कानपुर। शुक्रवार बजरिया के नाला रोड में पारिवारिक विवाद पर महिला के सगे जेठो ने अपने साथियों के साथ मिलकर जानलेवा हमला कर दिया, बीच- बचाव करने आये महिला के बुजुर्ग माँ-बाप को भी नही बक्शा, धारदार हथियार और लोहे के राडो से बुजुर्गों को पीट-पीट कर मरणासन्न कर दिया। महिला के पिता अब्दुल को दबंगों ने इतना पीटा की उनका पैर दो जगह से फैक्चर हो गया उनका गम्भीर हालत में उर्सला में उपचार चल रहा है महिला को भी गंभीर चोटें आई है, महिला के भाई की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का प्रयास और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज़ कर मौक़े से आरोपी सराफत अली, सख़ावत अली और जफ़र को हिरासत में तो लिया, लेकिन कार्यवाही करने में खेल कर दिया, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मुक़दमे के आरोपियों को दर्ज मुक़दमे में जेल न भेज कर, 151 शान्ति भंग की कार्यवाही कर एसीपी कोर्ट में पेश किया। जिससे तीनों आरोपी आसानी से जमानत कराकर छूट गए।
अनवरगंज बॉसमण्डी के रहने वाले मो आलम ने बताया कि बहन ज़ीनत का विवाह बजरिया के नाला रोड में रहने वाले रियाजत अली से की थी, बहनोई के भाई शराफत, सख़ावत और भतीजा अरशद दबंग और अपराधी किस्म के है और अक्सर बहन को दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहते थे।
शुक्रवार को जीनत अपने कमरे में थी तभी शराफत, सख़ावत अरशद, समशुन और जैनब ने बहन का गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया, किसी तरह बहन ने अपनी जान बचा कर मायके वालों को सूचना दी जिस पर 85 वर्ष के बुजुर्ग पिता अब्दुल और माँ बहन के घर बात करने गए तो वहाँ शराफत, सख़ावत और अरशद ने अपने साथियों के साथ हमला बोल दिया। मारपीट, गाली-गलौच के बाद बजुर्ग जमकर पीटा की। आलम का कहना है कि यह तो खुदा का शुक्र रहा कि बहन और पिता की जान बच गयी वरना वो लोग जान से मारने की कोशिश में थे चीख-पुकार सुनकर मुहल्ले वाले जुटे और पुलिस आ गयी तो ये तीनो हमलावर पकड़े गए लेकिन पुलिस ने आरोपियों से साठ-गाँठ करके उन्हें 307 के दर्ज मुकदमे जेल भेजने के बजाए 151 की कार्यवाही कर छोड़ दिया।
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