने SEBI को मेल कर जांच की तो पता चला कि कंपनी, दस्तावेज और पूरा सेटअप फर्जी है। इसके बाद पीड़ित ने डीसीपी क्राइम को शिकायत दी। इसी तरह आजाद नगर निवासी डॉ प्रवीण सारस्वत से 3,30,40000 रु की ठगी एवँ केशव पुरम आवास-विकास निवासी डॉ कीर्ति निधि मान सिंह 1,3800000 की ठगी की गई है।
साइबर थाने की पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर धोखाधड़ी व आईटी एक्ट की धाराओं में तीन अलग-अलग FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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