पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन, 92 वर्ष की उम्र में ली अंतिम साँस।

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार...

UP NEWS : एडीजी कानून-व्यवस्था ने कहा अलर्ट रहे एटीएस और एसटीएफ…

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यूपी न्यूज़ : क्रिसमस पर 95 IAS अफसरों का प्रमोशन

सात अफसर बने प्रमुख सचिव, 38 सचिव पद पर प्रमोट हुए, जल्द डीएम-कमिश्नर बदले जाएंगे~~~~~प्रदेश सरकार...

कानपुर : क्रिसमस डे पर चेस्ट हॉस्पिटल के मरीजों की शान्ता क्लॉज बनी-रेड क्रॉस सोसाइटी, 20 रूम हीटर लगवाए।

कानपुर : इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा बुधवार को मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल में बढ़ते हुए ठंड...

आरिफ मोहम्मद खान बने बिहार के नए राज्यपाल, राजेंद्र आर्लेकर की लेंगे जगह

बिहार के नए राज्यपाल अब आरिफ मोहम्मद खान बन गए हैं. वहीं राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को केरल का...

साहसपूर्वक अपने अधिकारों और विश्वासों की वकालत करता वीर बाल दिवस…ज्योति बाबा

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यूपी में 15 आईपीएस अफसरों के तबादले, IPS अंकिता शर्मा बनी एसपी कासगंज।

विज्ञापन यूपी में 15 आईपीएस अफसर बदले गए अजय पाल सिंह प्रभारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रयागराज डॉ...

UptvLive : डिजिटल वारियर की फौज खड़ी करेगी यूपी पुलिस- डीजीपी

विज्ञापन डीजीपी ने भ्रामक खबरों व साइबर अपराध पर शिकंजा कसने को कहा विवि-कालेज में बनाए जाएंगे...

KGMU स्थापना दिवस: सीएम योगी बोले-पैसे की कमी नहीं, सेवाओं को बेहतर करने के बारे में सोचें; करें अच्छा व्यवहार

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यूपी में पुलिसकर्मियों को मिल गई नई जिम्मेदारी, पहली बार होगा ये काम; डीजीपी के निर्देश पर अभियान शुरू

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लखनऊ की एक अदालत में गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या कर दी गई है. बुधवार 7 जून को संजीव जीवा सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंचा था. उसी दौरान वकील के भेस में आए हमलावर ने उसे गोली मार दी. गोली लगते ही जीवा अदालत परिसर में गिर गया और वहीं दम तोड़ दिया. यूपीटीवी लाइव को इसका वीडियो भी मिला है. इसमें संजीव परिसर की फर्श पर उल्टा लेटा हुआ है. ऐसी भी जानकारी आ रही है कि घटना में एक-दो और लोग घायल हुए हैं. फिलहाल इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

संजीव जीवा यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला था, वो फिलहाल लखनऊ की जेल में बंद था. उसे गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का करीबी बताया जाता था. जीवा की हत्या के बाद अदालत के अंदर और बाहर जबरदस्त अफरातफरी का माहौल देखने को मिला. इस दौरान वकीलों की तरफ से काफी हंगामा किए जाने की भी रिपोर्ट है. घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

कौन था संजीव जीवा?
उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा जितना खेती-किसानी के लिए प्रख्यात है, उतना ही गैंगस्टर और अपराधियों के लिए कुख्यात रहा . भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा. 90 के दशक में संजीव माहेश्वरी ने अपना खौफ पैदा शुरू किया, फिर धीरे-धीरे वो पुलिस व आम जनता के लिए सिर दर्द बनता चला गया. हाल में शामली पुलिस ने उसी की गैंग के एक शख्स को एके-47 और सैकड़ों कारतूसों और तीन मैगजीन के साथ पकड़ा था.

संजीव जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था. अपराध की दुनिया में आने से पहले वो एक मेडिकल स्टोर में कंपाउंडर की नौकरी करता था. इसी नौकरी के दौरान जीवा ने मेडिकल स्टोर के मालिक को ही अगवा कर लिया था. इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया. फिरौती दो करोड़ की मांगी थी. इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा. लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी.

10 फरवरी 1997 को हुए ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड के चलते संजीव जीवा का नाम संगीन अपराधी के रूप में जाना जाने लगा. ब्रह्मदत्त द्विवेदी भाजपा के कद्दावर नेता थे. उनकी हत्या के मामले में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. थोड़े दिनों बाद जीवा मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया. इसी कड़ी में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ. बताया जाता है कि कि मुख्तार को आधुनिक हथियारों का शौक था और जीवा के पास हथियारों को जुटाने का तिकड़मी नेटवर्क. इसके चलते उसे अंसारी का खासा अटेंशन मिला. आगे चलकर दोनों का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में आया. हालांकि इस मामले में 2005 में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को बरी कर दिया था.

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए. इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका था. वो काफी समय से जेल में था. उस पर वहीं रहते हुए गैंग चलाने के आरोप लगते रहे. कुछ समय पहले उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी.


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