कानपुर : छोटे भाई को गोली मारकर हत्या करने वाले कलयुगी भाई को पुलिस ने 12 घंटे में दबोचा।

डीसीपी साउथ का बयान कानपुर में एक बड़े भाई ने छोटे भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दोनों छत पर...

दवा व्यापारी से मारपीट: भाजपा नेता और अन्य आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित।

संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी का बयान Kanpur News: दोनों पक्षों के इस घटना लेकर...

कानपुर : CM की कानून व्यवस्था समीक्षा में सीसामऊ और अनवरगंज सर्किल अव्वल, कोतवाली सर्किल फिस्सडी।

सीएम योगी ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की टॉप 10 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बदायूं का...

CM योगी ने महिलाओं के लिए प्रदेश के हर जिले में एक थाने का कोटा किया आरक्षित।

महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद देश का पहला प्रदेश बना यूपी जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी...

Law And Order Meeting: योगी ने ली कप्तानों और कोतवालों की क्लास, प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर को भी मिली फटकार

Lucknow News: कानून व्यवस्था और अपराध को लेकर सीएम योगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महाबैठक...

सीटबेल्ट लगाने के बावजूद नहीं खुला एयरबैग; इकलौते बेटे की मौत, पिता ने आनंद महिंद्रा समेत 13 पर दर्ज करायी FIR..

कानपुर में सड़क हादसे में स्कॉर्पियो सवार युवक की मौत के मामले में आनंद महिंद्रा समेत कंपनी के 13...

Kanpur News: सड़क पर शराब के नशे में बीजेपी नेता का हाईवेल्टेज ड्रामा, युवक को पीट-पीटकर किया मरणासन्न।

कानपुर-भाजपा के पार्षद पति शराब के नशे में युवक की जमकर पिटाई,ओवरटेक करते समय पास ना मिलने पर...

Allahabad High Court में बढ़ी स्थायी न्यायाधीशों की संख्या, मिले 7 नए जज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट के सात एडिश्नल जजों को स्थाई न्यायधीश बनाए जाने को लेकर...

कानपुर: मॉल कर्मी युवती से लूटपात और सामूहिक दुष्कर्म, लोकलाज के डर से नहीं बताई थी आपबीती, तीन गिरफ्तार..

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UP Cabinet Expansion: क्यों नहीं हो पा रहा यूपी में मंत्रिमंडल का विस्तार? BJP की रणनीति में आए बदलाव की ये है वजह

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दिग्गज अभिनेत्री नीलू वाघेला टेलीविजन की सबसे ज्यादा सराही गई अदाकाराओं में से एक है। नीलू राजस्थान की रहने वाली हैं और उनके बेहतरीन काम में ‘दिया और बाती हम’ जैसे कई टॉप रेटेड शोज शामिल हैं। आजाद चैनल पर सोमवार से शनिवार रात साढ़े नौ बजे प्रसारित हो रहे शो ‘पवित्र भरोसे का सफर’ में वह ठकुराइन उमा देवी के रोल को लेकर इन दिनों खासी चर्चा में हैं। एक खास बातचीत में नीलू वाघेला ने अपने रोल के साथ ही और भी बहुत-सी बातों पर एक अपने विचार कुुछ इस तरह से साझा किये।  

  • अपने नए शो ‘पवित्र भरोसे का सफर’ के बारे में बताएं?
    जैसा कि नाम से पता चलता है, यह विश्वास की यात्रा है। यह एक औरत की कहानी है और एक औरत और उसकी जिंदगी से जुड़े सभी विषयों को छूती है, खास तौर पर वे महिलाएं, जो पिछड़ी परंपराओं और संस्कृतियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं। यह शो उन बंदिशों से जुड़ा है, जो दुनिया के बहुत तेजी से आगे बढ़ने के बावजूद अब भी ग्रामीण महिलाओं को घेरे हुए हैं। इन क्षेत्रों की युवतियों को कभी भी अपनी मर्जी से कपड़े पहनने की आजादी नहीं दी जाती, यहां तक कि पढ़ने के लिए घर से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता। उन्हें हमेशा बताया जाता है कि उनके अस्तित्व का एकमात्र उद्देश्य शादी करना है। यह शो कहता है कि आपको सम्मान देना चाहिए लेकिन सम्मान की आड़ में ‘पीड़ा’ नहीं उठानी चाहिए। और दूसरों को महिलाओं का अनुचित फायदा नहीं उठाने देना चाहिए। शो की सोच यह है कि हमारी लड़कियों को इस तरह शिक्षित किया जाना चाहिए कि वे जीवन में किसी के बहकावे में न आएं।
  • अपने रोल के बारे में बताएं?
    मैं इस शो में ठकुराइन उमा देवी बनी हूं। उमा परंपराओं से बंधी है और उनके पति उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। लेकिन जब वो घर की चारदीवारी से बाहर आती हैं तो सम्मान भी हासिल करना चाहती हैं। उमा देवी के किरदार में तीन शेड्स हैं – वो एक पत्नी, एक मां और एक सास है। मुझे उस बदलाव का हिस्सा बनने पर गर्व है, जो आजाद टीवी चौनल लाने की कोशिश कर रहा है। 
  • आप इस शो में कैसे आईं?
    मैंने आज तक शो की पूरी कहानी नहीं सुनी। लेकिन शो के लिए जितने सीन मैंने पहले ही शूट कर लिए हैं, उनमें एक महिला के सभी शेड्स हैं- एक पत्नी, एक मां और एक सास। और कैसे उसके किरदार की बारीकियां हर जीवन चरित्र के साथ बदलती हैं जो वो निभा रही हैं। 
  • आपने इस रोल के लिए कैसे तैयारी की?
    मैं हमेशा एक नैचुरल एक्टर बनने का प्रयास करती हूं, मैंने कोई अभिनय कौशल नहीं सीखा है। मुझे लगता है कि मेरे पास भगवान का उपहार है, जो मुझे किरदार को अच्छी तरह से निभाने की ताकत देता है। मैं किसी भूमिका के लिए बिल्कुल तैयारी नहीं करती, मेरे लिए हर दिन एक परीक्षा की तरह है। 
  • आपने अभिनय में कदम कैसे रखा?
    मैं पांच साल की थी, जब मैं फिल्म बिदाई की शूटिंग देख रही थी जिसमें जीतेंद्र और लीना चंद्रावरकर थे। जीतेंद्र की छोटी बहन के रोल के लिए प्रोडक्शन हाउस किसी की तलाश कर रहा था। मुझे इस रोल की पेशकश की गई। फिल्म में दुर्गा खोटे मेरी मां थीं। उस फिल्म के डायरेक्टर ने भविष्यवाणी की थी कि मैं एक दिन एक्ट्रेस बनूंगी। इसलिए मुझे किसी भी भूमिका के लिए ऑडिशन नहीं देना पड़ा। एक्टिंग तो बस हो गई। मैंने कभी किसी भी रोल के लिए ऑडिशन नहीं दिया। मैंने बतौर लीडिंग लेडी 55 से ज्यादा राजस्थानी फिल्में की हैं। मैंने गोविंदा, राकेश रोशन, आसिफ शेख, राज किरण के साथ काम किया है।

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