Kanpur News: अपने आश्रम में डॉक्टर की पिटाई मामले के बाद संतोष सिंह भदौरिया उर्फ कानपुर वाले करौली बाबा लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. सोशल मीडिया पर बाबा के कई दावे वायरल हो रहे हैं. इस बीच यूपी तक की टीम ने बाबा के आश्रम में जाकर उनकी लाइफ स्टाइल के बारे में कुछ अहम जानकारियां हासिल की हैं. ऐसा कहा जाता है कि किसान नेता रहे संतोष सिंह भादौरिया ने बाबा करौली बनते ही कुछ ही सालों में अरबों की संपत्ति अर्जित कर ली. इसी के साथ उन्होंने महंगा और स्टाइलिश रहन सहन भी मेंटेन करा हुआ है. इसी में शामिल है उनकी करोड़ों रुपये की गाड़ियां का जखीरा, जिसे बाबा खुद और उनके सुरक्षाकर्मी चलते हैं. बाबा के आश्रम में लाइन लगाकर करोड़ों रुपये की कीमत की गाड़ियां मौजूद हैं. आश्रम के ही अंदर एक बड़ा सा गैराज है, जहां पर बाबा की ये सारी गाड़ियां खड़ी होती हैं. इस गैराज में 30 गाड़ियां खड़े होने की जगह है.
सभी गाड़ियों पर लगा है ‘करौली सरकार’ का स्टीकर
आपको बता दें कि सभी गाड़ियां सफेद रंग की हैं और के पीछे ‘करौली सरकार’ का स्टीकर लगा हुआ है. बाबा के फ्लीट में एक रेंज रोवर की डिफेंडर गाड़ी है, जिससे बाबा खुद चलते हैं. इसकी कीमत दो करोड़ रुपये के ऊपर है और उसके ऊपर मोडिफिकेशंस अलग से हैं. साथ में बाबा के बाउंसर और सिक्योरिटी के चलने के लिए गाड़ियां अलग से हैं, जिनमें फोर्ड इंडेवर, किया कार्निवल, टोयोटा इनोवा और फॉर्च्यूनर गाड़ियां शामिल हैं.
यूपी तक की टीम ने मौके पर 12 से 13 लग्जरी गाड़ियां गैराज में खड़ी पाईं. बाबा का परिवार आश्रम से बाहर गया हुआ था, जिनके साथ चार से पांच गाड़ियों का काफिला चलता है. वे गाड़ियां भी बाबा की फ्लीट में शुमार हैं. मिली जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले बाबा बीएमडब्ल्यू के शोरूम खुद गए थे और उन्होंने यहां बीएमडब्ल्यू की 7-series गाड़ी ददेखी थी. चर्चा है कि बाबा अब ये गाड़ी भी खरीद सकते हैं.
अपनी लाइफ स्टाइल को लेकर बाबा ने कही ये बात
करौली बाबा से उनकी स्टाइलिश लाइफ स्टाइल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, “मैं बाकी बाबा जैसे नहीं हूं, जो चोला ओढ़कर, धोती पहन कर बैठूं. इनकम टैक्स देता हूं. डंके की चोट पर कहता हूं कि मेरे पास पैसा है, तो मैं उसी हिसाब से जीवन व्यतीत करूंगा.”
आपको बता दें कि बाबा एक दिन के हवन का डेढ़ लाख रुपये भी लेते हैं. पूजा सामग्री की फैक्ट्रियां बाबा ने खुद लगा रखी हैं, जहां पर सब सामान बनता है और उसे अपने ही रेट पर आश्रम में बेचा जाता है.
कैंटीन से लेकर आइसक्रीम पार्लर तक ट्रैवल टिकट डेस्क और होटल बुकिंग के काउंटर सब आश्रम में मौजूद हैं.
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