STF के रिटायर्ड IPS ने किया सनसनीखेज खुलासा, डॉन ने 80 लोगों को मौत के घाट उतारा, 101 का आंकड़ा पार कर लेता तो अमर हो जाता श्रीप्रकाश शुक्ला

श्रीप्रकाश शुक्ला के खात्में के लिए 25 साल पहले हुआ था एसटीएफ का गठन।लखनऊ। यूपी का पहले डॉन...

हूटर, काफिला और नोटों की बारिश, नोयडा में रईसजादों ने सड़क पर कर दी नोटो की बारिश, पुलिस ने काटा 4 लाख का चालान।

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यूपी कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित : कानपुर से 3 प्रदेश उपाध्यक्ष और 2 प्रदेश महासचिव बने।

। यूपी कांग्रेस ने शनिवार को अपनी 130 सदस्यीय कार्यकारिणी घोषित कर दी है। इसमें 55 फीसदी दलित,...

UP के इस इलाके में बनेगी पांच इंडस्ट्रीयल सिटी, सरकार हज़ारों करोड़ करेगी इन्वेस्ट

UP की तरक्की के लिए सरकार ने इस जगह को चिन्हित किया है , सरकार इस इलाके में 5 industrial city...

कानपुर : नेशनल मास्टर्स तैराकी में उतरेंगी 65 वर्षीय रंजना सफ्फड़…

24 नवंबर से मंगलौर में होने वाले 19वें नेशनल मास्टर्स तैराकी प्रतियोगिता में शहर की रंजना सफ्फड़...

MLC अरुण पाठक को मिली बड़ी जिम्मेदारी PM के संसदीय क्षेत्र में जिला प्रभारी बनाकर पार्टी ने भेजा।

कानपुर : भाजपा अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी तैयारी से उतरने के रास्ते पर चल पड़ी है, वहीं...

कवि डा. सुरेश अवस्थी को मिलेगा कैलाश गौतम काव्यकुम्भ सम्मान…

कानपुर : काव्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर दिया जाने वाला कैलाश गौतम काव्यकुम्भ सम्मान-...

Kanpur : सनातन हिंदू संस्कृति के विशाल महल का आधार जनजाति समाज…

पुस्तक का विमोचन करते सेवा समर्पण संस्थान के मंत्री सीए राजनारायण तिवारी, अध्यक्ष हीरालाल खत्री, सत्येंद्र सिंह, अरुण गुप्त, चन्द्रकुमार व अनुज गुप्त (बाएं से दाएं)

Mathura News: सीएम योगी ने बांके बिहारी मंदिर में की पूजा, पीएम मोदी के दौरे की तैयारियां का लिया जायजा

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विदेशों से उत्तम है ‘द स्पोर्ट्स हब’- असीम अरुण-70वीं टीएसएच स्टैग-ग्लोबल यूपी स्टेट टेबल टेनिस चौंपियनशिप का समापन

कानपुर। समाज कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने आज यहां कहा कि पीपीपी मॉडल पर संचालित ‘द...
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https://youtu.be/w_jvtASybhU
  • जेके मंदिर घूमिए, वास्तु सीखिए
  • दिशाओं के साथ-साथ पंचत्वों के सही क्रम का इस्तेमाल
  • पूरब की ओर मुख्य द्वार, सकारात्मक ऊर्जा का अपार भंडार

अगर आपको वास्तु शास्त्र में जरा सी भी दिलचस्पी है तो कानपुर जेके मंदिर घूम आइए। आप कहेंगे कि हम वास्तु की किताबों या ऑनलाइन वेबसाइटों के बजाए किसी मंदिर में जाने की सलाह क्यों दे रहे हैं। इसके पीछे की वजह है यहां का लाजवाब वास्तु। किसी भी घर की सुख-समृद्धि में वास्तु का बहुत अहम स्थान होता है। कहते हैं कि सही वास्तु से भरपूर सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो सफलता के लिए जरूरी होती है। जेके मंदिर घूमकर आप दिशाओं और पंच तत्वों के सही संयोजन को सीख सकते हैं। इन्हें आप अपने घर में इस्तेमाल कर सकते हैं।

पहले पृथ्वी और अंत में आकाश तत्व

दिशाओं के साथ-साथ पंचत्वों के सही क्रम का इस्तेमाल
महामहोपाध्याय सुरेश चन्द्र त्रिपाठी बताते हैं कि मंदिर का निर्माण पंचतत्वों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु व आकाश) के सही क्रम से किया गया है। मंदिर का मुख्यद्वार (नजीराबाद थाने की ओर से) से राधाकृष्ण साफ नजर आते हैं। मुख्य द्वार पृथ्वी तत्व होता है। इसके बाद आता है जल तत्व। मुख्य द्वार से होते ही जैसे ही आप थोड़ा आगे बढ़ेंगे तो शानदार फव्वारा आपका मन खुश कर देगा। इसके बाद मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़कर आप जैसे ही द्वार पर पहुंचेंगे तो यहां आपको यज्ञ आदि के लिए स्थान नजर आएगा। यह तत्व है अग्नि। इसके बाद मंदिर के भीतर दाखिल होते ही आपको बड़ा सा हॉल नजर आएगा। यह सूचक है वायु तत्व का। इसके बाद जब आप सिर ऊपर उठाकर देखेंगे तो विशाल गुंबद आपको नजर आएगा। यह आकाश तत्व है। यानी की सभी का सही क्रम में प्रयोग किया गया। शिखर के ठीक नीचे राधाकृष्णजी विराजमान है। मंदिर में कुल पांच शिखर हैं। इसमें केंद्र शिखर सबसे ऊंचा है।

दिशाओं का भी सही तालमेल

जेके मंदिर कानपुर के बारे में विशेष कहानी
जाने माने वास्तुविद विमल झांझरिया बताते हैं कि कानपुर गंगा तट पर बसा है। जो सड़कें इसके समानंतर बनी हैं उन पर बने भवनों का मुख उत्तर-पूर्व दिशा की है। इसी प्रकार जो सड़कें गंगाजी को पार करती हैं उन पर बने भवनों का मुख उत्तर पश्चिम की ओर है। आप जब इन इमारतों से जेके मंदिर को देखेंगे तो थोड़ा तिरक्षा नजर आएगा। इसकी वजह है इन मकानों में दो दिशाओं का होना।

इस वजह से आती है अपार सकारात्मक ऊर्जा…

पूरब की ओर मुख्य द्वार, सकारात्मक ऊर्जा का अपार भंडार
जब आप जेके मंदिर को देखेंगे तो आपको ज्ञात होगा कि यह सीधी दिशाओं में बना हुआ है। यानी पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण। कहीं भी दो दिशाएं एक साथ नहीं हैं। जेके मंदिर का मुख पूरी तरह से पूर्व दिशा में है। मंदिर के केंद्र में स्थापित राधाकृष्ण की मूर्ति पूर्व दिशा की ओर देख रही है। मूर्ति के पीछे पश्चिम दिशा है, बाएं हाथ पर उत्तर और दाहिने पर दक्षिण दिशा है। ऐसे में यहां अपार सकारात्मक ऊर्जा रहती है।


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