कानपुर में हुए उपद्रव में बाबा बिरयानी के संचालक मुख्तार बाबा की गिरफ्तारी के बाद स्वरूप नगर निवासी रानी उर्फ जीनत ने गंभीर आरोप लगाकर अपने सभी किराएदारों के खिलाफ स्वरूप नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। वही मामले में नया मोड़ तब आ गया जब मुकदमे में 4 आरोपी किराएदारो के परिजनों ने अपर पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई और अपने कागज़ दिखाते हुए बोले कि उनकी दुकानें खाली कराने के लिए रानी उर्फ जीनत दबंग माफियाओं के साठगाँठ कर साजिश रच रही है जिस तरह से हिंसा की आड़ में मुख्तार बाबा और हाजी वसी चन्द्रेश्वर हाता खाली करवाना चाहते थे उसी तरह जीनत और उसके साथी मुश्ताक अहमद की बाबा फूड्स के मामले की आड़ में मार्केट सभी किरायेदारों द्वारा दी गयी एडवांस सिक्योरिटी की मोटी रकम को हड़पकर भगाना चाहिती है इसलिए उसने साजिशन झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है। वही किरायेदार धनराज और सुभाष की माँ निर्मला देवी और इरफ़ान और सलमान के भाई इमरान हुसैन जाफ़री ने बताया कि अपर पुलिस कमिश्नर ने निष्पक्ष जाँच के निर्देश दिए है।
शनिवार को कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में कौशलपुरी निवासी निर्मला देवी ने पत्रकारों से बताया कि उनके पति स्व भगवान दास ने 2005 में रानी उर्फ जीनत के पति स्व कल्लन से एक दुकान किराये पर ली थी जिसकी सिक्योरिटी 3,75000 दुकान का किराया 2125 तय हुआ था जो अब 3125 है इसी दुकान में बेटा धनराज और सुभाष ईजी ट्रैवेल्स के नाम से कारोबार शुरू किया गया इसके बाद 2008 में सुभाष ने दो दुकानें और किराये पर ली जिसमें 14 लाख रुपये सिक्योरिटी और किराया प्रति दुकान 2 हज़ार रुपया तय हुआ। जिसके बाद से दोनों बेटे तीनो दुकानों में अपना कारोबार कर रहे है और हर महीने 6850 रुपया किराया दे रहा थे। लेकिन 9 माह पहले सुभाष की पत्नी को नेहा को कैंसर हो गया जिसके उपचार और इकलोती पुत्री की देख रेख में लगा हुआ है इस दौरान लगभग 9 माह से दुकान भी नही खोल पा रहा है। वही धनराज आज भी अपना ट्रैवेल्स का काम कर रहा है । अक्टूबर 2021 में भी जीनत उर्फ रानी ने काफी विवाद किया था दुकान का किराये की रसीदें माँगने पर दुकान के आगे लेटकर काफी हंगामा किया था और अपने कपड़े उतारकर मुकदमे में फ़साने की धमकी दी थी जिसका CCTV फुटेज भी मौजूद है। जिसकी शिकायत धनराज ने थाना स्वरूप नगर और मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर की थी जिसका आईजीआरएस संख्या 40016421048171 है जिसपर तत्कालीन चौकी इंचार्ज बेनाझाबर ने दोनों पक्षों पर 107/16 कार्यवाही कर मामले को रफा दफा कर दिया था।
वही फाहिमाबाद चमनगंज निवासी इमरान हुसैन जाफरी ने।बताया कि वह कैन्सर से पीड़ित है। उसके दोनों भाई उसका का ईलाज करवा रहे है और रेडीमेड कपड़ो का कारोबार करके अपना व अपने परिवार का जीविको पार्जन कर रहे हैं। लेकिन रानी उर्फ जीनत ने झूठे आरोप लगाया कि शोऐब खान को दुकान में कब्जा करवा दिया और हवाई फायरिंग करके उन्हें धमकाया। बल्कि मकान मालकिन रानी उर्फ जीनत और उनका बेटा रहील खुद दबंग व अपराधी प्रवर्त्ति के है और दुकान खाली करने का दबाव बना रही थी। जून से ही रानी उर्फ जीनत ने मेरे भाइयों और अन्य दुकानदारों को धमका रही थी, कि दुकाने खाली कर दो वरना फर्जी मुक़दमे में फंसा कर जेल भिजवा दूँगी। जब भाइयों ने अपना जमा जमाया कारोबार छोड़कर जाने से इंकार किया तो उन्होंने ने फर्जी तथ्यों के आधार पर मुकदमा पंजीकृत करवा दिया बल्कि खुद रानी उर्फ जीनत और उसका बेटा राहिल ने खुद 112/337 स्वरूप नगर अनुराधा मिश्रा के मकान के एक हिस्से और दुकान में कब्जा करके रह रही है जिसका मुकदमा न्यायालय में विचारधीन है तथा मुस्तरी बेगम के 112 /100 बेनाझाबर स्थित मकान में भी एक पोर्शन में कब्जा कर रखा है और खाली करने के एवज में लाखों रुपये की मांग कर रही है। इमरान हुसैन ने बताया कि भाई इरफान ने 2008 में व्यापार हेतु एक दुकान स्व मुमताज़ अहमद उर्फ कल्लन से उनकी मार्केट 112/338/339 स्वरूप नगर में किराये पर ली थी जिसका एडवांस सिक्योरिटी 4 लाख और दुकान का किराया प्रतिमाह 2250 जो कि हर 5 वर्ष के बाद 5 प्रतिशत बढ़ना था। इसी प्रकार 29-06-2012 को 2 और दुकानें स्व मुमताज़ ने किराएदार सरदार मनप्रीत सिंह बसरा से दिलवायी थी जिसमें 28 लाख 50 हजार मनप्रीत सिंह को और स्व मुमताज़ अहमद को 5 लाख 50 हजार रुपये एडवांस सिक्योरिटी के तौर पर भाई रिज़वान ने दिए थे। जिसके बाद दुकान मलिक से उन दोनों दुकानों का किराया 6200 तय हुआ था। तब से लेकर आजतक उन तीनों दुकानों में DC ड्रेस कोड के नाम से रेडीमेड कपड़ो का कारोबार हो रहा है जिसमे तीसरा भाई सलमान भी कारोबार की देखरेख करता है दोनों भाई समय से सम्पूर्ण किराया देते चले आ रहे है जो कि इस समय 11325 रुपया है जो कि जुलाई 2022 तक मकान मालकिन और उनका बेटा ले चुके है और जिसकी रसीदें भी मौजूद है।
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