कानपुर हाईवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने की कवायद तेज हो गई है। अब कानपुर से आने वाले वाहन सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होते हुए अयोध्या जा सकेंगे। फोर लेन के इस रूट को नेशनल हाईवे घोषित कराने की भी तैयारी है। भविष्य में बढ़ते ट्रैफिक के लोड को देखते हुए यह रोड तैयार किया जा रहा है। भारी वाहनों के लिए भी यहां से आना जाना आसान हो जाएगा।
लखनऊ। कानपुर हाईवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने की कवायद तेज हो गई है। अब कानपुर से आने वाले वाहन सीधे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होते हुए अयोध्या जा सकेंगे। बनी से आगे दाहिनी ओर मोहनलालगंज मोड़ से मौरावा होते हुए गोसाईगंज (38 किमी.) रूट को फोर लेन बनाया जाएगा। फोर लेन के इस रूट को नेशनल हाईवे घोषित कराने की भी तैयारी है।
भविष्य में बढ़ते ट्रैफिक के लोड को देखते हुए यह रोड तैयार किया जा रहा है। रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल 18 पहियों वाले ट्रक और दूसरे भारी वाहन मोहनलालगंज से पूर्वांचल एक्सप्रेस पर नहीं जा पाते, क्योंकि सड़क संकरी होने के कारण मुड़ना संभव नहीं हो पाता है।
हाईवे बनने से विकास को मिलेगी गति
फोर लेन नेशनल हाईवे बनने के बाद भारी वाहनों के लिए भी यहां से आना जाना आसान हो जाएगा। हाईवे बनने से विकास को गति मिलेगी और जमीनों के दाम भी बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे के शिलान्यास से तीन दिन पहले यह प्रस्ताव रक्षामंत्री के जरिए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को दिया गया था।
80वें माइल स्टोन के पास से सीधे अयोध्या जा सकेंगे लोग
शिलान्यास के दौरान ही नितिन गडकरी ने कानपुर एक्सप्रेस वे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के प्रोजेक्ट पर सैद्धांतिक सहमति जताई थी। दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि कानपुर हाईवे से लाखों श्रद्धालु अयोध्या जाते हैं जिनको अभी लंबा रूट तय करना पड़ता है। फोर लेन नेशनल हाइवे बनने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के 80वें माइल स्टोन के पास से सीधे अयोध्या जा सकेंगे। इसके अलावा सुल्तानपुर, रायबरेली, कानपुर व मोहान रोड भी हाईवे से जुड़ जाएगा। गुजरात, राजस्थान, नागालैंड, मध्य प्रदेश व दक्षिण भारत से आने वाले भारी वाहनों के लिए यह रूट मददगार साबित होगा।
एससीआर की परिकल्पना हो रही साकार
उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का गठन इसीलिए किया गया है ताकि विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर से कई जिलों को एक साथ फायदा मिले। एससीआर में शामिल लखनऊ के अलावा हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली व बाराबंकी के कुल 27,826 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक साथ विकास की परिकल्पना साकार हो रही है। कानपुर हाइवे से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को कनेक्ट करना एससीआर के विस्तार की दिशा में कदम है।
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