कानपुर: दिल्ली, मुंबई की तरह ही अब उत्तर प्रदेश भी मेट्रो के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसी बीच नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ के बाद आज कानपुर में मेट्रो का ट्रायल रन शुरू हो गया. इस मौके पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) की तरफ से यह जानकारी मिली कि कानपुर मेट्रो का काम तेजी से हुआ है. कोरोना संक्रमण होने के बावजूद भी दो साल के अंदर मेट्रो का ट्रायल शुरू हुआ है. साल 2019 नवंबर में इसके निर्माण की पहली नींव रखी गई थी.
सीएम के किया निरीक्षण
इस खास मौके पर आज, बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में रहे. उन्होंने कहा कि करोना महामारी के बावजूद उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कानपुर मेट्रो का काम 2 साल से भी कम समय में पूरा कर लिया. सीएम ने कहा कि अगले 4-6 हफ्तों में कानपुर के लोग मेट्रो में सफर का लाभ उठा सकेंगे. इसके लिए उन्होंने कानपुरवासियों को बधाई दी.
मेट्रो शुरू होने वाला पांचवां शहर है कानपुर
बता दें गाजियाबाद, लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाद यूपी में कानपुर पांचवां ऐसा शहर है, जहां मेट्रो का संचालन शुरू होने वाला है. इसमें पहली बार डबल टी-गार्डर का प्रयोग किया गया है, जिससे स्टेशनों का पहला फ्लोर बहुत ही तेजी से बनाया गया और जीटी रोड जैसी व्यस्त सड़क पर भी ट्रैफिक नहीं रुका.
ये हैं कानपुर मेट्रो की विशेषताएं-
- खास तकनीक से 30 मिनट में पूरा हो जाएगा मेट्रो में सैनिटाइजेशन का काम
- मेट्रो में दिखेगा कानपुर की ऐतिहासिक विरासत का नजारा
- एक बार में मेट्रो में 974 यात्री सफर कर सकतें है.
- कानपुर मेट्रो की ट्रेनें अत्याधुनिक फायर और क्रैश सेफ्टी के मानकों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं.
- मेट्रो में सुरक्षा को देखते हुए 24 सीसीटीवी कैमरे होंगे. इनकी फुटेज ट्रेन ऑपरेटर और डिपो में बने सेंट्रल सिक्योरिटी रूम में पहुंचेगी.
- मेट्रो ट्रेनों में टॉक-बैक बटन की सुविधा भी दी गई है, ताकि आपातकालीन स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से यात्री बात कर सकें.
- हर ट्रेन में 56 यूएसबी चार्जिंग पॉइंट और 36 एलसीडी पैनल्स भी लगाए जाएंगे.
- वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ट्रेनों में मॉडर्न प्रॉपल्सन सिस्टम होगा ताकि लोगों को बाहरी हवा से राहत मिले.
- ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन के तहत यह मेट्रो ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण से चलेंगी.
- ट्रेनों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड सेंसर आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो ट्रेन में मौजूद यात्रियों की संख्या के हिसाब से चलेगा
- देश में पहली बार थर्ड रेल डीसी ट्रैक्शन सिस्टम के साथ एक खास इनवर्टर लगाया गया है. जो ब्रेक लगने से बनने वाली ऊर्जा को वापस सिस्टम में भेजकर इस्तेमाल करने लायक बनाएगा.
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