कानपुर : देश के प्रसिद्ध उद्योगपति घराने में मचा बवाल, उदितपत सिंघानिया समेत पांच पर FIR…

विज्ञापन कानपुर : शहर के प्रसिद्ध उद्योगपति हेमंत पत सिंघानिया के पौत्र प्रनवपत सिंघानिया ने...

#Kanpur : अवैध निर्माण का विरोध करने पर बुजुर्ग महिला से दबंगई कर रहे दबंग।

कानपुर : काकादेव थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर इलाके में रहने वाली 75 वर्षीय बुजुर्ग लीलावती...

Business news Kanpur : प्रोफिनिटी का यस सिक्योरिटीज से हुआ क़रार, देश के युवाओं को घर बैठे कमाने का मिलेगा शानदार मौका।

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बहराइच हिंसा: रामगोपाल को गोली मारने वाले 5 आरोपी, मुठभेड़ के बाद अरेस्ट।

विज्ञापन बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी. इस घटना के...

कानपुर : मोतीझील से नयागंज स्टेशन तक जल्द चलेगी मेट्रो ट्रेन।

विज्ञापन मेट्रो के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार को मिला मिला मेट्रो मेट्रो मैन ऑफ द ईयर पुरस्कार।...

Kanpur : हिंसा के 32 आरोपियों के मुकदमे वापस लेगी यूपी सरकार, सीएम ने दिए निर्देश।

यूपी सरकार ने साल 2015 में सीसामऊ में हुए हिन्दू-मुस्लिम के बीच हुई हिंसा मामले में आरोपियों पर से...

सुपारी लेकर की गई थी बाबा सिद्दीकी की हत्या? शिंदे सरकार पर विपक्ष के तीखे हमले

मुंबई में अजित पवार गुट के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. बीती रात...

जय प्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि पर राजधानी में दूसरे साल भी हंगामा, अखिलेश जाने की जिद में, यूपी पुलिस रोकने पर अड़ी।

भाजपाई लोग हों या इनकी सरकार, इनका हर काम नकारात्मक का प्रतीक है। पिछली बार की तरह समाजवादी लोग...

Uptvlive Kanpur : आईआईटी की छात्रा ने किया सुसाइड, एक साल में चौथी आत्महत्या से हड़कंप।

उत्‍तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां कानपुर आईआईटी की...

हरियाणा चुनाव में जीती बीजेपी, हिमाचल में बटी जलेबियां जयराम ठाकुर ने लड्डू नहीं जलेबी बांटकर मनाई चुनावों के जीत की खुशी

मंडी. हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशित जीत पर हिमाचल प्रदेश में...
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दिग्गज अभिनेत्री नीलू वाघेला टेलीविजन की सबसे ज्यादा सराही गई अदाकाराओं में से एक है। नीलू राजस्थान की रहने वाली हैं और उनके बेहतरीन काम में ‘दिया और बाती हम’ जैसे कई टॉप रेटेड शोज शामिल हैं। आजाद चैनल पर सोमवार से शनिवार रात साढ़े नौ बजे प्रसारित हो रहे शो ‘पवित्र भरोसे का सफर’ में वह ठकुराइन उमा देवी के रोल को लेकर इन दिनों खासी चर्चा में हैं। एक खास बातचीत में नीलू वाघेला ने अपने रोल के साथ ही और भी बहुत-सी बातों पर एक अपने विचार कुुछ इस तरह से साझा किये।  

  • अपने नए शो ‘पवित्र भरोसे का सफर’ के बारे में बताएं?
    जैसा कि नाम से पता चलता है, यह विश्वास की यात्रा है। यह एक औरत की कहानी है और एक औरत और उसकी जिंदगी से जुड़े सभी विषयों को छूती है, खास तौर पर वे महिलाएं, जो पिछड़ी परंपराओं और संस्कृतियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं। यह शो उन बंदिशों से जुड़ा है, जो दुनिया के बहुत तेजी से आगे बढ़ने के बावजूद अब भी ग्रामीण महिलाओं को घेरे हुए हैं। इन क्षेत्रों की युवतियों को कभी भी अपनी मर्जी से कपड़े पहनने की आजादी नहीं दी जाती, यहां तक कि पढ़ने के लिए घर से बाहर भी नहीं जाने दिया जाता। उन्हें हमेशा बताया जाता है कि उनके अस्तित्व का एकमात्र उद्देश्य शादी करना है। यह शो कहता है कि आपको सम्मान देना चाहिए लेकिन सम्मान की आड़ में ‘पीड़ा’ नहीं उठानी चाहिए। और दूसरों को महिलाओं का अनुचित फायदा नहीं उठाने देना चाहिए। शो की सोच यह है कि हमारी लड़कियों को इस तरह शिक्षित किया जाना चाहिए कि वे जीवन में किसी के बहकावे में न आएं।
  • अपने रोल के बारे में बताएं?
    मैं इस शो में ठकुराइन उमा देवी बनी हूं। उमा परंपराओं से बंधी है और उनके पति उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं। लेकिन जब वो घर की चारदीवारी से बाहर आती हैं तो सम्मान भी हासिल करना चाहती हैं। उमा देवी के किरदार में तीन शेड्स हैं – वो एक पत्नी, एक मां और एक सास है। मुझे उस बदलाव का हिस्सा बनने पर गर्व है, जो आजाद टीवी चौनल लाने की कोशिश कर रहा है। 
  • आप इस शो में कैसे आईं?
    मैंने आज तक शो की पूरी कहानी नहीं सुनी। लेकिन शो के लिए जितने सीन मैंने पहले ही शूट कर लिए हैं, उनमें एक महिला के सभी शेड्स हैं- एक पत्नी, एक मां और एक सास। और कैसे उसके किरदार की बारीकियां हर जीवन चरित्र के साथ बदलती हैं जो वो निभा रही हैं। 
  • आपने इस रोल के लिए कैसे तैयारी की?
    मैं हमेशा एक नैचुरल एक्टर बनने का प्रयास करती हूं, मैंने कोई अभिनय कौशल नहीं सीखा है। मुझे लगता है कि मेरे पास भगवान का उपहार है, जो मुझे किरदार को अच्छी तरह से निभाने की ताकत देता है। मैं किसी भूमिका के लिए बिल्कुल तैयारी नहीं करती, मेरे लिए हर दिन एक परीक्षा की तरह है। 
  • आपने अभिनय में कदम कैसे रखा?
    मैं पांच साल की थी, जब मैं फिल्म बिदाई की शूटिंग देख रही थी जिसमें जीतेंद्र और लीना चंद्रावरकर थे। जीतेंद्र की छोटी बहन के रोल के लिए प्रोडक्शन हाउस किसी की तलाश कर रहा था। मुझे इस रोल की पेशकश की गई। फिल्म में दुर्गा खोटे मेरी मां थीं। उस फिल्म के डायरेक्टर ने भविष्यवाणी की थी कि मैं एक दिन एक्ट्रेस बनूंगी। इसलिए मुझे किसी भी भूमिका के लिए ऑडिशन नहीं देना पड़ा। एक्टिंग तो बस हो गई। मैंने कभी किसी भी रोल के लिए ऑडिशन नहीं दिया। मैंने बतौर लीडिंग लेडी 55 से ज्यादा राजस्थानी फिल्में की हैं। मैंने गोविंदा, राकेश रोशन, आसिफ शेख, राज किरण के साथ काम किया है।

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