कानपुर : समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन से जहां एक तरफ सपा कार्यकर्ताओं में शोक है तो वहीं समा समर्थकों में भी गम व्यापत है. दूर-दूर से लोग मुलायम सिंह यादव को अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए सैफई आ रहे हैं. इसी बीच कानपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर सुनकर एक 10 साल का बच्चा महराजगंज (Maharajganj) से अकेले सैफई (Saifai) के लिए निकल पड़ा. मामले का खुलासा तब हुआ तब कानपुर रेलवे स्टेशन पर बच्चे को जीआरपी ने रोक लिया. बच्चा खुद को समाजवादी पार्टी का स्टार प्रचारक बता रहा है. बता रहा था, जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तत्काल कानपुर के सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी को कॉल करके बच्चे को सैफ़ई भेजने का इंतजाम करने को कहा लेकिन अमिताभ को जीआरपी ने जानकारी दी कि वो उस बच्चे को उंसके पिता को सपुर्द कर चुके है और अब वो अपने गाँव मे है जिसके बाद अमिताभ ने अपनी पार्टी के ही एक साथी जो कि महराजगंज निवासी थे संपर्क कर उस बच्चे को सैफ़ई भेजने की व्यवस्था करवाई शनिवार को सुबह नेताजी का नन्हा फैन सैफ़ई पहुँच गया जहाँ उसने सबसे पहले नेताजी के चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
आपको बता दें कि महाराजगंज (Maharajganj) के नौतनवा क्षेत्र में रहना वाला 10 वर्षीय नवरत्न यादव को जैसे ही सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन की जानकारी हुई वह परेशान हो गया. वह मुलायम सिंह यादव को आखिरी बार देखने के लिए खुद बिना किसी को बताए सैफई के लिए निकल पड़ा. वह इटावा तक पहुंच चुका था लेकिन वहां बच्चे ने गलत ट्रेन पकड़ ली जिससे वह सैफई की जगह कानपुर आ पहुंचा. जीआरपी ने कानपुर रेलवे स्टेशन पर बच्चे को रोक लिया और उससे पूछताछ की. जैसी ही पूरा मामला समझ आया जीआरपी ने बच्चे के परिवारवालों को बुलाकर उसे सपुर्द कर दिया था।
कानपुर रेलवे स्टेशन पर बच्चे ने सारे सवालों के जवाब बड़ी ही मासूमियत से दिए. बच्चे ने बताया कि वह नौतनवा विधानसभा का रहने वाला है. जैसी ही उसे पता चला की मुलायम सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे वह जिन कपड़ों में था वैसी ही अपने घर से चला आया. वह अकेले गोरखपुर (Gorakhpur) आया और वहां से लखनऊ तक आया. बच्चे ने बताया कि वह इटावा तक पहुंच गया था लेकिन वहां से अपना रास्ता भटक गया. इसलिए वह कानपुर आ पहुंचा. उसने बताया कि वह मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहा था. श्यामलाल से जब पूछा गया कि क्या वह अभी भी मुलायम सिंह यादव के परिवार वालों से मिलने जाएगा तो उसने बड़े अफसोस के साथ कहा कि अब घर के लोग आ रहे हैं. मैं बिना बताए यहां आ गया था. घर के लोग रो भी रहे थे. नवरत्न खुद को समाजवादी पार्टी का स्टार प्रचारक बना रहा था।
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