KGMU स्थापना दिवस: सीएम योगी बोले-पैसे की कमी नहीं, सेवाओं को बेहतर करने के बारे में सोचें; करें अच्छा व्यवहार

विज्ञापन लखनऊ में शनिवार को केजीएमयू के 120वां स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।...

यूपी में पुलिसकर्मियों को मिल गई नई जिम्मेदारी, पहली बार होगा ये काम; डीजीपी के निर्देश पर अभियान शुरू

विज्ञापन महाकुंभ-2025 के लिए डीजीपी प्रशांत कुमार ने रेल यात्रियों और ट्रैक सुरक्षा को लेकर...

Kanpur : सिपाही ने दुष्कर्म कर कराया गर्भपात, फिर शादी की…अब घर से निकाला, ADCP के पैरों में गिरी युवती, कही ये बात

कानपुर में पुलिस कमिश्नर ऑफिस के बाहर शुक्रवार को एक युवती जमीन पर बैठ गई। चिल्लाते हुए बोली जब तक...

महाकुम्भ में होमगार्ड के जवानों ने तीन नाविकों की डूबने से बचाई जान

यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर महाकुंभ में ड्यूटी के साथ मानवता का दृश्य उस समय...

वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम 2024 : मार्च 2025 में 32 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनेगा यूपी-सीएम योगी

मुंबई। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम-2024 में शामिल हुए।...

UPtvLiVE Exclusive : कानपुर के सिद्धिविनायक मंदिर पर हमले की साजिश रचने वाले हिजबुल आतंकी को उम्र कैद, एनआईए कोर्ट ने सुनाया फैसला।

विज्ञापन अभय त्रिपाठी / कानपुर में सिद्धिविनायक मंदिर पर हमले की साजिश रचने वाले हिजबुल मुजाहिदीन...

यूपी : अपराध होते ही सील हो जाएंगी शहर की सीमाएं-DGP

लखनऊ : यूपी में अपराधियों पर नकेल कसने व काननू व्यवस्था को और दुरुस्त करने के लिए हर जिले में नई...

SGST की सख़्ती : कानपुर से पान मसाला कंपनियां दूसरों राज्यों में शिफ्ट होने की तैयारी।

विज्ञापन कानपुर। पान मसाला कारोबार में कर अपवंचना की शिकायतें और विभागीय अधिकारियों द्वारा उन पर...

कानपुर : रिमझिम इस्पात के ठिकाने पर I-T की रेड, 350 करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई… 500 करोड़ के फर्जी कारोबार का खुलासा।

विज्ञापन कानपुर की रिमझिम इस्पात कंपनी पर आयकर विभाग द्वारा की जा रही छापेमारी 9वें दिन देर रात...

कानपुर : बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने जिला जज को सौपा ज्ञापन।

वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश चंद्र त्रिपाठी कानपुर : बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेश चन्द्र त्रिपाठी ने...
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लखनऊ :-गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में जांच की आंच बड़ों तक पहुंचने लगी है। सीबीआई, लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने प्रदेश सरकार से तत्कालीन मुख्य सचिव (सीएस) आलोक रंजन और प्रमुख सचिव सिंचाई व बाद में सीएस रहे दीपक सिंघल के खिलाफ जांच की मंजूरी मांगी है। घोटाले में गिरफ्तार इंजिनियरों के बयान और दस्तावेज के आधार सपा सरकार के कार्यकाल के दोनों पावरफुल आईएएस अफसरों की जांच का नंबर आया है। दोनों पूर्व सीएस रिवर फ्रंट के निर्माण को लेकर गठित उच्चस्तरीय अनुश्रवण समिति (टास्क फोर्स) का सबसे अहम हिस्सा थे।

आलोक रंजन और दीपक सिंघल के जांच के घेरे में आने की वजह योजना में हुईं गड़बड़ियों की अनदेखी को बताया जा रहा है। दरअसल, रिवर फ्रंट को मंजूरी मिलने के बाद 25 मार्च, 2015 को आलोक रंजन की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया था। इसमें तत्कालीन प्रमुख सचिव (सिंचाई) दीपक सिंघल, सिंचाई विभाग के तत्कालीन प्रमुख अभियंता, विभागाध्यक्ष और मुख्य अभियंता भी शामिल थे।

नियमों के विरुद्ध होते रहे टेंडर
टास्क फोर्स ने 23 बैठकें की और सिंघल ने प्रॉजेक्ट के 20 से 25 दौरे किए थे। आरोप है कि इस दौरान इन्हें कोई गड़बड़ी और अनियमितता नहीं दिखाई दी। योजना से जुड़े हर काम का बजट छह से आठ गुना बढ़ गया, नियमों के विरुद्ध टेंडर होते रहे और मनाही के बावजूद एक काम के बजट का इस्तेमाल दूसरे काम में होता रहा। इसके बावजूद कोई सवाल नहीं उठाए गए और न ही किसी के खिलाफ जांच करवाई गई। राज्य सरकार द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसे समझ से परे बताते हुए कहा था कि इतनी बड़ी परियोजना में कोई चेक्स ऐंड बैलेंसेज का सिस्टम प्रतीत नहीं होता है।

इंजिनियरों के बयानों से बढ़ीं मुश्किलें
जांच के दौरान जिन इंजिनियरों के बयान लिए गए, उनमें से कुछ ने कहा है कि तय सीमा पार करके अधिक खर्च और भुगतान इसलिए किया गया, क्योंकि काम जल्द खत्म करने के टास्क फोर्स से निर्देश दिए जा रहे थे। तत्कालीन सीएम के ड्रीम प्रॉजेक्ट और काम जल्द खत्म करने की आड़ में कई काम बिल्कुल छोड़ दिए गए। कुछ कार्यों की प्रगति धीमी रखी गई और छूटे कार्यों का बजट दूसरी जगह बिना मंजूरी लगा दिया गया।

सरकारी पैसों पर विदेश यात्राएं कीं
चैनलाइजेशन और रबर डैम की तकनीक के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आलोक रंजन, दीपक सिंघल और अन्य अधिकारियों ने तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव के साथ चीन, जापान, स्टॉकहोम, जर्मनी, मलयेशिया, सिंगापुर, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रिया जैसे देशों की यात्राएं कीं। हालांकि, जांच के दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारी और इंजिनियर इन यात्राओं का ब्योरा नहीं दे सके।


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